डिजिटल होने जा रहा आपका वोटर आईडी कार्ड! मतदाता की पहचान होगी आसान, जानिए क्या होंगे परिवर्तन

नई दिल्ली। मतदाताओं के वोटर आईडी (Voter ID) जिसे पहचान पत्र भी कहा जाता है इसमें बड़ा परिवर्तन हो सकता है। निर्वाचन आयोग मतदाता पहचान पत्र डिजिटल रूप में मतदाताओं को उपलब्ध कराने की संभावनाओं पर विचार कर रहा है। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि इस संबंध में निर्वाचन आयोग ने अभी कोई फैसला नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हमें क्षेत्र के अधिकारियों, (राज्य के) मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के कार्य समूहों एवं जनता से विचार और सुझाव मिलते रहे हैं। उनमें से यह एक विचार है जिसपर हम काम कर रहे हैं।
मोबाइल, वेबसाइट, ई-मेल के जरिए रखा जा सकता है
उनसे जब पूछा गया कि क्या डिजिटल मतदाता पहचान पत्र का मतलब यह होगा कि कोई मतदाता उसे किसी ऐप के जरिए अपने मोबाइल फोन में रख सके, तो अधिकारी ने कहा कि आयोग पहले फैसला कर ले, उसके बाद इस तरह का ब्यौरा तय किया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि इसे मोबाइल, वेबसाइट, ई-मेल के जरिए रखा जा सकता है। विचार यह है कि इसकी (पहचान पत्र की) तेजी से आपूर्ति की जाए और उस तक आसानी से पहुंच हो। कार्ड के छपने और मतदाता तक पहुंचने में समय लगता है। आधार कार्ड, स्थायी लेखा संख्या (पैन) कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस भी डिजिटल माध्यम में उपलब्ध हैं। डिजिटल माध्यम में, मतदाता की तस्वीर भी बिल्कुल साफ होगी, ताकि आसानी से उसकी पहचान की जा सके। आयोग के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग को रोकने के लिए आयोग को कोई फैसला करने से पहले इसके सुरक्षा पहलुओं को देखना होगा। फोटो युक्त मतदाता पहचान पत्र 1993 में पहली बार लाया गया था और यह पहचान और पते के सबूत के तौर पर स्वीकार्य है।
स्पष्ट दिखाई देगी तस्वीर
आधार कार्ड, परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन) कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस डिजिटल मोड में उपलब्ध हैं। वोटर कार्ड के डिजिटल मोड में आने से मतदाता की तस्वीर भी स्पष्ट दिखाई देगी, जिससे उसे पहचानना आसान हो जाएगा। आयोग एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग को रोकने के लिए चुनाव आयोग को फैसला लेने से पहले सुरक्षा पहलुओं पर गौर करना होगा।
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