Arun Jaitley: ऐसा रहा छात्र नेता से वित्त मंत्री बनने तक का सियासी सफर

अरुण जेटली (Arun Jaitley) का जन्म 28 दिसंबर 1952 को नई दिल्ली में हुआ था। महाराज किशन जेटली और रतन प्रभा जेटली के यहां जन्मे अरूण जेटली ने स्नातक की पढ़ाई श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स कालेज से की। इसके अलावा एलएलबी की पढ़ाई यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली से की।
छात्र नेता से वित्तमंत्री बनने तक का सियासी सफर
छात्रनेता से वित्तमंत्री बनने का सफर काफी दिलचस्प रहा। कालेज शिक्षा के दौरान ही वित्तमंत्री छात्र राजनीति में आ गए। छात्र जीवन में वह दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्र इकाई के अध्यक्ष बने। जानकारी के मुताबिक 1974 में स्नातक की पढ़ाई के दौरान 1974 में एबीवीपी से जुड़े। जिसके बाद उन्हें एबीवीपी के दिल्ली इकाई के अध्यक्ष की जिम्बमेदारी सौंपी गई। दिल्ली की छात्र राजनीति में प्रसिद्ध होने के बाद उन्हें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया। जिसके बाद शुरू हुआ राजनीति का सिलसिला वित्तमंत्री पर जाकर खत्म हुआ।
आपातकाल में गए जेल
राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान उन्हें जेल में भी रहना पड़ा। यहां उनकी मुलाकात भाजपा के कई नेताओं से हुई। जेल से बाहर निकलने के बाद जेटली जनसंघ से जुड़े और एबीवीपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष बने। इसके अलावा एबीवीपी के राष्ट्रीय सचिव भी बने।
युवाओं का जीता भरोसा
साल 1980 में भाजपा के गठन के बाद उन्हें यूथ विंग का अध्यक्ष बनाया गया। अस्सी के दशक में भाजपा खुद को स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही थी। इसके अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी संघर्ष कर रहे थे। दोनों नेताओं ने जेटली को युवाओं को अपने भरोसे में लेने की जिम्मा सौंपा।
अटल सरकार में मिला जिम्मा
साल 1999 में अटल सरकार में उन्हें कानून एवं न्याय, सूचना एवं प्रसारण के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी मिली। जेटली को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भरोसेमंद करीबियों में एक थे। उन्हें मात्र एक साल के भीतर केंद्रीय कैबिनेट में स्थान दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट में की वकालत
जेटली ने सुप्रीम कोर्ट में वकालत भी की। इसके बाद वह देशभर में जाने-माने वकीलों में से एक बन गए। उन्होंने साल 2009 में जेटली ने कोर्ट की प्रैक्टिस छोड़ी।
अटल बिहारी वाजपेयी के भरोसेमंद
अटल बिहार वाजपेयी ने जब राजनीति से सन्यास लिया तो भाजपा की रणनीति का जिम्मा उन्होंने पूरा किया। 2009 में वह राज्यसभा में रहे। इस दौरान उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के रूप में भूमिका निभाई।
भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार की भूमिका
साल 2014 में मोदी सरकार ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई इसके पीछे अरूण जेटली मुख्य रणनीति बनाने वालों में से एक थे। साल 2014 में खुद भी चुनाव लड़ा लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार अमरिंदर से हार गए। जेटली ने केंद्र की मोदी सरकार वित्त, कॉरपोरेट जैसे अहम मंत्रालयों का जिम्मा भी संभाला।
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