आखिर ट्रेन की छत पर छोटे-छोटे ढक्कन क्यों लगाए जाते हैं? यहां जानिए असली वजह

Indian Railways Interesting Facts: आप सभी ने ट्रेन तो देखी ही है, ट्रेन की छत पर बने ढक्कनों को भी देखा होगा। क्या आप जानते हैं कि ट्रेन की छत पर बने ढक्कन का क्या काम होता है? रेलवे द्वारा यह कैप क्यों लगाए जाते है? अगर नहीं, तो आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि रेलवे ने ट्रेन में इन ढक्कन को क्यों लगा रखा है।
रूफ वेंटिलेटर (Roof Ventilator) होते हैं ये ढक्कन
ट्रेन की छतों पर इन खास तरह की प्लेटों या छोटे-छोटे ढक्कनों को कैप रूफ वेंटिलेटर (cap roof ventilator) कहते है। ट्रेन में एक साथ अधिक लोग सफर करते है, इनकों यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगाया जाता है। अगर ट्रेन की छत पर यह ढक्कन न हो तो सभी कोच में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है।
रूफ वेंटिलेटर काम कैसे करते हैं
कैप रूफ वेंटिलेटर (Cap Roof Ventilators) ट्रैन में यात्रियों की सुरक्षा करते है। जब यात्रियों की संख्या ज्यादा हो जाती है तो रूफ वेंटिलेटर ट्रैन गर्मी और सफोकेशन (heat and suffocation) के कारण बनने वाली भाप को बाहर निकालने का काम करती है। यह ट्रेन में तापमान को संतुलन (temperature balance) बनाए रखने का काम करते हैं। अगर ट्रैन में यह ढक्कन न लगे हो, तो सफर करना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए ट्रेन के कोच में यह खास व्यवस्था की जाती है।
आपको बता दें, इसे इस तरह से बनाया गया है कि बारिश के मौसम में हवा का वेंटिलेशन (Air ventilation) होता रहे और ट्रेन की भीतर पानी न पहुंचे। इसमें ढक्कन लगाए गए हैं ताकि बारिश के दौरान भी ट्रेन के कोच के अंदर की गर्मी छत पर लगे इन ढक्कनों की मदद से निकलती रहे।
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