Knowledge: जानें पहली बार कब और कहां लगी Traffic Light, पढ़ें इससे जुड़ी दिलचस्प बातें

Knowledge: जानें पहली बार कब और कहां लगी Traffic Light, पढ़ें इससे जुड़ी दिलचस्प बातें
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Traffic Light Knowledge: कहा जाता है कि किसी भी चीज को सिस्टम से चलाने के लिए एक नियम और तरीके की जरूरत होती है। जैसे देश दुनिया के हर एक कार्य को करने या चलाने के लिए कोई व्यक्ति या किसी प्रकार की मशीन की आवश्यकता होती है। तो आज हम आपको बताते हैं कि ट्रैफिक सिगनल सबसे पहले कब यूज किए गए थे और ऐसा कौन सा देश है, जहां पर एक भी सिग्नल नहीं लगा है।

Traffic Light Knowledge: लोगों की सुरक्षा को देखते हुए यातायात के नियम बनाए गए। कब कौन सी गाड़ी रुकेगी, कौन सी जाएगी इन सब की व्यवस्था ट्रैफिक सिग्नल को लगाकर की गई, ताकि लोगों को आसानी हो। विकास की गति के साथ देश का हर एक वर्ग अपनी जरूरत के हिसाब से साधन का उपयोग करता है। सिग्नल का पालन करके लोग आसानी से रोड को पार कर पाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि सिग्नल लाइट में यूज होने वाले कलर किस तरह तय किए गए।

अगर आप से कहा जाए कि आपके शहर से ट्रैफिक लाइट हटा दिए गए हैं। अब आप बिना चौराहे पर रुके गाड़ी चला सकते हैं। अधिकतर लोग यह कहेंगे कि ऐसा हुआ, तो बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। वहीं, आप की जानकारी के लिए बता दें कि दुनिया में एक ऐसा देश है जहां पर एक भी ट्रैफिक लाइट नहीं है।

अब आपको बताते हैं कि सबसे पहले ट्रैफिक लाइट कब यूज की गई थी। सबसे पहले इन सिग्नल का उपयोग रेलगाड़ी के लिए किया गया था। दरअसल, उस दौर में ट्रेन एक लाइन पर चलती थी और उनका समय भी तय नहीं था। जिसकी वजह से एक्सीडेंट के चांस ज्यादा होते थे। उस वक्त में ये सिंग्नल बॉल व पतंग के डिजाइन में हुआ करते थे। पतंग का अर्थ खतरा और बॉल का अर्थ रास्ता साफ है के लिए किया जाता था।

सबसे पहले कहां लगाए गए थे सिग्नल

लंदन रेलवे में सबसे पहले सन् 1841 में ये सिग्नल यूज किए गए। इन सिग्नल की खास बात यह है कि ये आज की ट्रैफिक लाइट जैसे ही दिखते थे। इनका कलर भी लाल, हरा और ऑरेंज था।

सन् 1953 में भारत के चेन्नई शहर में पहली बार ट्रैफिक लाइट प्रयोग किया गया और लगभग 10 सालों बाद बेंगलुरु शहर में इन सिग्नल का यूज किया गया। कुछ समय बाद लंदन की सड़कों पर भी इनका उपयोग किया गया।

ऐसा देश जहां नहीं है एक भी ट्रैफिक लाइट

अब जानते हैं एक ऐसे देश के बारे में जहां पर एक भी ट्रैफिक लाइट नहीं है। वो देश भूटान है। इस देश को थर्ड ड्रैगन की धरती भी कहा जाता है। भूटान शहर की सड़कों पर वाहन चलाने की गति को बहुत धीमा रखा गया है और यहां पर बहुत सावधानी से गाड़ी चलाई जाती है।

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जाम मुक्त

इस शहर में एक भी ट्रैफिक लाइट्स नहीं हैं और उसके बाद भी यहां पर जाम नहीं लगता। यहां की सड़कों को एक विशेष तरह से डिजाइन किया जाता है, जो जाम को रोकता है। इसके साथ ही यहां के हर एक चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस खड़ी रहती है, जो ट्रैफिक को मैनेज करती है।

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