Knowledge News : आखिर क्यों शराब पीने से पहले Cheers बोलकर टकराते हैं गिलास, जानिए इसके पीछे की वजह

Knowledge News : आखिर क्यों शराब पीने से पहले Cheers बोलकर टकराते हैं गिलास, जानिए इसके पीछे की वजह
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बहुत से लोग इस बारे में नहीं जानते होंगे कि शराब पीते समय चीयर्स क्यों बोला जाता है। चलिए आज हम आपको बताते हैं इसके पीछे की वजह।

जब दोस्त एक साथ आपस में बैठें महफिल सजे और जाम ना छलके ऐसा होना तो नामुमकिन है। जब महफिल सजे और शराब (Alcohol) को अगर बिना चीयर्स किए होठों से लगाया जाए, तो ये उतना ही अधूरा लगता है जितना फोन पर बातचीत शुरू करने से पहले हैलो न कहना। लोग चाहे खुश हो या फिर दुखी लेकिन वो जाम छलकाना बिल्कुल नहीं भूलते। इस दौरान सभी लोग जो महफिल में मौजूद होते हैं वो ड्रिंक करने से पहले जाम से जाम टकराकर एक साथ चीयर्स (Cheers) बोलते हैं। आपने भी कभी न कभी ऐसा जरूर किया होगा। जाम से जाम टकराने की परंपरा तो सदियों से चली आ रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जाम से जाम टकराते हुए चीयर्स क्यों किया जाता है। अगर नहीं तो कोई बात नहीं क्योंकि आज हम आपको अपनी इस खबर में बताएंगे कि इस शब्द की उत्पत्ति कहां से और कैसे हुई। इसके साथ ही क्यों टकराया जाता है जाम से जाम।

कहां से लिया गया 'चीयर्स' शब्द

चीयर्स शब्द की उत्पत्ति 'Chiere' से हुई है। यह शब्द एक फ्रांसीसी शब्द है। इसका मतलब होता है 'चेहरा या फिर सिर'। पहले के समय में चीयर्स बोलना उत्सुकता और प्रोत्साहन का प्रतीक था। चीयर्स करके अपनी खुशी को जाहिर करने और जश्न मनाने का शानदार तरीका है। इसका मतलब होता है कि अच्छा समय अब शुरू हो चुका है।

क्यों शराब पीने से पहले बोलते हैं Cheers

18 वीं शताब्दी में चियर्स शब्द का इस्तेमाल खुशी को जाहिर करने के लिए किया जाता था। समय बीतने के साथ-साथ ही एक्साइटमेंट जाहिर करने के लिए इस शब्द का उपयोग किया जाने लगा। इसलिए एक्साइटमेंट में लोग चीयर्स शब्द का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में इससे अलग बातें भी बताई गई हैं। ऐसा कहा जाता है कि जर्मन रिवाजों में अगर गिलास टकराते हैं तो घोस्ट या एविल शराब से दूर रहते हैं। इसलिए लोग शराब पीने से पहले एविल को दूर रखने के लिए चीयर्स शब्द का इस्तेमाल भी करते हैं।

ये कुछ खास धारणाएं

यह तो आप सब जानते हैं कि हमारी पांच इंद्रियां होती हैं। आंख, कान, नाक, जीभ और त्वचा ये सब अपने-अपने हिसाब से काम करती हैं। लेकिन शराब पीते समय हमारी सिर्फ चार इंद्रिया ही काम करती है। जैसे आंखो से शराब को देखते हैं, पीते वक्त इसका स्वाद जीभ से महसूस करते हैं, नाक से ड्रिंक की खुशबू का एहसास करते हैं। लेकिन ड्रिंक करने की इस पूरी प्रक्रिया में सिर्फ एक इंद्रि का इस्तेमाल नहीं होता और वह है कान। इसलिए इसी कमी को पूरा करने के लिए चीयर्स कहा जाता है और कानों के आनंद के लिए जाम से जाम टकराते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस तरह ड्रिंक करने से पांचों इंद्रियों का यूज होता है। इसके साथ ही शराब पीने का एहसास भी और ज्यादा खुशनुमा हो जाता है।

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