Facts About Delhi: भारत की राजधानी से जुड़े कुछ अनसुने किस्सें, जिन पर यकीन कर पाना होगा मुश्किल

Facts About Delhi: दिल्ली नाम अपने आप में कई रहस्यों को छिपा कर रखा है। दिल्ली दिल वालों के साथ ही कई और चीजों के लिए भी विश्व-भर में प्रसिद्ध है। आज हम बात करेंगे दिल्ली के ऐसे विषय के बारे में जिसे शायद ही आप जानते होंगे। जानिए दिल्ली के अनसुने किस्से। कभी राजनीति के हलचल का केंद्र, तो कभी किसी अपराध के कारण और साथ ही प्रदूषण में दूसरे नंबर पर रहने वाली दिल्ली की चर्चा अक्सर बनी ही रहती है।
आपको बता दें कि दिल्ली यू हीं भारत की राजधानी के रूप में शुमार नहीं हुई। दिल्ली में ऐसी चीजें मौजूद हैं, जिसके बारे में शायद ही आप जानते होंगे। खाने की बात करें, तो दिल्ली के पास भारत का सबसे पुराना रेस्टोरेंट और घूमने के लिए ऐतिहासिक जगह हैं। जिसका इतिहास खुद में बहुत अलग हैं।
दुनिया के सबसे महंगे प्लेस में शामिल
हम सभी ने दिल्ली को कभी न कभी तो घुमा होगा। अगर नहीं, तो घूमने का प्लान किया तो होगा कभी न कभी। आपको बता दें कि दिल्ली में एक ऐसी जगह है, जो दुनिया के महंगे ऑफिस स्पेस की लिस्ट में शामिल है। यह जगह है दिल्ली का कनॉट प्लेस। कनॉट प्लेस (Connaught Place) को लोग CP भी कहते हैं। Connaught Place को सन् 1920 में आर्किटेक्ट रॉबर्ट टोर रसेल द्वारा डिजाइन किया गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कनॉट प्लेस दुनिया के 9वें सबसे महंगे बाजार में से एक है।
कनॉट प्लेस
दिल्ली और नई दिल्ली में फर्क
हम सभी जब दिल्ली के बारे में बात करते हैं, तो उस बात में दिल्ली, नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली का जिक्र जरूर होता है, लेकिन क्या आपको पता है। दिल्ली, नई दिल्ली में क्या फर्क है। नई दिल्ली, दिल्ली दोनों जगह अलग हैं। नई दिल्ली, दिल्ली का ही हिस्सा है। 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में जब भारत की राजधानी (कोलकाता) को दिल्ली लाया गया, तब नई दिल्ली को बनाया गया। वह स्थान जहां पर संसद भवन, सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रपति भवन स्थित है। दिल्ली, एनसीआर का एक हिस्सा है, जो मुगलों के काल में बने किलों, भवनों, मकबरों और अन्य ऐतिहासिक स्थलों के लिए मशहूर है।
दिल्ली और नई दिल्ली में फर्क
कभी लाल किले का रंग हुआ करता था सफेद
देश का प्रतिष्ठित लाल-किला जहां स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रध्वज लहराया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि लाल किले का रंग लाल नहीं, बल्कि सफेद था। पुरातत्व के सर्वे के अनुसार, लाल किले को चूना और पत्थर से मिलाकर बनाया गया था। जब कभी बरसों के बाद इस किले की दीवारों के पत्थर खराब होकर झड़ने लगे, तब अंग्रेजों ने इसे सुरक्षित रखने के लिए लाल रंग से रंग दिया था। आपको यहां की दीवारों पर दीवान-ए-खास जैसी संरचनाएं देखने को मिल जाएगी, जो सफेद संगमरमर के पत्थरों से बना है।
लाल- किला
एशिया का सबसे बड़ा मसाला बाजार
भारतीय खाने में मसालों का जब तक जायका न हो, तब तक खाने में स्वाद कहां। मसालों की बात कर दी है, तो दिल्ली में खारी बावली एशिया का सबसे बड़ा मसाला बाजार है। 17वीं सदी में बसाया गया खारी बावली बाजार ने आज भी अपनी पहचान को बरकरार रखा है। मसालों की खुशबू से अगर रू-ब-रू होना है, तो फतेहपुर मस्जिद के पास स्थित खारी बावली बाजार जाना मत भुलिएगा।
खारी बाउली
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दिल्ली के ऐतिहासिक गेट
दिल्ली जहां ऐतिहासिक इमारतों, किलों और स्थलों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है, तो वहीं दिल्ली में स्थित गेट, जो दुनियाभर में फेमस हैं। इन दरवाजों का इतिहास भी उतना ही पुराना है। इनका निर्माण शहर में शासन कर रहे शासकों ने 8वीं सदी से लेकर 20वीं सदी के मध्य में कराया था। प्राचीन काल से लेकर ब्रिटिश काल तक, पूरे शहर में 14 गेट थे, जिनमें से अब केवल पांच दरवाजे ही सही सलामत बचे हैं। रॉबर्ट स्मिथ ने 1835 में द कश्मीरी गेट को बनवाया था, जो शहर का सबसे उत्तरी द्वार है।
सन् 1644 में बना 'अजमेरी गेट' अजमेर के सामने है, तो वहीं 'लाहोरी गेट' लाल किले का मुख्य प्रवेश द्वार है। दिल्ली गेट जिसे दिल्ली दरवाजा भी कहा जाता है। यह दरवाजा लाल किले के अंदर जाने का दूसरा रास्ता है। 13वीं सदी में तैयार हुआ तुर्कमान गेट शाहजहानाबाद में मौजूद है। आज के समय का सबसे महत्वपूर्ण स्थल इंडिया गेट है।
ऐतिहासिक गेट
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