Health Budget: हेल्थ सेक्टर को बजट से काफी उम्मीदें, इस स्कीम के विस्तार से बढ़ेगी स्वस्थ भारत की नींव

Health Budget 2023: अर्थशास्त्रियों की मानें तो अर्थव्यवस्था को बेहतर ढंग से चलाने के लिए किसी भी देश का बजट उसकी रीढ़ की हड्डी होता है। साल 2023-24 का बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को पेश करने वाली हैं। हेल्थ सेक्टर से लेकर तमाम क्षेत्रों की काफी ज्यादा उम्मीदें आने वाले बजट से है। कोरोना महामारी का सामना करने के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्था की कुछ कमियां भी उजागर हुई। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि वित्त मंत्री बजट में उन कमियों को पूरा करने के लिए हेल्थ बजट को बढ़ाने के साथ ही वर्तमान हेल्थ स्कीम का दायरा भी बढ़ाने वाली है।
26 जनवरी को निर्मला सीतारमण ने दो साल से कोरोना की वजह से टाली जा रही हल्वा सेरेमनी की परंपरा को फिर से शुरू किया। परंपरा के अनुसार वित्त मंत्री ने हलवा बाटकर वरिष्थ अधिकारियों का मुंह मीठा करवाया। लोगों के जीवन में मिठास कायम रहें। इसलिए हेल्थ सेक्टर के बजट (Health Budget) को काफी सारी उम्मीदें है। कोरोना के प्रकोप से फिलहाल तो देशवासियों को राहत मिली हुई है। लेकिन इसका सामना करने के दौरान लाखों लोगों ने अपनी जिंदगियां गंवाई हैं। ऐसे में सभी को उम्मीदें हैं कि इस बार का बजट भविष्य में आने वाली ऐसी महामारियों से हमारे हेल्थ सिस्टम की तैयारियों को मजबूत करने में सहयोग देगा।
हेल्थ बजट में होनी चाहिए बढ़ोतरी
विशेषज्ञों की मानें तो हेल्थ बजट में बीते एक दशक से लगातार इजाफा हो रहा है। लेकिन बावजूद इसके हमारे देश का हेल्थ बजट जीडीपी (GDP) के मुताबिक काफी ज्यादा कम है। ऐसे में उम्मीदें लगाई जा रही है कि हेल्थ बजट में इजाफा होना चाहिए। साथ ही हेल्थ केयर इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जाना चाहिए।
आयुष्मान भारत का बढ़ाया जाए दायरा
आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि देश में बड़ी आबादी आज भी ऐसी है, जिसके पास हेल्थ इंश्योरेंस की कोई सुविधा नहीं है। हालांकि, एक पक्ष यह भी है कि आयुष्मान भारत स्कीम (Ayushman Bharat Scheme) के जरिए हालात में कुछ सुधार हुआ है। इस स्कीम के जरिए देश के आम लोगों को बुनियादी हेल्थ सुविधाओं का लाभ जरूर मिला है। लेकिन देश में आज भी रोबोटिक सर्जरी का इलाज आम लोगों की पहुंच से बाहर है। एक सवाल यह भी खड़ो होता है कि क्या हमारा हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर आधुनिक तकनीक का फायदा आम लोगों तक पहुंचाने में कामयाब हुआ है। वर्तमान हालातों को देखने के बाद कहना सही होगा कि फिलहाल तक ऐसा नहीं हो पाया है।
अब बात कर लेते हैं कि आयुष्मान भारत स्कीम के दायरे को लेकर बजट से क्या उम्मीदें लगाई जा रही है। दरअसल, रोबोटिक सर्जरी के इलाज को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। SSI जैसी कंपनियों ने सर्जिकल रोबेटिक सिस्टम और टेलिमेडिसन जैसी तकनीक को ईजाद किया है। इसके लिए सबसे जरूरी चीज है कि आयुष्मान भारत स्कीम के दायरे के अंदर इन तकनीक को शामिल किया जाए। इसका फायदा होगा कि आम आदमी की पहुंच में इस प्रकार के महंगे इलाज हो पाएगे।
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