Delhi Metro Facts: पहली बार दिल्ली में इन दो स्टेशनों के बीच चली थी मेट्रो, जानें पूरी डिटेल्स

Delhi Metro Facts: दिल्लीवासियों की जिंदगी को सरल बनाती दिल्ली मेट्रो रेल (Delhi Metro Rail) देश की सबसे व्यस्त रेल लाइन है। मेट्रो आपकी भागदौड़ भरी जिंदगी में एक अहम रोल निभाती है। हर रोज लाखों यात्री इससे सफर करते हैं। मेट्रो का जाल न सिर्फ दिल्ली बल्कि फरीदाबाद (Faridabad), गुरुग्राम (Gurugram), नोएडा (Noida) और ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के बीच फैला हुआ है। दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) कुल 348.12 किलोमीटर की एरिया को कवर करती है।
This Day, That Year!
— Delhi Metro Rail Corporation I कृपया मास्क पहनें😷 (@OfficialDMRC) October 1, 2019
Construction on Delhi Metro began on this day in 1998. What could only be referred to as a leap of faith, the Metro is now the lifeline of Delhi NCR. We're grateful to all those who have helped us along the way in building this World-class engineering marvel. pic.twitter.com/e07HrjQUay
3 मई 1995 में भारत सरकार और दिल्ली सरकार ने साथ मिलकर दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (Delhi Metro Rail Corporation) नामक कंपनी की स्थापना की गई थी। इस कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर बनाए गये ई श्रीधरन (E. Sreedharan), जिन्हें हम 'मेट्रो मैन' (Metro Man) के नाम से भी जानते हैं। इसका कंस्ट्रक्शन शुरु हुआ 1 अक्टूबर 1998 में और साल 2002 में दिल्ली मेट्रो चलने के लिए तैयार थी। 25 दिसंबर साल 2002 को दिल्ली में पहली मेट्रो चलाई गई। दिल्ली मेट्रो पहली बार शाहदरा (Shahdara) से लेकर तीस हजारी (Tees Hazari) स्टेशन पर चलाई गई थी। ये स्टेशन अब रेड लाइन (Red Line) के बीच है। जो एलिवेटेड स्टेशन हैं। इसके बाद येलो लाइन (Yellow Line) की शुरुआत हुई साल 2004 में दिल्ली की पहली अंडरग्राउंड मेट्रो विश्विद्यालय (Vishwa Vidyalaya) से लेकर कश्मीरी गेट (Kashmere Gate) के बीच चलाई गई। इसे 20 दिसंबर से आम जनता के लिए खोल दिया गया था। जहां पहली एलिवेटेड मेट्रो का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने किया था। वही अंडरग्राउंड मेट्रो की शुरुआत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के फीता काटने के साथ हुई थी।
डीएमआरसी (DMRC) ने शहरी वातावरण और समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बहुत ही कम समय में इसका पहला फेज तैयार किया था। डीएमआरसी को लोगों को काम पर रखने, टेंडर्स पर निर्णय लेने और फंड को नियंत्रित करने का पूरा अधिकार दिया गया था। इसके बाद डीएमआरसी ने 'हांगकांग एमटीआरसी' (Hong Kong MTRC) को रैपिड ट्रांजिट ऑपरेशन और निर्माण तकनीकों पर एक तकनीकी सलाहकार के रूप में नियुक्त किया। इसके बाद 65 किलोमीटर के अंदर फैले दिल्ली मेट्रो के फेज 1 (Delhi Metro Phase 1) का कार्य किया गया। इस कार्य में ज्यादा किसी अड़चन के बिना इसे पूरा किया गया और 25 दिसंबर 2002 से 11 नवंबर 2006 तक रेड, येलो और ब्लू लाइन पर बने 59 मैट्रो स्टेशन के साथ दिल्ली मेट्रो का पहला फेज तैयार हो चुका था।
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