Knowledge News: जानिए Doctor's की ड्रेस सफेद ही क्यों होती है, यह है इसके पीछे की वजह

जब भी हम स्वास्थ्य की समस्या से जुझते हैं। तब हमारे लिये भगवान के रूप में (Doctor's) डॉक्टर्स और नर्स ही खड़े होते हैं। सफेद रंग की ड्रेस पहन दिन रात एक कर अपना कर्तव्य निभाते हैं। क्या आप ने सोचा है कि डॉक्टर्स और नर्स हमेशा (Doctor's and Nurse Wear White Coat) सफेद रंग का कोट यानि एप्रन (Apron) में ही क्यों रहते हैं। अगर नहीं तो हम आप को बताते हैं डॉक्टर्स की सफेद ड्रेस होने की पूरी वजह।
19वीं सदी से पहले की है डॉक्टर्स के सफेद कोट की कहानी
भारत ही नहीं दुनिया के ज्यादातर देशों में डॉक्टर्स की ड्रेस सफेद कोट ही होती है। उनके सफेद कोट पहनने के पीछे 19वीं सदी की कहानी है। दरअसल, 19वीं सदी में चिकित्सकों को खास भाव नहीं दिया जाता था। इसकी वजह उस समय के लोगों द्वारा चिकित्सकों पर ज्यादा विश्वास न करना था। साथ ही सफेद कोट पहने वैज्ञानिक चिकित्सकों को हमेशा नीचा दिखाने का प्रयास करते थे। उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाते थे। वहीं वैज्ञानिकों को शासकों और राजाओं द्वारा प्रशंसा के साथ उपहार दिये जाते थे। चिकित्सा का यही पेशा धीरे धीरे विज्ञान में बदल गया। जिसके बाद चिकित्सा के पेशे से विज्ञान में बदलने का फैसला किया। इसी के बाद 1889 में डॉक्टर्स ने सफेद कोट पहनना शुरू किया। मुख्य रूप से सफेद कोट का श्रेय कनाडा के डॉ जॉर्ज आर्मस्ट्रांग को जाता है।
यह है सफेद रंग चुनने की वजह
वहीं वैज्ञानिकों और डॉक्टरों द्वारा ड्रेस के रूप में सफेद रंग चुनने की वजह इसे शांति और सुकून का प्रतिक होना भी है। माना जाता है सफेद रंग एक पॉजिटिव माहौल देता है। सफेद रंग के चमकदार होने की वजह से इसमें साफ सफाई का आसानी से पता लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं यह रंग डॉक्टरों द्वारा किये गये वादों को दर्शाता है। वहीं सफेद रंग को अलग अलग धर्मों के गुरुओं द्वारा प्राथमिकता दी जाती है। यह रंग गंभीरता को प्रकट करता है। इसके साथ ही सफेद रंग शरीर के तापमान को सही बनाए रखने में मदद करता है।
ऑपरेशन थियेटर में इसलिए हरा एप्रेन पहनते हैं डॉक्टर
आप ने ऑपरेशन थियेटर में डॉक्टर्स को हरे रंग का एप्रेन पहने देखा होगा। डॉक्टर्स के हरे एप्रेन पहनने के पीछे भी एक वजह बताई जाती है। कुछ रिसर्च में दावा है कि अक्सर लाल खून देखकर मानसिक तनाव हो जाता है। डॉक्टर्स के साथ ऐसा न हो। इसी की वजह से हरे रंग को एप्रेन के रूप में चुना गया। आज से सालों पहले 1914 में एक प्रसिद्ध डॉक्टर ने सफेद कोट की जगह ऑपरेशन थियेटर में हरे रंग के एप्रेन का इस्तेमाल किया था। हरे रंग को बुद्धि और सुकून का प्रतिक भी माना जाता है। इसका सेहत और आखों पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है।
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