Traffic Light History: जाम से बचने के लिए नहीं बल्कि इस कारण हुआ ट्रैफिक लाइट का अविष्कार, जानें इतिहास

Traffic Light History: जाम से बचने के लिए नहीं बल्कि इस कारण हुआ ट्रैफिक लाइट का अविष्कार, जानें इतिहास
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Traffic Light History: आज के समय में ट्रैफिक को लेकर तरह-तरह के नियम बनाए गए हैं। हम सभी लोग सड़क पर लगे हुए ट्रैफिक लाइट (Traffic Light) का पालन भी करते हैं ताकि दुर्घटना से बच सकें। लेकिन, क्या आपको है कि ट्रैफिक लाइट का अविष्कार क्यों और किसने किया था। जानिए ट्रैफिक लाइट के इतिहास के बारे में।

Traffic Light History: सड़क को पार करने से लेकर एक जगह से दूसरी जगह पर जाने के लिए हम सभी रोड पर लगे हुए सिग्नल को देखकर करते हैं क्योंकि आज के समय में गाड़ियों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है, जिससे सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए लोगों के लिए नियम के साथ ही ट्रैफिक लाइट के कॉन्सेप्ट को लाया गया। हम सभी लोग रोज सड़क पर लगी हुई ट्रैफिक लाइट को देखते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये लाइट कब और क्यों बनाई गई। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि आज उपयोग की जाने वाली का अविष्कार ट्रैफिक सिग्नल के लिए नहीं किया गया था।

ट्रैफिक लाइट का अविष्कार

इन लाइट का अविष्कार रेलवे के लिए किया गया था। ट्रैफिक लाइट का अविष्कार किसी और ने नहीं बल्कि ब्रिटिश रेलवे प्रबंधक जॉन पीक नाइट ने किया था। इसको बनाने के पीछे का उद्देश्य रेल यातायात को कट्रोल करना था।

कैसे किया जाता था रेल यातायात को कंट्रोल

इन लाइट्स को उपयोग करने के लिए रेल लाइनों पर सेमाफेर सिस्टम को अपनाया गया। सेमाफोर सिस्टम को समझें तो ऐसा सिस्टम या तरीका, जिसमें एक पिलर यानी खंभा से फैले छोटे बोर्ड से ट्रेन को क्रास होने का संकेत दिया जाता था। रात के समय में लाल और हरी लाइट का यूज कर सिग्नल दिए जाते थे, जिन्हें जलाने के लिए गैस लैंप का उपयोग किया जाता था। लैंप को जलाने के लिए गार्ड को तैनात किया जाता था।

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पहला ट्रैफिक सिग्नल

लंदन के वेस्टमिंस्टर क्षेत्र में ब्रिज स्ट्रीट और ग्रेट जॉर्ज स्ट्रीट चौराहे, संसद भवन वेस्टमिंस्टर ब्रिज के पास दिसंबर सन् 1868 में पहली बार इस सिग्नल को लगाया गया था। यह सिग्नल उस समय दिखने में बिल्कुल रेलवे सिग्नल की तरह ही था। लेकिन, कुछ समय के बाद ही इसमें किसी कारणवश विस्फोट हो गया, जिसकी वजह से एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी। तब से इस सिस्टम को लेकर हर तरफ इसकी चर्चा होने लगी थी।

हम सभी को यह लगता है कि अब ट्रैफिक की दिक्कते हैं, लेकिन आपको बता दें कि ट्रैफिक जाम की समस्या सन् 1800 दशक से ही होने लगी थी। इस दशक में गाड़ियो का अविष्कार नहीं हुआ था। उस समय लंदन की सड़कों पर पैदल चलने वाले यात्रियों व घोड़ों से खींची जाने वाली गाड़ियों का जाम लगा रहता था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आज के समय में उपयोग की जाने वाली ट्रैफिक लाइट एक अमेरिकी इंनवेंशन है। इसे पहली बार 1914 में क्लीवलैंड में स्थापित किया गया था। इसके बाद सन् 1926 में वॉल्वरहैम्प्टन ने एक समय अंतराल ( थोड़े-थोड़े समय पर जलना बंद होना) पर काम करने वाले ऑटोमैटिक सिग्नल को लगाया गया।

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