Brain Stroke: आंखों की जांच से पता चलेगा ब्रेन स्ट्रोक का खतरा, स्टडी में हुआ ये खुलासा

Latest Study Brain Stroke: ब्रेन स्ट्रोक मतलब दिमाग का दौरा, एक ऐसी गंभीर और इमरजेंसी वाली परिस्थिति है, जिसमें दिमाग में खून की सप्लाई रुक जाती है। इस वजह से दिमाग के सेल्स तक अच्छे तरीके से ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते हैं, जिससे दिमाग के सेल्स मर सकते हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 75 प्रतिशत से ज्यादा स्ट्रोक आकस्मिक (Ischemic) होते हैं, जिसमें खून के जम (Clot) जाने की वजह से दिमाग तक खून की सप्लाई कम पहुंच पाती है।
रिसर्च में साबित हुआ
आंखों में रेटिना टिश्यू में बदलाव से स्ट्रोक का खतरा समझने में मदद मिल सकती है। किसी व्यक्ति की सटीक आयु और रेटिना की आयु के बीच के अंतर को रेटिना एज गैप कहते हैं। यह अंतर उस विशेष क्षेत्र की ब्लड वेसेल्स और टिश्यू के स्वास्थ्य के बारे में बताता है। वक्त से पहले रेटिना का बूढ़ा हो जाना, स्ट्रोक होने की संभावना को बढ़ा सकता है। यह स्टडी बीएमसी मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित हुई है।
रिसर्च
ऑस्ट्रेलिया की मेलबर्न यूनिवर्सिटी और कई अन्य केंद्रों के रिसर्चर्स ने लगभग 50 हजार लोगों के रेटिना की तस्वीरें लीं, इसके साथ ही लोगों के धूम्रपान और शराब आदि के प्रति रुझान की भी स्टडी की। इस छह सालों की स्टडी के दौरान, लगभग 300 पुरुष व महिलाओं को स्ट्रोक पाया गया। रिसर्चर्स के मुताबिक, रेटिना की आयु वास्तविक आयु से एक साल भी ज्यादा होना 5 प्रतिशत स्ट्रोक के होने की संभावना बढ़ा देता है। साथ ही इससे ज्यादा अंतर होने पर खतरा 2.3 प्रतिशत और बढ़ जाता है। ऐसे में आंखों का चेकअप करा लेना सही रहता है।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण अचानक से नजर आने लगते हैं। जो कुछ इस प्रकार हैं।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
चेहरे या हाथ पैर में अचानक से कमजोरी या सुन्न होना।
बोलने या समझने में अचानक से परेशानी होना।
अचानक दिखाई कम देना या में अंधापन होना।
बेहोशी जैसे हालत होना।
सिरदर्द होना।
चक्कर आना।
अगर आपको ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण नजर आएं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर की मदद लें। अस्पताल जाएं और इलाज जल्दी से शुरू करें, ऐसा करने से ब्रेन स्ट्रोक से होने वाली दिक्कतों से बचा जा सकता है।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षणों को 'FAST' के रूप में याद रख सकते हैं।
Face (चेहरा): चेहरे के एक साइड में अचानक कमजोरी या सुन्न हो जाना।
Arm (हाथ): एक हाथ या पैर में अचानक कमजोरी या सुन्न पड़ जाना।
Speech (बोलना): बोलने या समझने में अचानक से परेशानी होना।
Time (समय): अगर इसमें से कोई भी लक्षण नजर आए, तो जल्द से डॉक्टर की मदद लें।
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Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन तरीकों और सुझावों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
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