Weird Rituals: इस देश में कराई जाती है दो लड़कों की आपस में शादी, वजह जान चौंक जाएंगे आप

Weird Rituals: हमारे देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में अलग-अलग तरह के रीति-रिवाज निभाए जाते हैं। अलग-अलग धर्म संप्रदाय के लोगों में शादी को लेकर अपने नियम हैं, जो उन्हें अन्य लोगों से भिन्न बनाता है। भारत देश में भी शादी को लेकर कुछ ऐसी रस्म हैं, जो उन्हें अन्य देशों से अलग बनाता है।
दुनिया भर में शादी, शुभ कार्य और अंतिम संस्कार को लेकर अलग-अलग परंपरा निभाई जाती है। हम सभी ने शादी को लेकर कई ऐसी रस्मों के बारे में सुना है। जिसके बारे में जानने के बाद उन पर भरोसा कर पाना मुश्किल हो जाता है। आज हम आपको एक ऐसी अजीबो गरीब रस्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद आप दंग रह जाओगे। जहां दुनिया भर सेम जेंडर की शादी को लेकर बहस होती रहती है, तो वहीं एक जगह ऐसी है जहां पर सेम जेंडर की शादी बड़े धूमधाम से की जाती है।
खास बात यह है कि यह परंपरा भारत देश की है। इस रस्म के अनुसार, दो लड़कों की आपस में शादी कराई जाती है फिर उन्हें बैलगाड़ी पर बैठाकर गांव घूमाया जाता है। आइए जानते हैं इस अजीबो गरीब परंपरा के पीछे की क्या है कहानी...
इस परंपरा को सुनकर आपको भी अजीब लग रहा होगा कि दो लड़कों की आपस में शादी कैसे हो सकती है। भारत के राजस्थान राज्य के बड़ोदिया गांव में लड़कों की आपस में शादी कराई जाती है। इस परंपरा को निभाने के लिए एक खास समय तय किया गया है। ये रस्म होली से पहले की जाती है। हर साल गांव के लोग इस परंपरा का पालन करने के लिए एक साथ एकत्र होकर पूरे जश्न, मौज-मस्ती के साथ इस विवाह को संपन्न कराते हैं।
कैसे चुने जाते हैं दूल्हा और दुल्हन
दूल्हा-दुल्हन को चुनने के लिए खास तरीका अपनाया जाता है। इस शादी के लिए वही लड़के चुने जाते हैं, जो जनेऊ धारण नहीं किए होते हैं। दूल्हे-दूल्हन का चुनाव गोरिया समुदाय के लोग करते हैं। इस समुदाय के द्वारा यह कार्य किया है। इसलिए इस प्रक्रिया को गोरिया कहते हैं। शादी को पूरे रीति-रिवाज के साथ पूरा किया जाता है। उसके अगली सुबह दोनों को बैलगाड़ी पर बैठाकर पूरे गांव में घुमाया जाता है। इसके बाद उन्हें रंग लगाकर होली मनाते हैं।
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बंटवारे को खत्म करना
इस परंपरा के पीछे की वजह कुछ ऐसी जिसे जानने के बाद आप हैरान हो जाओगे। बड़ोदिया गांव कई अरसों तक दो हिस्सों में बंटा हुआ था इस बंटवारे को खत्म करने के लिए इस परंपरा को बनाया गया, ताकि दोनों गांवों के लोगों का प्यार हमेशा बरकरार रहे। तभी से यह परंपरा चलती आ रही है।
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