विश्वभर में तेजी से बढ़ रहा Breast Cancer का आंकड़ा, यहां पढ़ें क्या है लक्षण और उपचार

Breast cancer Symptom and Causes: कैंसर विश्व भर में मृत्यु का तीसरा सबसे प्रमुख कारण है। सभी प्रकार के कैंसर में से ब्रेस्ट कैंसर के मामले सबसे अधिक सामने आ रहे हैं। इसके प्रति अवेयरनेस बढ़ाने के लिए हर साल अक्टूबर माह-ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के तौर पर मनाया जाता है। हम यहां बता रहे हैं एनसीआर के एकॉर्ड सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट-सर्जिकल आंकोलॉजी डॉ. प्रवीण मेंदिरत्ता द्वारा बताए गए ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण और इससे बचने के तरीकों के बारे में। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े बताते हैं कि 2020 में विश्व भर में ब्रेस्ट कैंसर के सर्वाधिक मामले सामने आए। हमारे देश में भी इस कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, विशेषकर बड़े और मेट्रो शहरों में रहने वाली महिलाओं में। आंकड़ों की मानें तो, हर 17 में से 1 भारतीय महिला को स्तन कैंसर होने का खतरा है। इसके बावजूद हमारे देश में 80 प्रतिशत महिलाएं उपचार के लिए तीसरी या चौथी स्टेज में डॉक्टर के पास जाती हैं। ऐसे में इसके प्रति अवेयर होना (Prevention From Breast Cancer) जरूरी है।
रोग के कारण
यह कैंसर ब्रेस्ट के टिश्यूज में विकसित होता है, विशेष रूप से मिल्क डक्ट्स या लोब्यूल में, जो नलिकाओं को दूध सप्लाय करती हैं। ब्रेस्ट कैंसर के 99 प्रतिशत मामले महिलाओं में देखे जाते हैं, लेकिन इसके 1 प्रतिशत मामले पुरुषों में भी होते हैं। इसकी चार स्टेजेस होती हैं। अगर लक्षणों को पहचान कर उपचार तुरंत शुरू कर दिया जाए तो ठीक होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
इन संकेतों को इग्नोर ना करें
जब ब्रेस्ट कैंसर पनपता है तो कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।
- स्तन में गांठ होना।
- निप्पल से डिस्चार्ज होना।
- स्तन के आकार में बदलाव होना।
- बगल में सूजन या गांठ होना।
- निप्पल के आकार या त्वचा में बदलाव।
- स्तन की त्वचा पर चकत्ते या खुजली होना।
- स्तन में दर्द होना।
- पुरुषों में स्तनों का विकास होना।
डायग्नोसिस-ट्रीटमेंट
आमतौर पर 40 की उम्र के बाद ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है, लेकिन अब युवा महिलाएं भी तेजी से इसकी शिकार हो रही हैं। मेनोपॉज के पहले जिन महिलाओं को यह कैंसर होता है, वो ज्यादा घातक होता है। हालांकि स्तन में होने वाली हर गांठ कैंसर नहीं होती, लेकिन इसकी जांच करवाना बेहद जरूरी है, ताकि आगे चलकर कैंसर का रूप ना ले। लेकिन अगर आप स्तन कैंसर की चपेट में आ जाएं तो भी डरें नहीं। अगर पहली स्टेज में ही इसके डायग्नोसिस के तुरंत बाद उपचार शुरू कर दिया जाए तो इसे जड़ से खत्म किया जा सकता है। लेकिन चौथे स्तर पर पहुंचने पर इलाज संभव नहीं है क्योंकि तब तक यह शरीर के अन्य अंगों में पहुंचकर उन्हें काफी नुकसान पहुंचा चुका होता है।
स्तन कैंसर का उपचार इस पर निर्भर करता है कि यह कौन से स्टेज में है। इसके उपचार के लिए सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, टारगेटेड ड्रग थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी जैसे ऑप्शंस हैं।
बचाव के उपाय
वैसे स्तन कैंसर से पूरी तरह बचाव तो संभव नहीं है, लेकिन कुछ उपाय हैं, जिनसे इसके खतरे को कम कर सकते हैं।
- 20 साल की उम्र के बाद से हर तीन महीने में अपने स्तनों की स्वयं जांच करें।
- 40 साल की उम्र के बाद साल में एक बार मैमोग्रॉफी कराएं।
- सप्ताह में पांच दिन कम से कम 30 मिनट योग और एक्सरसाइज करें।
- अपने भोजन में फलों और सब्जियों को अधिक मात्रा में शामिल करें।
- लाल मांस, तले-भुने खाद्य पदार्थों, प्रोसेस्ड फूड्स और फास्ट फूड्स का सेवन सीमित मात्रा में करें।
- स्मोकिंग और शराब से दूर रहें।
- अपने शिशु को निर्धारित समय तक स्तनपान जरूर कराएं, इससे स्तन कैंसर होने की आशंका को कम किया जा सकता है।
तो बरतें विशेष सावधानी
हालांकि ब्रेस्ट कैंसर किसी भी महिला को हो सकता है लेकिन कुछ रिस्क फैक्टर, इसकी चपेट में आने का खतरा बढ़ा देते हैं। ऐसे में ज्यादा कॉन्शस रहना चाहिए।
-मेनोपॉज के बाद की महिलाएं।
-बच्चे ना होना या बच्चों को फीडिंग ना कराना।
-वसा युक्त भोजन का अधिक मात्रा में सेवन।
-गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन।
-शारीरिक सक्रियता की कमी।
-स्मोकिंग और शराब का सेवन।
- बॉडी वेट अधिक होना।
- कैंसर की फैमिली हिस्ट्री।
ऐसे करें सेल्फ चेकअप
ब्रेस्ट कैंसर के लगातार बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए हर महिला को दो-तीन महीने में एक बार अपने स्तनों की जांच स्वयं करनी चाहिए। पीरियड्स खत्म होने के 4-5 दिन बाद ऐसा करना चाहिए। जिन महिलाओं का मेनोपॉज हो चुका है, वे भी महीने की एक तारीख निर्धारित करें और उसी दिन अपने स्तनों की जांच करें। जांच के लिए आप आइने के सामने खड़ी हो जाएं और अपने एक हाथ को ऊपर उठा लें और दूसरे हाथ से स्तन को जांचें, अपनी बगल को भी दबाकर देखें, क्योंकि कई बार कैंसर की गांठ बगल में भी विकसित हो सकती है। धीरे से अपने निप्पल को भी दबाकर देखें कि कोई डिस्चार्ज तो नहीं निकल रहा है। यही प्रक्रिया दूसरे हाथ से दूसरे स्तन के साथ भी दोहराएं। आइने में यह भी देखें कि कहीं स्तन का रंग तो बदरंग नहीं हो रहा है या स्तन के आकार में कोई असामान्य बदलाव तो नहीं आया है। जरा भी संदेह होने पर डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।
प्रस्तुति-शमीम खान
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