बैड डाइट हैबिट से हो सकता है किडनी स्टोन

बैड डाइट हैबिट से हो सकता है किडनी स्टोन
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किडनी स्टोन होना एक सामान्य रोग है। इसका आसानी से उपचार भी संभव है। लेकिन अगर आप हमेशा अपनी उाइट को लेकर कॉन्शस रहें तो इस समस्या से काफी हद तक बचे रह सकते हैं। इस बारे में हम दे रहे हैं कुछ उपयोगी सलाह।

आजकल की बेतरतीब जीवनशैली और जंक फूड का बढ़ता चलन, ये दोनों हैबिट्स, किडनी स्टोन या गुर्दे की पथरी के लिए विशेष रूप से जिम्मेदार हैं। गुर्दे की पथरी दरअसल, क्रिस्टलीय खनिज पदार्थ है, जो गुर्दे या मूत्र पथ में कहीं भी हो सकती है। हालांकि शरीर में खान-पान के विभिन्न कारणों के चलते छोटे-छोटे पत्थर बनते रहते हैं और वे मूत्र के जरिए स्वतः निकलते रहते हैं, हमें कभी पता भी नहीं चलता। लेकिन अगर बनने वाला पत्थर 5 एमएम. से ज्यादा का होता है तो वो मूत्र मार्ग में रुकावटें पैदा करता है और इसी रुकावट के कारण असहनीय दर्द पैदा होता है। जिसके परिणामस्वरूप लगातार वॉमिटिंग भी आने लगती है।

किडनी स्टोन का कारण

किडनी स्टोन होने की कई वजहें हैं, जिनमें एक वजह आनुवांशिकी भी है। मतलब यह कि अगर आपके मां या पिता को पथरी की समस्या रही है, तो आपको भी हो सकती है। वैसे इसका आमतौर पर कारण हमारे खाए जाने वाले भोजन के विभिन्न पदार्थ हैं। दरअसल, कैल्शियम का उच्च स्तर, मोटापा और पर्याप्त पानी न पीना, जिसके कारण मूत्र में यूरिक एसिड, फास्फोरस, कैल्शियम, ऑक्जालिक एसिड इकट्ठा हो जाती हैं तो पथरी बन जाती है। किडनी स्टोन आमतौर पर चार प्रकार की होती है। कैल्शियम स्टोन, यूरिक एसिड स्टोन, स्ट्रूविटा स्टोन और सिस्टिन स्टोन। इनमें कैल्शियम स्टोन और यूरिक एसिड स्टोन आमतौर पर पाए जाते हैं। शरीर में मिनरल्स की कमी, ज्यादा धूप में रहना और नियमित रूप से जंक फूड खाना भी पथरी होने की वजह बनता है।

प्रमुख लक्षण

जब मूत्र त्यागने में परेशानी हो रही हो, पीठ के निचले हिस्से में और पेट में लगातार ऐंठन के साथ दर्द हो रहा हो, कभी-कभी मूत्र में खून भी आ जाता हो, अकसर जी मिचलाता रहता हो और पेशाब से जबरदस्त बदबू आती हो, तो पथरी हो सकती है। पेशाब का बार-बार लगना और करते समय खुलकर न आना तथा रह-रहकर बुखार और ज्यादा पसीना निकलना भी किडनी स्टोन के लक्षण हैं।

बचाव के उपाय

गुर्दे में पथरी न हो, इसके लिए अपने खान-पान पर विशेष ध्यान रखें। ऐसे व्यक्ति जो कैल्शियम ऑक्जलेट गुर्दे की पथरी से पीड़ित हों, उन्हें उन खानो से बचना चाहिए, जिनमें ऑक्जलेट की मात्रा भरपूर होती है। इनमें मूंगफली, पालक, चुकंदर, चॉकलेट और जिमीकंद शामिल हैं। ऐसे लोगों को प्रोटीन भी ज्यादा मात्रा में नहीं लेना चाहिए। सोडियम की अधिक मात्रा से भी बचें और जंक फूड तो बिल्कुल ही न खाएं। अगर नमक का ज्यादा सेवन करते हों तो तुरंत इस पर लगाम लगाएं। पालक और साबुत अनाज खाने से बचें। टमाटर के बीज, बैंगन के बीज, कच्चा चावल, उड़द और चने का अधिक सेवन भी पथरी पैदा करता है। अगर जरा भी पथरी होने की आशंका हो तो मांसाहार का सेवन बिल्कुल बंद कर दें। पथरी न हो इसके लिए हमें अपने खानपान में नियमित रूप से केला, चेरी, स्ट्रोबेरी, सेब, अप्रीकोट, नींबू व आलूबुखारा को शामिल करना चाहिए। इसी तरह ब्रोकली, पत्तागोभी, मशरूम, प्याज, सफेद चावल, मक्की का आटा व ओट्स भी खाने में नियमित तौरपर लें। अंडा, दही, दूध, मसालों में कालीमिर्च, हल्दी, जीरा, भी अपने खाने में शामिल करना चाहिए। जबकि खजूर, संतरे, पालक, गाजर, बीट्स, राजमा, बींस, अखरोट, काजू, बादाम, पिस्ता, चाॅकलेट, कोकोवा, ब्राउन राइस इन चीजों से बचना चाहिए।

रखें ध्यान

किडनी स्टोन अगर हो गई हो तो जितना जल्दी हो इसका क्लिनिकल इलाज कराएं। हालांकि पथरी को निकालने के घरेलू उपाय शुरुआत दौर में तो कारगर होते हैं, लेकिन अगर पथरी काफी बड़ी हो गई हो, तो घरेलू इलाज आमतौर पर काम नहीं करते। इसलिए घरेलू इलाजों के भरोसे जोखिम न लें। इलाज कराते हुए घरेलू परहेज भी जरूर बरतें।


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