Jharkhand Election Result: जानें कैसे होती है वोटों की गिनती, कई बार रूझान ही तय कर देते हैं परिणाम

Jharkhand Election Result 2019: झारखंड विधानसभा चुनावों को लेकर आज मतगणना शुरू हो चुकी है। मतगणना की प्रकिया जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, राजनीतिक दलों से लेकर पार्टी समर्थकों तक की सांसे थमी हुई है। चुनावों को लेकर रूझान आने शुरू हो गए है। परन्तु वोटों की गिनती के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी कि कौन होगा झारखंड का अगला मुख्यमंत्री।
ताजा रुझानों पर नजर डाले तो अभी बीजेपी पीछे चल रही है। कांग्रेस और जेएमएम को बहुमत मिलता दिख रहा है। पर यह अभी रुझान है, परिणाम आने अभी बाकि हैं।आइयें जानें क्या होते हैं रुझान, जिस पर परिणाम निर्भर करते है।
क्या होते हैं रूझान
रुझान,चुनाव परिणाम साफ होने से पहले की प्रकिया में शामिल है। बता दें कि जब वोटों की गिनती शुरू होती है, तो जो पहले नतीजे सामने आते है, उसे रूझानों का नाम दिया जाता है। किन सीटों पर कौन सा प्रतिनिधि आगे चल रहा है,यह स्थिति थोड़ी साफ हो जाती है। इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि वह रूझान आगे भी ऐसे ही बने रहे। रुझान कभी भी बदल सकते है। कहा जाए तो रुझान पार्टियों को एक छोटी खुशी जरुर दे सकता है। वोटोें की काउंटिंग पूरी होने के बाद ही यह साफ होता है कि आखिर ताज किसके सर सजेगा।
एक आदमी में यह जानने की उत्सुकता होती है कि आखिर मतगणना कैसे होती है।इसे पूरा कैसे किया जाता है। दरअसल मतगणना का काम सुबह आठ बजे से मतगणना केंद्रों पर शुरू होता है।
कैसे होती है वोटों की गिनती
मतगणना की सारी प्रकिया एक लंबे दौर से होकर गुजरती है।राज्य के साथ केन्द्र के अधिकारी,पुलिसकर्मी और मतगणना के लिए तय किए गए कर्मचारी मौजूद होते हैं। मतदान खत्म होते ही ईवीएम मशीन को सील करके मतगणना रुम में लाकर रख दिया जाता है। जिसे कड़ी सुरक्षा में रखा जाता है। स्ट्रा्ग रुम तीन तरह के सुरक्षा घेरों से घिरा होता है। जिससे कोई उसके साथ छेड़छाड़ न कर सके।
- ♦ मतगणना के दिन यह प्रकिया सुबह 7 से 8 के बीच में शुरू हो जाती है।
- ♦ हर घण्टे में 4 राउड की कांउंटिंग होती है। जिस विधानसभा में सबसे कम राउंड होते है, वहां के मतों की गिनती पहले शुरू की जाती है।
- ♦ सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती शुरु होती है। उसके बाद उसे पोस्टल बैलेट पर भेज दिया जाता है।
- ♦ पोस्टल बैलैट की गिनती शुरु होने के आधे घण्टे बाद ही ईवीएम से गिनती शुरू की जाती है।
- ♦ एक बार में ज्यादा से ज्यादा 14 ईवीएम की गिनती शुरू की जाती है।
- ♦ मतगणना पर्यवेक्षक काउंटिंग कर्मियों की मदद से की जाती है।
- ♦ काउंटिंग से पहले मशीन की सुरक्षा की जांच की जाती है। यह देखा जाता है कि कहीं मशीन से छेड़छाड़ तो नही हुई है।
- ♦ मतगणना सुपरवाइजर एजेंट को बताते है कि कैसे वोटों की संख्या आती है। उसे रिजल्ट बटन कहा जाता है, उसे दबाकर सारे वोटों की संख्या समाने आ जाती है।
- ♦ वोटों की गिनती में लगा कर्मचारी हर उम्मीदवार पर पडे वोटों की संख्या लिखकर उसे रिटर्निंग आफिसर को भेज देता है।
- ♦ एक चरण के मतगणना की प्रकिया पूरी होते ही कर्मचारी सारी जानकारी रिटर्निंग आफिसर को दे देते है। ऐसे में नतीजे घोषित किए जाते है।
- ♦ हर राउंड की गिनती के बाद ईवीएम डाटा और शीट में भरे डाटा का मिलान किया जाता है।
- ♦ मतगणना स्थल पर लगे बोर्ड पर वोटों की गिनती लगा दी जाती है। हर चरण की गिनती इसी प्रकिया से होकर गुजरती है।
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