दुनिया का सबसे बड़े मुस्लिम देश अपनी करेंसी पर छाप चुका गणेश जी की फोटो, वजह भी चौंकाने वाली

दुनिया का सबसे बड़े मुस्लिम देश अपनी करेंसी पर छाप चुका गणेश जी की फोटो, वजह भी चौंकाने वाली
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आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया के नोट पर गणेश जी की तस्वीर छापी गई। इसके पीछे की वजह भी आपको चौंका देगी। पढ़िये रिपोर्ट...

Bhagwan Ganesh on Note: देश की राजधानी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भारतीय करेंसी पर लक्ष्मी-गणेश जी की फोटो छापने की मांग करके सर्दी आने से पहले ही सियासत को गर्मा दिया है। बीजेपी का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल आने वाले चुनाव में जीत पाने के लिए हिंदू कार्ड प्ले कर रहे हैं। उधर, आप पार्टी बीजेपी पर भी पलटवार करने से पीछे नहीं है। लेकिन इन सबके बीच सवाल उठ रहा है कि क्या किसी देश में वहां के देवी-देवताओं की फोटो छापी गई या नहीं। हम इस सवाल का जवाब लेकर आए हैं। क्या आपको पता है कि एक ऐसा मुस्लिम राष्ट्र भी है, जहां भगवान गणेश को लेकर बहुत मान्यता है ? मान्यता ऐसी कि यहां की करेंसी पर भी गणेश जी की फोटो छापी गई। हम इंडोनेशिया की बात कर रहे हैं, जहां करीब 87.5 प्रतिशत मुस्लमानों का बसेरा है, ऐसे देश की करेंसी पर भगवान गणेश की तस्वीर छपी मिली है।

मुस्लिम राष्ट्र में हिंदू देवता क्यों?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सभी देशों के करेंसी नोट उनकी सांस्कृतिक विरासत और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आंकड़ों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इंडोनेशिया के लिए हिंदू धर्म के साथ इसका जुड़ाव बहुत पुराना है, विशेषकर पहली शताब्दी तक से। चूंकि इंडोनेशिया एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग पर स्थित है, इसलिए समय की ज्वार न केवल अरब (पड़ोस में भारत और चीन के अलावा) जैसे क्षेत्रों से मूल्यवान सामान अपने तटों पर बह गया है, बल्कि व्यापारियों और नाविकों ने अपनी संस्कृतियों और धर्म का भी निर्यात किया है।

यह इंडोनेशिया की मूल संस्कृति के साथ जुड़े थे, जिसने कई अनूठी समकालिक परंपराओं को जन्म दिया, जो आज तक जीवित हैं। भारत के साथ इंडोनेशिया के प्राचीन संबंधों ने देश में हिंदू धर्म लाया। बौद्ध विचार भी बाद में आए। ये स्थानीय जापानी लोक धर्म के साथ मिश्रित हैं, जो हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म के इंडोनेशिया संस्करण को भी जन्म देते हैं। इस क्षेत्र के अतीत में 16वीं शताब्दी तक हिंदू-बौद्ध साम्राज्यों का वर्चस्व था। हिंदू धर्म और इस्लाम, जाहिर तौर पर एक दूसरे के साथ धार्मिक बाधाओं (regional trade) पर इस विशाल द्वीपसमूह पर वर्षों से सह-अस्तित्व में हैं।


वास्तव में, इंडोनेशियाई लोगों ने इस्लाम का एक अनूठा संस्करण भी बनाया है जिसे वेतु तेलु कहा जाता है जो इस्लाम के पांच स्तंभों में से केवल तीन को ही अपनाता है। वतु तेलु के अनुसार धार्मिक अभ्यास में पैतृक पूजा और जीववाद के तत्वों को भी शामिल करते हैं।

इंडोनेशिया में कैसे पनपी हिंदू संस्कृति

इंडोनेशिया माजापहित साम्राज्य (Majapahit empire) क्षेत्र पर शासन करने के लिए सबसे बड़े साम्राज्य से अपने कई राष्ट्रीय प्रतीक खींचता है । यह अंतिम भारतीय साम्राज्य था, जिसने इंडोनेशिया को शामिल करने वाले 17,000 द्वीपों पर शक्ति और प्रभाव डाला। इंडोनेशिया के लाल और सफेद झंडे को मध्ययुगीन मजापहित साम्राज्य के बैनर से लिया गया है, जो क्षेत्रीय व्यापार पर अपनी पकड़ के कारण समृद्ध हुआ था।

इसलिए नोटों पर छापी गणेश जी की तस्वीर

दरअसल कुछ साल पहले इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से लड़खड़ा गई थी। इसके बाद वहां के आर्थिक विशेषज्ञों ने विचार विमर्श करने के बाद बीस हजार का नया नोट जारी करने की सिफारिश कर दी थी। इसके बाद बिगड़ती अर्थव्यवस्था के मद्देनजर सरकार की तरफ से बीस हजार का नया नोट जारी किया गया, जिसके ऊपर भगवान गणेश की तस्वीर छापी गई। लोगों का मानना है कि नोटों पर गणेश जी की फोटो छपने के बाद ही वहां की अर्थवयवस्था मजबूत हुई है।

अब प्रचलन में नहीं गणेश जी वाला नोट

इंडोनेशिया की सरकार ने इस नोट को साल 1998 में जारी किया था। इसके बाद गणेश जी की फोटो वाला 20,000 का इंडोनेशिया का नोट करीब 10 साल तक प्रचलन में रहा। इसके बाद इस नोट को 2008 के अंत में बंद कर दिया गया था।

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