Knowledge News: जानिए, कैसे चुनें जाते हैं राज्यसभा के सदस्य और इसके लिए चाहिए होती है कितनी योग्यता

Knowledge News: हमारे देश भारत में पार्लियामेंट (Parliament) यानी संसद के दो सदन है, लोकसभा (Lok Sabha) और राज्यसभा (Rajya Sabha)। लोकसभा को लोअर हाउस (Lower House) यानी निचला सदन और राज्यसभा को अपर हाउस (Upper House) यानी ऊपरी सदन कहते हैं। जहां लोकसभा के सभी सदस्य जनता द्वारा चुनें जाते हैं, वहीं राज्यसभा के सदस्यों (Members Of Rajya Sabha) को जनता द्वारा चुने गए सदस्यों को जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि यानी विधायक चुनते हैं। अपनी इस स्टोरी में हम आपको राज्यसभा के सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया के बारे में बताएंगे...
कैसे होता है चुनाव
राज्यसभा में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों का चुनाव अप्रत्यक्ष चुनाव की विधि द्वारा किया जाता है। प्रत्येक राज्य और दो केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों का चुनाव उस राज्य की विधान सभा के निर्वाचित सदस्यों और उस संघ राज्य क्षेत्र के निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा, आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के साधन द्वारा किया जाता है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए इलेक्टोरल कॉलेज में दिल्ली की विधान सभा के निर्वाचित सदस्य होते हैं, और पुडुचेरी के लिए पुडुचेरी विधान सभा के निर्वाचित सदस्य होते हैं। इनका कार्यकाल 6 वर्षों का होता है। किसी सदस्य के कार्यकाल की समाप्ति पर उसकी सेवानिवृत्ति के अलावा किसी अन्य रिक्ति को भरने के लिए किए गए चुनाव को 'उप-चुनाव' कहा जाता है।
12 सदस्यों को राष्ट्रपति करते हैं नॉमिनेट
देश के राष्ट्रति के पास राज्यसभा के 12 सदस्यों को चुननें का अधिकार होता है। राष्ट्रपति द्वारा नॉमिनेट किए गए सदस्य साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा जैसे मामलों के संबंध में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले व्यक्ति होते हैं।
संरचना
संविधान का अनुच्छेद 80 राज्यसभा की अधिकतम संख्या 250 निर्धारित करता है। जिसमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नॉमिनेटेड होते हैं और 238 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि होते हैं। हालांकि, राज्यसभा की वर्तमान संख्या 245 है, जिसमें से 233 दिल्ली और पुडुचेरी के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि हैं और 12 राष्ट्रपति द्वारा नामित किए गए हैं।
योग्यताएं
संविधान का अनुच्छेद 84 संसद की सदस्यता के लिए योग्यता निर्धारित करता है। राज्य सभा की सदस्यता के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले व्यक्ति के पास निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिए।
- उसे भारत का नागरिक होना चाहिए और संविधान की तीसरी अनुसूची में इस प्रयोजन के लिए निर्धारित प्रपत्र के अनुसार चुनाव आयोग द्वारा उस संबंध में अधिकृत किसी व्यक्ति के समक्ष शपथ या प्रतिज्ञान करना और सदस्यता लेना चाहिए।
- उसकी आयु 30 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
- उसके पास ऐसी अन्य योग्यताएं होनी चाहिए जो संसद द्वारा बनाए गए किसी कानून द्वारा या उसके तहत इस संबंध में निर्धारित की जा सकती हैं।
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