Pani Puri History: जानिए पानीपुरी का इतिहास, क्यों गूगल डूडल बनाकर कर रहा इसे सेलिब्रेट

Panipuri History: गोलगप्पे (Gol Gappe) कहें या पानीपुरी, शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा, जिसे ये खाना पसंद नहीं होगा। भारत के हर राज्य, गली-कस्बे की दुकानों और ठेलों में आपको ये देखने को मिल जाएगी। आज सर्च इंजन गूगल भी भारत के इस लोकप्रिय स्ट्रीट फुड का डूडल और गेम बनाकर सेलिब्रेट कर रहा है। इस गेम में पानीपुरी वाले भईया बनकर उनके मनपसंद फ्लेवर वाली पानीपुरी देनी है।
12 जुलाई को ही क्यों बनाया पानीपुरी का डूडल
ऐसे में अब सोचने वाली बात ये है कि आखिर गूगल ने 12 जुलाई को ही पानीपुरी का ये डूडल क्यों बनाया है। तो हम आपको बता दें कि 12 जुलाई 2015 को मध्य प्रदेश के इंदौर में एक रेस्तरां ने अपने ग्राहकों को एक या दो नहीं बल्कि 51 फ्लेवर्स की पानीपुरी परोसी थी, जो उस समय एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया था। सिर्फ इतना ही नहीं उस रेस्तरां का नाम Golden Book of World Records में भी दर्ज हुआ था। लगभग 8 साल बाद भारतीयों के सबसे फेवरेट स्ट्रीट फुड को डूडल के जरिए गूगल ने सम्मानित किया है। ऐसा पहली बार नहीं है गूगल अक्सर डूडल बनाकर त्योहारों, उपलब्धियों और खास लोगों का अनोखे अंदाज में जश्न मनाता है।
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पानीपुरी के अलग-अलग नाम
भारत के हर राज्य में इसे अलग-अलग नाम से पुकारा जाता है, जैसे उत्तरी राज्यों दिल्ली, पंजाब आदि में इसे गोल गप्पा कहा जाता है। वहीं, बिहार और झारखंड में इसे पुचका कहा जाता है। हरियाणा में पानी पताशा, मध्य प्रदेश में फुल्की, असम में फुस्का, गुजरात के कुछ हिस्सों में पकोड़ी और ओडिशा में गुपचुप आदि कहा जाता है।
सबसे पहले किसने बनाया पानीपुरी
पानीपुरी को सबसे पहले बनाने को लेकर कई कहानियां हैं। इनमें से एक प्रचलित कहानी के अनुसार महाभारत काल में द्रौपदी ने सबसे पहले इसका आविष्कार किया था। वहीं, एक अन्य मान्यता के अनुसार पानीपुरी सबसे पहले मगध यानी वर्तमान के दक्षिणी बिहार में तैयार हुई थी।
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