Climate Change: बदलते मौसम के साथ बढ़ेगी घरेलू हिंसा, स्टडी में हुआ ये बड़ा खुलासा, जानें भारत का स्थान

Climate Change: समाज में बढ़ रही हिंसा में इंसान की सोच और संस्कार का जितना हाथ है, उससे कहीं ज्यादा बदलता क्लाइमेट भी हैं। हम सभी ने क्लास छठी-सातवीं में पढ़ा है कि बदलते जलवायु का असर बच्चों पर पड़ता है। जिससे उनकी जल्दी ग्रोथ देखने को मिलती है, लेकिन जलवायु परिवर्तन का असर इतना ही नहीं, बल्कि हमारे आस-पास हो रही हिंसा से भी है।
पहले की अपेक्षा आज घरेलू हिंसा का स्तर बहुत बढ़ता जा रहा है। आज लोग सामने वाले शख्स पर हाथ उठाने से लेकर मौत के घाट उतारने में एक बार भी नहीं सोचते। इतना ही नहीं, बल्कि आने वाले समय में घरेलू हिंसा के मामले और तेजी से बढ़ेंगे।
टेम्परेचर और बदलते मौसम के कारण हमारे जीवन में बहुत सारे परिवर्तन होते हैं। जैसे व्यवहार में अचानक चेंज होना, गुस्सा आना इत्यादि। जिन पर हम गौर नहीं करते। भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी क्लाइमेट चेंज के कारण डोमेस्टिक वाइलेंस, सेक्सुअल हैरेसमेंट की घटनाएं बढ़ रही हैं।
ग्लोबल वार्मिंग का इफेक्ट हमारी पर्सनल लाइफ पर भी पड़ रहा है। महिलाओं के ऊपर उनके पार्टनर के द्वारा हो रहे क्राइम में बढ़ोतरी हो रही है। जिसे हम इंटिमेट पार्टनर वायलेंस (IPV) भी कहते हैं।
तेजी से बढ़ते घरेलू हिंसा के केस
3 दक्षिण एशियाई देश (भारत, नेपाल और पाकिस्तान) में 15 से 49 साल की 1.50 लाख से अधिक महिलाओं को शामिल किया गया तथा उनके साथ हुए वाइलेंस पर अध्ययन किया गया। जिससे यह ज्ञात हुआ कि इन सभी घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है। इस स्टडी में 1 अक्टूबर, 2010 से 30 अप्रैल, 2018 तक के डाटा शामिल किए गए थे। और करंट स्टडी के लिए 2 जनवरी, 2022 से 11 जुलाई, 2022 तक के डाटा कलेक्ट किए गए थे। इस स्टडी के रिजल्ट JAMA Psychiatry में दिए गए हैं।
महिलाओं के साथ बढ़े इंटिमेट पार्टनर वायलेंस के केस
इस केस की स्टडी चीन, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, तंजानिया और इंग्लैंड के वैज्ञानिकों के एक इंटरनेशनल ग्रुप ने किया है। इस स्टडी में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि बदलते मौसम के साथ इंटिमेट पार्टनर वायलेंस की घटनाएं बढ़ रही हैं।
तापमान बढ़ने पर घटनाओं पर होगी वृद्धि
आने वाले समय में जितनी तेजी से क्लाइमेट चेंज होगा। उतनी तेजी से हिंसा में बढ़ोत्तरी होगी। स्टडी के अनुसार, जब वार्षिक तापमान 1 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाता है तो IPV में 4.9 फीसदी की वृद्धि होती है।
वाइलेंस टाइप एंड डाटा
इस सदी के खत्म होने तक IPV की दर में 21 फीसद की बढ़ोत्तरी हो सकती है, क्योंकि हम सभी लगातार कार्बन उत्सर्जन के कारण तापमान को बढ़ते हुए देख रहे हैं। अगर ग्लोबल वर्मिंग नहीं रोका गया, तो महिलाओं के साथ हो रही हिंसा में तेजी से बढ़ोतरी होगी। शारीरिक हिंसा (Physical Violence) के मामलों में 28.3 फीसद, यौन हिंसा के मामलों में 26.1 फीसद और भावनात्मक हिंसा (Emotional Violence) के मामलों में 8.9 फीसद की वृद्धि होगी।
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आने वाले समय में भारत में सबसे ज्यादा इंटिमेट पार्टनर वायलेंस के केस होंगे। साल 2090 तक, IPV की दर में 23.5 फीसद की बढ़ोतरी होगी। दूसरे नंबर पर नेपाल, यहां पर IPV में 14.8 फीसद दर के साथ बढ़ेगा, जबकि पाकिस्तान सबसे कम IPV वाले देश के रूप में 5.9 फीसदी के साथ रहेगा। यह स्टडी जुलाई 2022 के अनुसार है।
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