New Parliament Bhoomi Pujan: प्रधानमंत्री मोदी बोले- नए संसद भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी

देश के नये संसद भवन को लेकर भूमि पूजन शुरू हो गई है। आज का दिन इतिहास के लिए काफी अहम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन की नींव रख रहे हैं। नए संसद भवन पिछले भवन की तुलना में काफी विकसित और आधुनिक सुविधाएं से लेस होंगी। देश का नया संसद भवन 2022 तक बनकर तैयार होगा जाएगा। नए संसद भवन की नींव रखे जाने का कार्यक्रम शुरू हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन में हिस्सा ले रहे हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी ने बताया- देश में लोकतंत्र क्यों सफल
नये संसद भवन के नींव रखने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि देश में लोकतंत्र क्यों सफल है। दुनिया में 13वीं शताब्दी में मैग्नाकार्टा से पहले ही 12वीं शताब्दी में भगवान बसवेश्वर ने लोकसंसद की शुरुआत कर दी थी। पीएम ने बताया कि दसवीं शताब्दी में तमिलनाडु के एक गांव में पंचायत व्यवस्था का वर्णन है। उस गांव में आज भी वैसे ही महासभा लगती है, जो एक हजार साल से जारी है। पीएम ने बताया कि तब भी नियम था कि अगर कोई प्रतिनिधि अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देगा तो वो और उसके रिश्तेदार चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है और मील का पत्थर साबित होगा। देश में अब भारतीयता के विचारों के साथ नई संसद बनने जा रही है, हम देशवासी मिलकर संसद के नए भवन को बनाएंगे। जब भारत अपनी आजादी के 75वें साल का जश्न मनाएगा, तब संसद की इमारत उसकी प्रेरणा होगी। पीएम मोदी ने कहा कि मैं वो पल कभी नहीं भूल सकता, जब पहली बार 2014 में पहली बार मैं संसद भवन में आया था तब मैंने सिर झुकाकर नमन किया था। मौजूदा संसद भवन ने आजादी का आंदोलन, स्वतंत्र भारत, आजाद सरकार की पहली सरकार, पहली संसद, संविधान रचा गया।
भारत की एकता-अखंडता को लेकर किए गए उनके प्रयास, इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की ऊर्जा बनेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि भारत की एकता-अखंडता को लेकर किए गए उनके प्रयास, इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की ऊर्जा बनेंगे। जब एक एक जनप्रतिनिधि, अपना ज्ञान, बुद्धि, शिक्षा, अपना अनुभव पूर्ण रूप से यहां निचोड़ देगा, उसका अभिषेक करेगा, तब इस नए संसद भवन की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। हमें याद रखना है कि वो लोकतंत्र जो संसद भवन के अस्तित्व का आधार है, उसके प्रति आशावाद को जगाए रखना हम सभी का दायित्व है। हमें ये हमेशा याद रखना है कि संसद पहुंचा हर प्रतिनिधि जवाबदेह है। ये जवाबदेही जनता के प्रति भी है और संविधान के प्रति भी है।
पुराने संसद भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के लोकतंत्र में समाई शक्ति ही देश के विकास को नई ऊर्जा दे रही है, देशवासियों को नया विश्वास दे रही है। भारत में लोकतंत्र नित्य नूतन हो रहा है। भारत में हम हर चुनाव के साथ वोटर टर्नआउट को बढ़ते हुए देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा। पुराने संसद भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ, तो नए भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी।
साथ ही नया भवन की पूजन में पंडितों द्वारा मंत्रों का उच्चारण किया जा रहा है। आपको बता दें कि लोकतंत्र का मंदिर माने जाने वाले संसद भवन की तस्वीर अब बदलने वाली है। मौजूदा बिल्डिंग से अधिक बड़ी, आकर्षक और आधुनिक सुविधाओं वाली है। पुराने संसद भवन से इतर नई बिल्डिंग में आधुनिक तकनीक, जरुरतों का ध्यान रखा जा रहा है। अगस्त 2019 में मौजूदा लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की ओर से नए संसद भवन का प्रस्ताव रखा गया।
प्रस्ताव के मुताबिक, नया संसद भवन 64500 स्क्वायर मीटर में बनाया जाएगा, जो चार मंजिला होगा और इसका खर्च 971 करोड़ रुपये आएगा। इस संसद भवन को 2022 तक तैयार किया जाएगा। सभी सांसदों के लिए संसद भवन परिसर में दफ्तर बनाया जाएगा, जिसे 2024 तक तैयार किया जाएगा। नई बिल्डिंग का डिजाइन HCP डिजाइन मैनेजमेंट ने किया है, जो अहमदाबाद से है। इसका निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स द्वारा किया जाएगा।
नई बिल्डिंग में ऑडियो विजुअल सिस्टम, डाटा नेटवर्क फैसिलिटी का ध्यान रखा जा रहा है। नई बिल्डिंग में कुल 1224 सांसदों के बैठने की सुविधा होगी. इनमें 888 लोकसभा चैंबर में बैठ सकेंगे, जबकि राज्यसभा चैंबर में 384 सांसदों के बैठने की सुविधा होगी। भविष्य में अगर सांसदों की संख्या बढ़ती है, तो उसकी जरूरत पूरी हो सकेगी। संसद भवन में देश के हर कोने की तस्वीर दिखाने की कोशिश की जाएगी. नई बिल्डिंग में सेंट्रल हॉल नहीं होगा, लोकसभा चेंबर में ही दोनों सदनों के सांसद बैठ सकेंगे।
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