Lord Shiva Success Mantra: जीवन सफलता के लिए काम आएंगे, भगवान शिव के ये मूल मंत्र

Lord Shiva Success Mantra: जीवन सफलता के लिए काम आएंगे, भगवान शिव के ये मूल मंत्र
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Lord Shiva Success Mantra: जिंदगी क्या है? जिंदगी वह रास्ता है जिस पर हमें हमेशा आगे बढ़ते रहना है। बहते पानी की तरह हमें भी अपने जीवन में कार्यरत रहना चाहिए। जिस तरह पानी के रुकने पर उसमें काई लग जाती है। उसी प्रकार किसी परेशानी से डरकर रुक जाना भी हमारे जीवन को खराब कर सकता है।

Lord Shiva Success Mantra: जिंदगी किसी के लिए नहीं रुकती, यह जीवन का सत्य है। जीवन का समय अपनी रफ्तार से आगे की ओर बढ़ता रहता है। मानव जीवन में कई बार ऐसी समस्याएं आ जाती हैं, जिसकी वजह से इंसान परेशान होकर हार मान लेता है, लेकिन अगर हम डटकर उन समस्याओं से लड़े, तो वे दिक्कतें भी हमारे प्रयासों को देखकर खत्म हो जाएगी।

हमारे माता-पिता भी कई बातों पर भगवान का उदाहरण देकर समझाते हैं कि भगवान शिव की तरह दृढ़ निश्चय करने वाले बनो। किस प्रकार भगवान होने के बाद भी उन्हें जीवन की परेशानियों से लड़ना पड़ा। भगवान होने के बावजूद भी वे समस्याओं से लड़े और जीत भी हासिल की। भगवान शिव से सीखिए जीवन के मूल मंत्र, जिन्हें अपनाकर आप किसी भी समस्या से लड़ सकते हैं। पढ़िए भगवान शिव के द्वारा दिए गए सफलता के मूल मंत्र के बारे में...

दृढ़ निश्चय करना

किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए आपको यह तय करना बहुत जरूरी है कि आप किस तरह सफलता की सीढ़ियों तक पहुंचेगे। आपको अपने मन को इधर-उधर भटकने से रोकना होगा। किसी काम को मंजिल तक पहुंचाने के लिए सबसे बड़ा कारक दृढ़ निश्चय करना है।

समाज के लोगों को देखकर अपने कार्य से न भटके

अगर आपने किसी काम का विचार कर लिया है कि हमें यह कार्य करना है, तो अपने मार्ग से न भटके। समाज में हर तरह के लोग रहते हैं, जो आप को आपके कार्य से भटकाने का काम करेंगे, लेकिन उन लोगों पर ध्यान न दें। अपने मंजिल की ओर ध्यान केंद्रित करें।

शांत रहकर खुद का ध्यान केंद्रित करें

शिव शंकर को दुनिया का सबसे बड़ा ध्यान योगी कहते हैं। खुद को स्थिर और शांत रख परिस्थिति से दूर रहकर भी उस पर पकड़ रखते थे। सभी इस बात से वाकिफ हैं कि शिव शंकर अगर एक बार ध्यान पर बैठ जाएं, तो कोई भी उनके ध्यान को भंग नहीं कर सकता। महादेव जी का यह गुण जीवन में जरूर अपनाना चाहिए।

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सिचुवेशन भले ही निगेटिव हो लेकिन आप पॉजिटिव रहें

समुद्रमंथन के समय जब विष निकला तब उस विष को कोई भी देवगण पीने के लिए तैयार नहीं थे। केवल महादेव ने ही विषपान किया या जिसके चलते उन्हें नीलकंठ भी कहा गया। अर्थात् जीवन के किसी भी मोड़ पर घबराना नहीं चाहिए। हमेशा सकारात्मक सोच के साथ काम करना चाहिए। भले ही परिस्थितियां आपके खिलाफ हो।

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