ISRO Mission: चंद्रयान -3 ने चंद्रमा की गोद में की सफल लैंडिंग, चांद के बाद ISRO ये मिशन करेगा लॉन्च

ISRO Mission: भारत अपने इतिहास में सफलता का एक और पन्ना जोड़ने वाला है, जिसका इंतजार दुनिया के हर एक नागरिक को है। चंद्रयान-3 को लॉन्च करके भारत ने चंद्रमा की ओर पहला कदम 14 जुलाई 2023 को बढ़ा दिया था। चंद्रयान-3 अपने 10 चरण पूरे कर चांद की सतह पर 6 बजकर 4 मिनट पर लैंड कर चुका है। इस पल का इंतजार भारत का हर एक इंसान कर रहा था वह आ गया। चंद्रयान-3 मिशन बिना किसी क्षति के चांद पर पहुंचे, इसके लिए मंदिरों में हवन, मस्जिदों में नमाज अदा की जा रही हैं। चांद की सतह पर चंद्रयान-3 से पहले पहुंचने वाला लूना-25 क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसके बाद से भारत के लिए यह मिशन और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है।
यह मिशन अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत का एक अलग इतिहास रचेगा। इसके साथ ही भारत चांद की सतह पर पहुंचने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। जानिए, चंद्रयान-3 के बाद भारत और कौन से अंतरिक्ष मिशन को लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है।
आदित्य L1
आपको बता दें कि चंद्रयान-3 के चांद की सतह पर पहुंचने की सफलता के बाद इसरो आदित्य एल-1 को लॉन्च कर सकता है। यह मिशन देश का पहला सौर मिशन होगा, जिसके द्वारा सूर्य के बारे में स्टडी की जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसरो इस मिशन को 26 अगस्त 2023 को लाॉन्च कर सकता है। इसके परीक्षण का काम अपने प्रगति पर है। यह मिशन धरती से लगभग 1.5 मिलियन दूर एल-1 कक्षा में लॉन्च किया जाएगा।
गगनयान
इसरो के मिशन में गगनयान का नाम भी शामिल है। बता दें कि यह मिशन भारत का पहला मानव रहित मिशन होगा। गगनयान मिशन तीन अंतरिक्ष मिशनों का एक ग्रुप है, जिसमें दो अभियान मानव रहित तो वहीं एक मानव मिशन है। मिशन की ओर इसरो अपना काम तेजी से कर रहा है। इस मिशन में तीन अंतरिक्ष यात्री (एक महिला और दो पुरुष) भेजे जाएंगे। गगनयान पृथ्वी से लगभाग 300-400 किलोमीटर की ऊंचाई पर लो अर्थ ऑर्बिट में धरती का चक्कर लगाएगा। गगनयान के लॉन्च के साथ ही भारत भी चीन, रूस और अमेरिका जैसे देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा।
शुक्रयान
बता दें कि इसरो शुक्रयान निशन की तैयारी पर भी जुटा हुआ है। इस मिशन को शुक्र ग्रह पर भेजा जाएगा। इस मिशन को इसी साल लॉन्च किया जाना था, लेकिन कोविड महामारी की वजह से इस मिशन को चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 मिशन के बाद 2024 में लॉन्च किया जा सकता है। अगर किसी कारणवश इस मिशन को टाला गया तो इसरो इस मिशन को 2026 या 2028 में लॉन्च कर सकता है।
2026 या 2028 इस वजह से, क्योंकि हर 19 महीने के बाद पृथ्वी और शुक्र एक-दूसरे के करीब आते हैं। इस मिशन की खास बात यह है कि अगर यह लॉन्च होता है तो भारत शुक्र ग्रह पर जाने वाला पहला देश बन जाएगा। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि अमेरिका और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने भी इस ग्रह पर जाने का ऐलान किया है, लेकिन वे 2031 में इसे प्रस्तावित करेंगे।
निसार मिशन
यह मिशन निसार और नासा का संयुकित मिशन है, जो 2024 में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किए जाएंगे। बता दें कि यह एक उपग्रह है, जो पृथ्वी के लो आर्बिट कक्ष में भेजा जाएगा। यह मिशन केवल 12 दिन में पूरी दुनिया का मानचित्र ले लेगा। इस उपग्रह का कार्यकाल तीन साल तक है। निसार मिशन सिंथेटिक एपर्चर रडार पर कार्य करेगा।
एक्सपोसैट मिशन
ISRO चीफ एस सोमनाथ के अनुसार यह मिशन खगोलीय स्रोतों की गतिशीलता के बारे में स्टडी करेगा। बता दें कि यह दुनिया का दूसरा पोलरिमेट्री मिशन है। इससे पहले 2021 में इमेजिंग एक्सरे पोलारिमेट्री एक्सप्लोर लॉन्च किया गया था। एक्सपोसैट मिशन ब्लैक होल, आकाशगंगा, न्यूट्रन तारे के नाभिकय के बारे में जानकारी प्रदान करेगा।
Also Read: संसद में PM ने किया इस द्वीप का जिक्र, जानें इसके पीछे की कहानी
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS