Parenting Tips: कहीं आपके बच्चे तो नहीं हो गए स्ट्रेस के शिकार, इन आसान टिप्स से लगाएं पता

How to Check Stress in Your Children: आजकल के समय में हर जगह कॉम्पिटिशन बहुत ज्यादा बढ़ गया है। बड़ों से लेकर बच्चों तक हर कोई स्ट्रेस का शिकार है। ऐसे में छोटे-छोटे बच्चे तक स्ट्रेस का शिकार हो रहे हैं। लेकिन, माता-पिता बच्चों के स्ट्रेस और मेंटल हेल्थ के बिगड़ते हालातों से बिल्कुल अनजान होते हैं। वहीं, तनाव के कारण डिप्रेशन और एंग्जाइटी बच्चों को बीमार और कई बार किसी गलत कदम को उठाने के लिए मजबूर कर देती हैं। ऐसे में इस बात पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है कि कहीं आपका बच्चा स्ट्रेस ना ले रहा हो। अगर आप चाहें, तो कुछ बहुत ही आसान और जबरदस्त टिप्स की मदद से बच्चों के स्ट्रेस का पता लगा सकते हैं। आइए जानते हैं, स्ट्रेस का पता कैसे लगाया जा सकता है।
बच्चे से सवाल पूछें
अगर कभी भी आपको ऐसा लगे कि आपका बच्चा स्ट्रेस में है, तो आपको उससे सीधे परेशानी की वजह पूछ लेनी चाहिए। इस तरह बच्चा आपको सच बताने में घबराएगा नहीं। साथ ही, आपको बच्चे से उनकी रोजाना की दिनचर्या के बारे में सवाल पूछना चाहिए। इस तरह आप उनकी फीलिंग्स का पता लगा सकते हैं।
बच्चे क्या करें रहे हैं इस पर ध्यान दें
अपने बच्चे का स्ट्रेस लेवल जानने के लिए आप उनकी एक्टिविटीज पर नजर रख सकते हैं। अगर आपका बच्चा अपनी फेवरेट हॉबी से दूरी बना रहा है। साथ ही, बच्चे का स्वाभाव चिढ़चिढ़ा और गुस्सैल हो गया है, तो आपका बच्चा तनाव में है।
बच्चे के साथ वक्त बिताएं
कई बार आप बच्चे के साथ समय बिताकर ही स्ट्रेस का पता लगा सकते हैं। ऐसे में बच्चे से बातें करें और उनके मन की बात जानने की कोशिश करें। ऐसा करने से बच्चा आपसे बातें शेयर करने लगेगा।
बच्चे का हौसला बढ़ाएं
कई बार गलती करने के बाद बच्चे डरे सहमे रहते हैं। जिसके चलते बच्चे को स्ट्रेस हो जाता है, ऐसे में बच्चे के साथ प्यार से पेश आएं। उन्हें मोटिवेट करने की कोशिश करें। जिससे बच्चा स्ट्रेस कम लेगा और आपसे बिना डरे अपनी हर बात शेयर करेगा।
बच्चे की बात सुनें
अगर आपको बच्चे की कोई आदत पसंद नहीं आती है, तो उन्हें डांटने की जगह प्यार से समझाएं। इससे बच्चे का स्ट्रेस लेवल नहीं बढ़ेगा। बच्चे की हर बात को ध्यान से सुने।
बच्चे से हेल्प लें
बच्चे को स्ट्रेस फ्री रखने में पैरेंट्स उनकी मदद कर सकते हैं। इसके लिए आप बच्चे से घर के कामों में हेल्प मांगे। साथ ही, बच्चे को ज्यादा से ज्यादा व्यस्त रखने की कोशिश करें।
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