Gandhi Jayanti 2023: देश का ऐसा मंदिर जहां भगवान की तरह पूजे जाते है राष्ट्रपिता,जानें इतिहास

Gandhi Jayanti 2023: देश को आजाद कराने में भारत के सपूतों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। देश को गुलामों की चंगुल से मुक्त कराने में हर एक स्वतंत्रता सेनानी ने अपनी जान दांव पर लगा दी। नरम दल हो या गरम दल सभी ने देश के दुश्मनों को मार भगाया और देश को आजाद कराया। अंहिसा के पथ पर चलने वाले मोहनदास करमचन्द्र गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में पोरबंदर में हुआ था। महात्मा गांधी ने ब्रिटिश राज से सत्ता वापस लेने के लिए असहयोग आंदोलन(1920), सविनय अवज्ञा आंदोलन(1930) और भारत छोड़ो आंदोलन(1942) जैसे आंदोलन चलाएं। गांधी जी के बिना देश भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की कल्पना भी नहीं कर सकता था। देश में स्वतंत्रता सेनानियों को भगवान के रूप में देखा जाता है। अगर आपको धर्म और देशभक्ति का संगम देखना हो तो छत्तीसगढ़ की यात्रा जरूर करें।
भगवान के रूप मे राष्ट्रपिता
स्वतंत्रता की लड़ाई में गांधी की भूमिका को पीढ़ी दर पीढ़ी याद किया जाएगा। स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे बड़े अगुवा देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी थे। महात्मा गांधी से जुड़े तमाम किस्सों के बारे में हम सभी ने सुना है। लेकिन क्या आपको देश के ऐसे मंदिर के बारे में पता जहां पर बापू को भगवान की तरह पूजा जाता है। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़, धमतरी के सटियारा में देश का एक ऐसा मंदिर है, जहां पर लोग देवी देवताओं के साथ महात्मा गांधी की भी पूजा करते हैं। यह गांव गंगरेल बांध की खूबसूरत हसीन वादियों के पास बसा हुआ है। इस मंदिर में आज भी महात्मा गांधी और उनके विचारों की प्रासंगिकता बरकरार है। देश के हजारों लोग गांधी को अपना आर्दश गुरू मानते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी को भगवान की तरह पूजा जाता है। इस मंदिर में बकायदा गांधी जी की प्रतिमा स्थापित की गई है।
मंदिर की खासियत
यह मंदिर मंगलुरु के श्री ब्रह्म बैदरकला क्षेत्र के गरोडी में मौजूद है। महात्मा गांधी को मानने वाले लोग इस मंदिर में रोजाना तीन बार पूजा करते हैं। पूजा के साथ प्रतिदिन गांधी जी की मूर्ति के पास एक दीपक जलाया जाता है।
गांधी जयंती पर मंदिर में विशेष पूजा
इस मंदिर में साल 1948 में गांधी जी की मिट्टी की मूर्ति स्थापित की गई थी। इसके बाद सन् 2006 में महात्मा गांधी की संगमरमर की मूर्ति लगाई गई। गांधी जयंती के दिन गांधी के अनुयायी मंदिर में विशेष पूजा कर गांधी जी को फल, मिठाई के अलावा ब्लैक कॉफी का भोग लगाते हैं। इसके बाद गांधी जी के बताए रास्ते यानी सत्य और अहिंसा पर चलने का प्रण लेते हैं।
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