विदेशी मीडिया में भी छाया अयोध्या फैसला, वॉशिंगटन पोस्ट से लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखी ये हेडिंग

विदेशी मीडिया में भी छाया अयोध्या फैसला, वॉशिंगटन पोस्ट से लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखी ये हेडिंग
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अयोध्या फैसले के बाद देश ही नहीं विदेशी मीडिया ने भी इसे कवर किया और अलग अलग हेडिंग देकर अपनी प्रतिक्रिया दी। वॉशिंगटन पोस्ट से लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स और पाकिस्तान तक ने इस फैसले पर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।

भारत के सबसे विवाद फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर ही बनेगा और मुस्लिम पक्षकारों को अलग से नई बाबरी मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन दी जाएगी। फैसले के बाद देश ही नहीं विदेशी मीडिया ने भी इसे कवर किया और अलग अलग हेडिंग देकर अपनी प्रतिक्रिया दी। वॉशिंगटन पोस्ट से लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स और पाकिस्तान तक ने इस फैसले पर अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने दी ये प्रतिक्रिया

अमेरिका के दो बड़े अखबारों में भी अयोध्या विवाद को लेकर खबर छपी है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने 'कोर्ट बैक हिंदुज ऑन अयोध्या, हैंडिंग मोदी विक्टरी इन हिज बिड टू रिमार्क इंडिया' की हेडिंग दी है। इस आर्टिकल को आप तस्वीर के जरिए पढ़ सकते हैं।


न्यूयॉर्क टाइम्स की हेडिंग से लगता है कि भारत हिंदू देश बनने की तरफ बढ़ रहा है। मोदी की जीत के बाद एक अलग से माहौल बना हुआ है। दूसरी तरफ द वॉशिंगटन पोस्ट ने भी अपने न्यूज पेपर में हेडिंग दी है।

द वॉशिंगटन पोस्ट ने दी ये प्रतिक्रिया

द वॉशिंगटन पोस्ट ने "इंडियाज सुप्रीम कोर्ट क्लीयर्स वे फॉर ए हिंदू टेंपल एट कंट्रीज मॉस्ट डिस्प्यूट रिलिजियस साइट" लिखकर हेडिंग दी है। इस आर्टिकल में लिखा है कि दूसरी बार कार्यकाल जीतने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की ये एक बड़ी जीत है जो मुस्लिमों के तर्कों को दूर करके हिंदुओं को उनका अधिकार देता है।

अयोध्या मामले का फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को एक दशक पुराने बाबरी मस्जिद-राम मंदिर मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। जो विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाता है और केंद्र को 5 एकड़ का भूखंड आवंटित करने का निर्देश देता है।



अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को जिम्मा दिया गया है। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट को पांच-न्यायाधीशों वाली पीठ ने सुनाया है। इस पीठ में भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस अब्दुल नाजेर शामिल थे,

कोर्ट ने कहा था कि अयोध्या में राम लल्ला की विवादित भूमि की कुल 2.77 एकड़ जमीन है। अयोध्या फैसले में केंद्र को राम मंदिर के निर्माण के लिए एक योजना बनाने के लिए तीन महीने में एक ट्रस्ट स्थापित करने का आदेश दिया गया है और मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देने का फैसला किया है।

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