क्या प्रेग्नेंसी में Depression की वजह से हो सकता है मिसकैरेज, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

क्या प्रेग्नेंसी में Depression की वजह से हो सकता है मिसकैरेज, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
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प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान महिलाओं को कई तरह की परेशानियों से होकर गुजरना पड़ता है, ऐसे में उन्हें डिप्रेशन (Depression) या स्ट्रेस (Stress) हो सकता है, जो मां और होने वाले बच्चे के लिए अच्छा नहीं होता है।

Women Health Care Tips: प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान महिलाओं को कई तरह की परेशानियों से होकर गुजरना पड़ता है, ऐसे में उन्हें डिप्रेशन (Depression) या स्ट्रेस (Stress) हो सकता है, जो मां और उनके होने वाले बच्चे की सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। यहां यह बात ध्यान रखने वाली है कि अनहेल्दी लाइफस्टाइल (Unhealthy Life Style) , एल्कोहल (Alcohol), तंबाकू, ड्रग्स, स्मोकिंग करने या थाइरॉयड, पीसीओडी, ओबेसिटी या क्रोनिक डिजीज की वजह से डिप्रेशन और स्ट्रेस लेवल बढ़ सकता है। इसलिए आपको ध्यान रखने की जरूरत है।

मनोचिकित्सक डॉ. रोहित शर्मा का कहना है कि ये बीमारियां मिसकैरेज की आशंका को बढ़ाती हैं। ऐसे में जरूरी है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं इन सभी बीमारियों का ट्रीटमेंट डॉक्टर से करवाएं, बैड हैबिट्स से दूर रहें और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। इससे डिप्रेशन-स्ट्रेस लेवल भी कम हो जाएगा और गर्भ में पल रहे बच्चे पर इसका नेगेटिव इफेक्ट नहीं पड़ेगा। प्रेग्नेंसी के दौरान डिप्रेशन होने की अन्य वजहों में शारीरिक-मानसिक और सामाजिक बदलाव या हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं। इस वजह से बिना वजह रोना, गुस्सा करना, चीखना-चिल्लाना या बहुत ज्यादा मूड स्विंग होने जैसे लक्षण दिख सकते हैं।

लाइफस्टाइल में करें बदलाव

मनोचिकित्सक का कहना है कि लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव और थोड़ी-सी समझदारी से स्ट्रेस-डिप्रेशन की स्थिति से बचा जा सकता है। इसके लिए आप मूड खराब होने पर खुद को उन एक्टिविटीज में बिजी करें, जिससे खुशी मिलती है।

-वो काम करें, जो आपको पॉजिटिव एनर्जी दे और हेल्दी रखे।

-रिलैक्स रहने के लिए रिलीजियस सीरियल, फनी प्रोग्राम या फनी मूवीज देख सकती हैं।

-अच्छी किताबें पढ़ना, लाइट म्यूजिक सुनना, अपनी हॉबीज को टाइम देना भी हेल्पफुल हो सकता है।

-इन कोशिशों के बावजूद आप अगर स्ट्रेस या डिप्रेशन फील कर रही हैं तो अपने डॉक्टर से बात करें। उनकी दी गई मेडिकेशंस टाइम पर लें।

-जरूरत हो तो साइकोलॉजिस्ट या साइकिएट्रिस्ट से कंसल्ट करें।

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