क्या समय पर पीरियड्स न आने से पड़ता है Heart Health पर असर, ये रहा जवाब

Women Health Care : समय पर पीरियड्स (Periods) आना एक अच्छी हेल्थ (Health) का संकेत है। मासिक धर्म चक्र (Menstrual Cycles) से आपके शरीर की कई चीजों के बारे में पता चल जाता है। यह आपकी मेंटल हेल्थ, हार्मोनल संतुलन और अनसंतुलन और फर्टिलिटी के बारे में बता देता है। इसलिए पीरियड्स से जुड़े बदलावों को लड़कियों और महिलाओं को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। इससे शरीर में कई तरह की परेशानी बढ़ती जाती है, जो कई बीमारियों का कारण बन जाती है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जब पीरियड्स समय पर नहीं आते हैं तो ये समझ लेना चाहिए कि आपके शरीर में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसे में आपको डॉक्टर से बार-बार सलाह जरूर लेनी चाहिए। आप जानते हैं कि दुनिया भर में महिलाएं और लड़कियां पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम (PCOS) से पीड़ित हैं। इसकी वजह से वजन बढ़ता है, पीरियड्स समय पर नहीं आते हैं, प्रेग्नेंसी में देरी होने लगती है। यही नहीं यह डायबिटीज कारण भी बन सकता है।
इस वजह से होती है महिलाएं बांझपन का शिकार
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो पीसीओएस (PCOS) मेटाबॉलिक सिंड्रोम (Metabolic Syndrome) का पार्ट है, जो इंसुलिन (Insulin) प्रतिरोध और पुरुष एण्ड्रोजन हार्मोन (Male Androgen Hormone) के लेवल की विशेषता है। इसकी वजह से अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ना, असामान्य लिपिड प्रोफाइल और मधुमेह (Diabetes) होता है। इसका एक खराब लाइफस्टाइल, डिप्रेशन की शुरुआत और हाईपरटेंशन के साथ भी जुड़ाव देखा गया है। भारत में, बच्चे पैदा करने वाले आयु वर्ग की लगभग 25-30 प्रतिशत महिलाएं पीसीओएस या पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि रोग (पीसीओडी) से पीड़ित हैं। यह महिलाओं बांझपन का एक सामान्य कारण है।
दोगुना बढ़ जाता है स्ट्रोक का रिस्क
डॉक्टर के अनुसार, हृदय संबंधी दृष्टिकोण से देखें तो मेटाबॉलिक संबंधी असामान्यताओं की उपस्थिति हृदय रोगों और स्ट्रोक के रिस्क को लगभग दोगुना कर देती है। इसलिए, पीसीओएस के लक्षणों को जल्दी पहचानकर इलाज करना जरूरी है।
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