Lok Sabha Elections 2019 : बिरसा मुंडा की धरती पर छह मई को आदिवासी करेंगे चुनाव का बहिष्कार

चुनाव प्रचार का शोर झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुनाई नहीं देता जहां गांव के प्रवेशद्वार पर ही 'पत्थलगड़ी' लगी है जिस पर लिखा है कि यहां के निवासी अपने नियमों से ही नियंत्रित हैं और सभी बाहरी प्रतिबंधित हैं, चाहे वे नेता हों या कहीं से घूमते फिरते आया कोई आगंतुक। देश के अन्य क्षेत्रों के उलट ये गांव, विशेष तौर पर पत्थलगड़ी के तहत आने वाले गांव अलग नियमों से शासित होते हैं जहां 'ग्रामसभा' या ग्रामीण पंचायत सर्वोच्च होती है।
बिरसा मुंडा की धरती कही जाती है
झारखंड की राजधानी रांची से मात्र 50 किलोमीटर दूर स्थित खूंटी जिले में 100 से अधिक पत्थलगड़ी गांव हैं जहां आदिवासी किसी प्राधिकारी को नहीं मानते और संविधान के प्रति निष्ठा नहीं रखते। यह बिरसा मुंडा की धरती है जिन्होंने 19वीं सदी में अंग्रेजों के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया था और बिरसा मुंडा को भगवान की तरह पूजा जाता है। खूंटी झारखंड के 14 संसदीय सीटों में से एक है जो आरक्षित है।
मुंडाओं में हो रही सीधी भिड़ंत
यहां मुकाबला भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और कांग्रेस के कालीचरण मुंडा के बीच है। यहां मतदान छह मई को होने वाला है। मतदाताओं के बीच अजीब सी चुप्पी व्याप्त है। आदिवासी कह रहे हैं कि वे चुनाव का बहिष्कार करेंगे। माकी टूटी (42) ने भंडरा गांव के बाहर लगे पत्थलगड़ी की पूजा करने के बाद दावा किया कि हमारे अधिकार (मुख्यमंत्री) रघुबर दास ने छीन लिए हैं। कोई अधिकार नहीं, कोई वोट नहीं। ग्रामीण हरेक बृहस्पतिवार को पत्थलगड़ी की पूजा करते हैं।
सरकार और कानून व्यवस्था पर नहीं है भरोसा
गांवों में दिकुओं या बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश की सख्त मनाही है लेकिन यह रिपोर्टर ग्रामीणों से बात करने के लिए पत्थलगड़ी नेताओं के जरिये प्रवेश करने में सफल रही। छह मई के चुनाव में मात्र दो दिन बचे हैं लेकिन 11 में से कोई भी उम्मीदवार अभी तक अंदरूनी क्षेत्रों में नहीं पहुंच पाया है। इन लोगों को सरकार और चुनावी व्यवस्था में कोई आस्था नहीं है लेकिन यह तथ्य खाई को और बढ़ाता है कि खूंटी जिले के गांवों में सर्वाधिक मूलभूत सुविधाओं तक की कमी है।
मतदाताओं ने क्या कहा
रतन टूटी (50) ने कहा कि हमारे गांव में कोई सुविधा नहीं है। सरकार ने हमारे लिए कुछ भी नहीं किया...हम बिना किसी हस्तक्षेप के शांतिपूर्ण तरीके से रहना चाहते हैं। बिंदी नाग (27) ने कहा कि उसकी एकमात्र इच्छा यह है कि सरकार युवाओं को प्रताड़ित करना बंद करे। हर गांव में यही कहानी है। चाहे हशातु या चमडीह, सिलाडोन या कुमकुमा हो जो भी कोई गांव में आता है वह सबसे पहले पत्थलगड़ी लगा देखता है जिस पर लिखा होता है कि आदिवासी किसी भी राज्य या केंद्र सरकार के किसी भी प्राधिकार को खारिज करते हैं।
पत्थलगड़ी गांवों द्वारा चुनाव खारिज करने के सवाल पर खूंटी विधायक एवं राज्य के मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि यह कोई विषय नहीं है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के अधिकारों के उल्लंघन का कोई सवाल नहीं है। काफी विकास कार्य हुआ है। सड़कें रांची से बेहतर हैं और आप इसी कारण से यहां पहुंच सकीं। वे कांग्रेस उम्मीदवार कालीचरण मुंडा के भाई भी हैं।
भाजपा ने आठ बार के सांसद करिया मुंडा का टिकट काटकर अर्जुन मुंडा को यहां से टिकट दे दिया। इससे यह सीट काफी हाई-प्रोफाइल बन गई है।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS