किंग कोबरा जैसे जहरीले सांप को निगल जाते है ऊंट, इस रहस्यमय बीमारी का पता लगाने में वैज्ञानिक भी हुए फेल

हम सब ने अपने जीवन में ऊंट (Camel) तो जरूर देखा होगा कुछ लोगों को तो ऊंट की सवारी (Camel Ride) करना भी बहुत पसंद होता होगा। वैसे तो रेगिस्तान वाले इलाकों में यातायात *(Transport) का केवल एक ही साधन होता है वे ऊंट है। हम सब यह जानते है कि ऊंट एक शाकाहारी जानवर (Herbivore Animal) होता है, वह ज्यादातर पेड़-पौधे, पत्ते या फल-फूल ही खाते हैं। वहीं ऊंट के शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग कूबड़ (Hump) होता है जी, वहीं जो ऊपर से उठा हुआ होता है। ऊंट अपने शरीर के इसी हिस्से में अतिरिक्त चर्बी (Extra Fat) को जमा करके रखते हैं। और जब तेज गर्मी पड़ती है, जिस वक्त खाने और पानी के मिलने की उम्मीद न के बराबर हो जाती है उस वक्त ऊंट अपने इसी फैट के बदौलत जिंदा रह पाते हैं। हालांकि, ऊंट के बारे में यह भी सच है कि वह बिना पानी के लंबे समय तक जिंदा रह सकता है, लेकिन जब वह पानी पीता है तो एक ही बार में 100-150 लीटर तक पानी गटक जाता है।
मटक कर चलने वाले इस शानदार जानवर की ऊंचाई करीब 7 फीट तक होती है। इन सब के बीच एक बात जो शायद ही किसी को पता होगा वह यह है कि ऊंट के शाकाहारी होने के बावजूद उसे सांप खाने की नौबत आती है?
आखिर मुंह खोलकर क्यों डाल देते हैं सांप
लंबे चौड़े दिखने वाले इस जानवर में एक अजीब सी बीमारी (Disease) होती है जिसके वजह से वह खाना पीना सब छोड़ देता है। उसके शरीर में अकड़न शुरू हो जाती है। गौरतलब है कि ऊंट को इस बीमारी से बचाने के लिए उसे जहरीला सांप (Poisonous snake) खिलाना जरूरी होता है। इसलिए ऊंट के मालिक उनका मुंह खोलकर जहरीला सांप डाल देते है और उसके ठीक बाद उसे पानी पीला दिया जाता है ताकि वे सांप को गटक जाएं।
किंग कोबरा, पाइथन खिलाना होता है
ऊंट को सांप खिलाने के पीछे एक धार्मिक मान्यता है। इस बीमारी को Hyam के नाम से जाना जाता है। इसका मतलब 'जिंदा सांप निगलना' बताया गया है। लोगों का यह भी मानना है कि वैज्ञानिक (Scientist) अभी तक इस रहस्यमय बीमारी (Mysterious Disease) के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं जुटा पाए हैं और न ही कोई ऐसी दवा का खोज कर पाएं है जिससे इस बीमारी को जड़ से ठीक किया जा सके। ऐसे में ऊंट मालिकों का मानना है कि किंग कोबरा जैसे जहरीले सांप या पाइथन (Python) के मदद से सी ऊंट को बचाया जा सकता है।
माना जाता है कि जब सांप का जहर ऊंट के शरीर में पूरी तरह से फैल जाता है तब Hyam बीमारी का असर कम होने लगता है और कुछ दिनों बाद ऊंट पहले की तरह स्वस्थ हो जाते हैं। हालांकि अभी तक इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिल पाया है।
डॉक्टर का मानना कुछ और ही है
जानवरों के एक्सपर्ट डॉक्टरों (Veterinary Doctor) की मानें तो यह बीमारी किसी कीड़े के काटने की वजह से होती है। डॉक्टरों का कहना है कि कई बार गर्भपात (Abortion) के वक्त ऊंट की मौत भी हो सकती है। इसके लक्षण ऊर्जा की कमी, बुखार (Fever), एनीमिया (Anemia), आंखों से आंसू आना, शरीर का फूलना आदि है। समय पर इलाज न होने के कारण Trypanosomiasis से ऊंट के मरने का खतरा रहता है। सांप खिलाने से ऊंट के ठीक होने की बात को डॉक्टर एक मिथक मानते हैं।
धीर-गंभीर होता है रेगिस्तान का जहाज
ऊंट की इस बीमारी के साथ ही यह भी जान लें कि ऊंट को शांत प्रजाति का जानवर माना जाता है। ऊंट को सहनशीलता (Tolerance) , धैर्य (Patience) और धीरज का प्रतीक कहा जाता है। ये 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बिना रुके दौड़ सकते हैं।
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