Knowledge News: किसने किया था माचिस का आविष्कार, जानिए इतिहास

Knowledge News: किसने किया था माचिस का आविष्कार, जानिए इतिहास
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बहुत कम लोगों को जानकारी है कि माचिस का आविष्कार किसने किया था और इसका इतिहास क्या है। तो चलिए हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताएंगे कि किसने माचिस का आविष्कार किया था और इसका इतिहास क्या है?

Knowledge News: देश और दुनिया में माचिस का इस्तेमाल हम सभी बहुत लंबे समय से करते चले आ रहे हैं। दुनिया में शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जिसने माचिस का उपयोग नहीं किया हो। पहले के समय में जब माचिस का आविष्कार नहीं हुआ था तब दो पत्थरों को आपस में रगड़ कर आग जलाई जाती थी। लेकिन माचिस का आविष्कार हो जाने के बाद आग जलाने की प्रक्रिया बहुत ही आसान हो गई। लेकिन बहुत कम लोगों को जानकारी है कि माचिस का आविष्कार किसने किया था और इसका इतिहास क्या है। तो चलिए हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताएंगे कि किसने माचिस का आविष्कार किया था और इसका इतिहास क्या है?

किसने किया था माचिस का आविष्कार

31 दिसंबर 1827 को माचिस का आविष्कार ब्रिटिश वैज्ञानिक जॉन वॉकर ने किया था। जॉन वॉकर ने एक ऐसी माचिस की इस्टिक यानी तीली बनाई थी जिसे खुदरी जगह पर रगड़गा गया तो आग जलने लगी थी। उस वक्त के दौर में यह बहुत ही खतरनाक था। क्योंकि इसके इस्तेमाल के दौरान काफी लोग दुर्घटना के शिकार भी हुए थे।

रिपोर्ट की मानें तो ब्रिटिश वैज्ञानिक जॉन वॉकर ने इसमें पोटेशियम क्लोरेट, गोंद, स्टार्च, एंटीमनी सल्फाइड को लकड़ी पर लपेटा था। इस लेप को सुखाने के बाद लकड़ी को खुदरी सतह पर रगड़ा गया तो आग जल गई। रिपोर्ट के अनुसार, बाद में सैमुअल जॉन्स नाम के शख्स ने इसका पेटेंट करवा लिया था। जिसका नाम लूसीफर मैच (माचिस) था।

क्या है माचिस का इतिहास

वर्ष 1680 में रॉबर्ट नाम के एक आयरिश भौतिक वैज्ञानिक ने माचिस की तीली बनाने का पहला प्रयास किया था। भौतिक वैज्ञानिक ने आग जलाने के लिए फास्फोरस और सल्फर का इस्तेमाल किया था। लेकिन दुर्भाग्य से उनकी कोशिशों का कोई भी सफल परिणाम नहीं निकल सका। जिसका कारण बताया गया था कि वैज्ञानिक के द्वारा प्रयोग में ली गई सामग्री बहुत ही ज्यादा ज्वलनशील थी। हालांकि इसी तरह से एक सदी पूरी बीत गई।

लेकिन शोधकर्ता अभी भी संरक्षित विधि का विकास नहीं कर पाए थे कि कैसे एक आत्मरोशनी की लो बनाई जा सके जिसका उपयोग आम जनता भी कर सके। 17वीं शताब्दी के मध्य में केमिस्ट हेनिंग ब्रांट के अलग-अलग संसाधनों के जरिए सेफ्टी मैच बनाने की कुछ प्रेरणा मिली थी। इन्होंने अपनी पूरी लाइफ अलग-अलग धातुओं से गोल्ड को शुद्ध करने में लगा दी।

इन्होंने अपने शोध के दौरान यह जानकारी हासिल की कि शुद्ध फास्फोरस को कैसे निकाला जा सकता है। इसके दहनशील गुणों का परीक्षण कैसे किया जा सकता है। वैज्ञानिक ने अपनी इस बेहतरीन जांच में फास्फोरस को अलग करने की विधि को संशोधित किया था। उनके द्वारा बनाए गए नोट्स भविष्य की संभावित खोजों में एक मील का पत्थर साबित हुए।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ब्रिटेन के वैज्ञानिक जॉन वॉकर को आधुनिक माचिस की खोज का श्रेय जाता है। उन्होंने 31 दिसंबर 1827 को माचिस का आविष्कार किया था। लेकिन वैज्ञानिक जॉन वॉकर के द्वारा बनाई गई माचिस का इस्तेमाल करने में काफी मेहनत लगती थी।

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