Knowledge News : क्या-क्या देख लेती है मेट्रो स्टेशन पर रखी स्कैनर मशीन, जानिए कैसे करती है काम

दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) का सफर काफी आरामदायक है। मेट्रो से सफर करने से लोगों का ना सिर्फ समय बचता है, बल्कि उन्हें ट्रैफिक जैसी दिक्कतों का सामना भी नहीं करना पड़ता। हर रोज दिल्ली-एनसीआर समेत बाहर से आने-जाने वाले लोग भी इससे सफर करते हुए नजर आते हैं। मेट्रो स्टेशन पर सुबह सेवा शुरू होने से लेकर रात तक काफी चहल-पहल देखने को मिलती है। ऐसे में वहां पर लोगों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा एक सबसे बड़ी चुनौती होती है। दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा का जिम्मा CISF के पास होता है। उनके जवान हर समय मेट्रो स्टेशन पर किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के मुस्तैद रहते हैं। CISF के जवान ही लोगों का सिक्योरिटी चेकअप भी करते हैं। उनके काम को आसान बनाने के लिए ही मेट्रो के एंट्री प्वाइंट पर हाईटेक स्कैनर सिस्टम लगाए जाते हैं। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में बताएंगे कि इस स्कैनर मशीन (X Ray Baggage Scanner Machine) की क्षमता कितनी होती है। कैसे इनकी तेज निगाह बैग के अंदर रखी हर छोटी से छोटी चीज को भी बाहर से ही देख लेती है।
एक घंटे में करती है इतने बैग चेक
दिल्ली मेट्रो के बहुत से स्टेशनों पर हाल ही में नया स्कैनर सिस्टम लगाया गया है। इसे जल्द ही बाकी स्टेशनों पर भी लगा दिया जाएगा। अभी स्टेशनों पर वर्तमान में जो स्कैनर लगे हैं, उनकी कन्वेयर बेल्ट की स्पीड 18 सेंटीमीटर प्रति सेकंड है। उनसे 1 घंटे में सिर्फ 350 बैग ही चेक हो पाते हैं। लेकिन नए स्कैनर आने के बाद चेकिंग करने वाले जवानों का काम आसान हो जाएगा। वह आराम से 1 घंटे में 550 बैग की चेक कर पाएंगे। नए सिस्टम की कन्वेयर बेल्ट की स्पीड 30 सेंटीमीटर प्रति सेकेंड होगी। इस बारे में मेट्रो प्रबंधन का कहना है कि कन्वेयर बेल्ट की स्पीड तेज होगी तो पीक आवर में स्कैनर पाइंट पर पैसेंजर्स की भीड़ नहीं लगेगी। सामान की जांच भी तेजी हो जाएगी।
क्या-क्या चीज देख सकता है स्कैनर
दिल्ली के मेट्रो स्टेशन पर लगी स्कैनर मशीन से बैग में रखी वस्तुओं की हाई रिज़ॉल्यूशन फोटो देखने को मिलती हैं। जिसे देखने के लिए बड़े मॉनिटर भी लगे होते हैं। इसीलिए सुरक्षा में चूक होने की संभावना काफी कम हो जाती है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, DMRC ने अभी तक बहुत से मेट्रो स्टेशनों पर पुराने स्कैनर मशीन हो हटाकर नए हाईटेक स्कैनर सिस्टम को लगाया है। यह नया सिस्टम 35 mm जैसी स्टील की छोटी प्लेट को भी स्कैन कर सकता है। नया सिस्टम सामान में मौजूद हर छोटी-छोटी चीज को देखने में सक्षम है। इस स्कैनर की मदद से मुख्य रूप से विस्फोटक पदार्थ का पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा इसके इस्तेमाल करने का एक मुख्य उद्देश्य लोहे की धारदार वस्तु और अन्य छोटे और नुकीले हथियारों को पता लगाना भी है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS