Candle Smoke Disadvantages: बीड़ी-सिगरेट ही नहीं मोमबत्ती का धुंआ भी फेफड़ों के लिए खतरनाक, जानिये कैसे करता है प्रभावित

Candle Smoke Disadvantages: बीड़ी-सिगरेट ही नहीं मोमबत्ती का धुंआ भी फेफड़ों के लिए खतरनाक, जानिये कैसे करता है प्रभावित
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Candle Smoke Disadvantages: हम सभी धार्मिक त्योहारों पर मोमबत्ती (Candle smoke) और दीये जलाते हैं। यही नहीं, रात को बिजली कट जाने पर भी मोमबत्ती का प्रयोग करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि छोटी सी दिखने वाली मोमबत्ती कितनी खतरनारक है। तो चलिये बताते हैं मोमबत्ती से होने वाले नुकसान के बारे में।

Candle Smoke Side Effect: हम सभी अक्सर सुनते हैं कि सिगरेट, बीड़ी यानी धूम्रपान करने से फेफड़े खराब होने के चांसेस कई गुना बढ़ जाते हैं। आपको बता दें कि खराब होने पर फेफड़े का रंग लाल से काला हो जाता है। नलियां सिकुड़ने लगती हैं, जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। धूम्रपान, वायु प्रदूषण और अस्वस्थ्य भोजन से भी हमारे फेफड़े को नुकसान पहुंचाता है। हमारे आस-पास कई ऐसी चीजें पाई जाती हैं, जिसकी वजह से हमारे फेफड़े खराब हो सकते हैं। क्या आपको पता है कि कुछ लोगों के लिए मोमबत्ती का जलाना भी खतरनाक (candle smoke disadvantages) साबित हो सकता है।

डॉक्टर्स और शोधकर्ता के द्वारा जारी की गई पब्लिक शोध रिपोर्ट के अनुसार कुछ लोगों के लिए बाहर से ज्यादा घर का प्रदूषण खतरनाक साबित हो सकता है। इसमें मोमबत्ती से निकलने वाला धुंआ, खाना बनाते समय गैस या चुल्हे से निकलने वाला धुंआ शामिल है।

मोमबत्ती जलाने से किसे सबसे ज्यादा खतरा

शोध रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे लोग जिन्हें हल्का सा भी अस्थमा का इश्यू है, उन्हें मोमबत्ती के धुंए से उचित दूरी बनाकर रखनी चाहिए। दरअसल, ये धुंआ उनके फेफड़ों में जाकर जम सकती है। इसकी वजह से उन्हें सांस लेने, दम घुटने जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कैंडल के धुंए से केवल सांस की दिक्कत नहीं बल्कि डीएनए डैमेज, ब्लड इंफ्लामेशन की समस्या भी हो सकती है।

कितना खतरनाक मोमबत्ती का धुंआ

इस शोध की स्टडी 18 साल से 25 साल के युवाओं पर किया गया है। इस उम्र के युवा छोटे बच्चे और बुजुर्ग की तुलना में हेल्दी होते हैं। स्टडी के अनुसार जो रिजल्ट आया, वह बेहद चौंका देने वाला था। ये रिजल्ट बच्चों और बुजुर्गों के प्रति चिंता को बढ़ाते हैं।

मोमबत्ती के साइड इफेक्ट से कैसे बचें

जब कभी भी आप मोमबत्ती का इस्तेमाल करते हैं, तो यह ध्यान दें कि उस जगह पर खिड़की या वेंटिलेशन अवश्य हो। कैंडल को जलाने से पहले खिड़की को खोल लें ताकि मोमबत्ती से निकलने वाला धुंआ आसानी से कमरे के बाहर निकल जाए। यह धुंआ केवल अस्थमा रोगी के लिए ही खतरनाक नहीं बल्कि फेफड़ों के लिए भी बेहद नुकसानदायक है। सर्दियों के मौसम में हम सभी दरवाजे खिड़कियां बंद रखते हैं, ऐसे में मोमबत्ती को जलाना खतरे से खाली नहीं है।

फेफड़े को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें

अगर आप चाहते हैं कि आपके फेफड़े मजबूत रहे तो इसके लिए आपको एंटीऑक्सीडेंट्स फूड्स का सेवन करना होगा। अगर आप ऐसा करते हैं, तो कोई भी खतरा आपके फेफड़े को नुकसान नहीं पहुंचा सकता। सेब, हल्दी, शिमला, ब्लूबेरी,चुकंदर, ऑलिव ऑयल आदि का सेवन कर लंग्स को साफ औऱ मजबूत बनाएं।

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Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन तरीकों और सुझावों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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