Knowledge News: X से लेकर के SPG तक जानिए भारत में होती है कितनी कैटेगरी की सिक्योरिटी, किसे मिलती है कौन सी

हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पंजाब दौरे पर गए थे, लेकिन उन्हें सुरक्षा में खामियों के चलते बीच रास्ते से ही वापस आना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम मोदी (PM Modi) के काफिले को फ्लाईओवर पर प्रदर्शनकारियों के कारण काफी देर इंतजार करना पड़ा। खबरें थी कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने पीएम का रास्ता रोक लिया था, जिसके कारण उन्हें आधे रास्ते से वापस लौटना पड़ा। इतने बड़े लोकतांत्रिक देश में पीएम की सुरक्षा में हुई इतनी बड़ी चूक के बाद हर ओर इस बात के चर्चे हो रहे है।
आपको इस बात का तो पता होगा कि भारत के प्रधानमंत्री को एसपीजी सुरक्षा मिलती है। लेकिन एसपीजी सुरक्षा क्या होती है, इसके बारे में क्या आपको पता है। क्या आप इस बात को जानना चाहते हैं कि हमारे देश में कितने प्रकार यानी की कैटेगरी में सुरक्षा होती है और ये किसे दी जाती है, तो आपके लिए ये खबर काफी काम की होने वाली है। अपनी इस स्टोरी में हम आपको भारत में दी जाने वाली सुरक्षा के बारें में सब कुछ बताएंगे।
भारत में पुलिस और स्थानीय सरकारों द्वारा कुछ हाई रिस्क वाले लोगों को सुरक्षा प्रदान की जाती है। आम भाषा में समझें तो हमारे देश में कई ऐसे जरूरी लोग हैं। जिनकी जान को खतरा होता है या जिनके न रहने से हमारे देश की हालत खराब हो सकती है। उन्हें भारत की सरकार सुरक्षा देती है। अब ये खतरा राष्ट्रीय या फिर अंतर्राष्ट्रीय लेवल किसी पर भी हो सकता है और वो जरूरी लोग नेता से लेकर के अभिनेता, स्पोर्ट और बिजनेसमैन तक कोई भी हो सकता है। भारत में वीआईपी या फिर वीवीआईपी लोगों को उनकी जान से जुड़े खतरों के आधार पर सुरक्षा दी जाती है। भारत में इस सुरक्षा को 6 कैटेगरी में बांटा गया है, एसपीजी, जेड+, जेड, वाई+, वाई और एक्स
एसपीजी (SPG)
'एसपीजी' एक इलीट फोर्स है, जिसकी डिटेल्स को क्लासिफाइड किया जाता है। ये सुरक्षा भारत में केवल प्रधानमंत्री को दी जाती है। स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (Special Protection Group) भारत सरकार की एक एजेंसी है, जिसकी एकमात्र जिम्मेदारी भारत के प्रधानमंत्री की रक्षा करना है। इसका गठन 1988 में भारत की संसद एक्ट के तहत किया गया था। 'एसपीजी' प्रधानमंत्री की सुरक्षा देश और विदेश हर जगह करती है। इसके साथ ही 'एसपीजी' का जिम्मा पीएम के साथ उनके आवास पर रहने वाले उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा करना भी होता है, हालांकि परिवार के सदस्य चाहें तो सुरक्षा से इनकार कर सकते हैं। 'एसपीजी' सुरक्षा को चार कैटेगरी में बांटा गया है।
ऑपरेशन- ये वास्तव में प्रोटेक्शन ड्यूटी परफॉर्म करता है। ऑपरेशन ब्रैंच को कम्यूनिकेशन विंग, टेक्निकल विंग, और ट्रांसपोर्ट विंग में बांटा गया है।
ट्रेनिंग- नए और मौजूदा कर्मियों को निरंतर आधार पर प्रशिक्षित करता है।
इंटेलिजेंस और टूर- खतरे का आकलन, कर्मियों से संबंधित आंतरिक खुफिया, कैरेक्टर वैरिफिकेशन और अन्य नौकरी संबंधी कार्य।
एडमिनिस्ट्रेशन- ये मानव संसाधन, फाइनेंस, खरीद और अन्य रिलेटेड मैटर्स के साथ डील करता है।
जेड+ (Z+)
'जेड+' सुरक्षा श्रेणी 55 कर्मियों की एक फोर्स है, जिसमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो (NSG Commando) और पुलिस कर्मी शामिल होते हैं। इस सुरक्षा में पांच बुलेटप्रूफ वाहन शामिल होते हैं। 'जेड+' स्तर की सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (National Security Guard) कमांडो द्वारा प्रदान की जाती है। वे हेकलर एंड कोच एमपी5 सब-मशीन गन और आधुनिक संचार उपकरणों से लैस होते हैं, और टीम का प्रत्येक सदस्य मार्शल आर्ट और बिना हतियार के लड़ने में माहिर होता है। वर्तमान में ये सुरक्षा 40 वीआईपी को दी जा रही है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अमित शाह, उमा भारती, राजनाथ सिंह,एम के स्टालिन, उद्धव ठाकरे, योगी आदित्यनाथ, एन चंद्रबाबू नायडू और मुकेश अंबानी जैसे कई नाम शामिल हैं। जेड+ कैटेगरी का बजट 20 लाख रुपए महीने का होता है।
जेड (Z)
कैटेगरी में 4-6 एनएसजी (NSG) कमांडो और पुलिस कर्मियों समेत 22 जवानों की सुरक्षा डिटेल होती है। 'जेड' श्रेणी में दिल्ली पुलिस या आईटीबीपी (ITBP) या सीआरपीएफ (CRPF) कर्मियों और एक एस्कॉर्ट कार द्वारा सुरक्षा की प्रदान की जाती है। इस सुरक्षा में पांच वाहन और कम से कम एक बुलेटप्रूफ गाड़ी शामिल होती है। इस कैटेगरी का बजट 16 लाख रुपए महीने का होता है।
वाई+ (Y+)
'वाई+' कैटेगरी में कुल 11 लोगों का एक काफिला होता है, जिसमें 2 से 4 कमांडो और बाकि पुलिस के जवान शामिल होते हैं। इस काफिले में 2 से 3 गाड़ियां तक शामिल होती हैं। इस सुरक्षा कैटेगरी पर हर महीने लगभग 15 लाख रुपए किए जाते हैं।
वाई (Y)
'वाई' कैटेगरी में 8 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिनमें 1 या 2 कमांडो और बाकि पुलिस कर्मी शामिल होते हैं। इस काफिले में 1 या 2 गाड़ियां शामिल होती हैं। वहीं अगर बजट की बात करें तो इस पर महीने के 12 लाख रुपए तक खर्च किए जाते हैं।
एक्स (X)
'एक्स' कैटेगरी में एक भी कमांडो नहीं होता है, इसमें केवल दो पुलिसकर्मी शामिल होते हैं। इस सुरक्षा में 1-2 गाड़ियां होती हैं। साल 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक जेड से लेकर के एक्स कैटेगरी तक की सुरक्षा भारत में करीबन 300 वीआईपी लोगों को दी गई है।
वहीं अगर भारत के राष्ट्रपति की सुरक्षा की बात की जाए तो उनको प्रेसीडेंट्स बॉडीगार्ड्स यानी पीबीजी (PBG) द्वारा सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। 'पीबीजी' (PBG) न केवल भारतीय सशस्त्र बलों की सबसे वरिष्ठ इकाई है, बल्कि सबसे पुरानी भी है। यह दुनिया में एकमात्र सेवारत घुड़सवारी सैन्य इकाई भी है। क्योंकि राष्ट्रपति को कमांडर-इन-चीफ का दर्जा मिला होता है और वह तीनों सेनाओं के प्रमुख होते हैं। 'पीबीजी' एक औपचारिक इकाई के रूप में कार्य करता है, लेकिन युद्ध के दौरान इसे तैनात भी किया जा सकता है, क्योंकि वे भी प्रशिक्षित पैराट्रूपर्स होते हैं।
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