Children's Day 2021: पैरेंट्स ऐसे करें अपने बच्चों की परवरिश, जानें क्या कहती हैं चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट

Children's Day 2021: छोटे बच्चे कच्ची मिट्टी के समान होते हैं, हम उन्हें जैसा आकार देते हैं, वे वैसा ही बनते हैं। इसलिए बचपन (Childhood) में उनके व्यवहार में जो बातें, आदतें शामिल हो जाती हैं, वे उम्र भर बनी रहती हैं। बाद में यही बातें सोसाइटी (Society) में बच्चे की अच्छी इमेज बनाने में भी मददगार होती हैं। इसलिए जरूरी है पैरेंट्स शुरुआत से ही बच्चों की परवरिश में कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें।। यहां चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट रेनू गोयल की ओर से टिप्स दिए जा रहे है, जिन्हें आप फॉलो कर सकते हैं।
1- डिसिप्लीन में रहना सिखाएं
डिसिप्लीन यानी अनुशासन को सफलता की चाबी माना जाता है। जो लोग डिसिप्लींड लाइफ जीते हैं, वे कभी असफल नहीं होते हैं। साथ ही लोग उनकी कद्र भी करते हैं। इसलिए बच्चों को बचपन से ही डिसिप्लींड लाइफ जीने के लिए मोटिवेट करना चाहिए। उन्हें समय पर पढ़ने, खाना खाने, समय पर सोने-जागने की आदत डालनी चाहिए। एक बार वे इस तरह की लाइफस्टाइल में ढल जाते हैं, तो उम्र भर इसका पालन करते हैं। ये आदतें उनके बिहेवियर, पर्सनालिटी का हिस्सा बन जाती हैं।
2- कॉन्फिडेंट बनाएं
कई बार बच्चों को पैरेंट्स या घर के दूसरे मेंबर्स छोटी-बड़ी बात के लिए टोकते हैं। आसान सा काम भी उन्हें करने नहीं देते हैं। इन बातों से बच्चों का कॉन्फिडेंस कमजोर होता है। आगे चलकर वे अपनी बात आसानी से ना घर के सदस्यों के सामने और ना ही बाहर के लोगों के सामने रख पाते हैं। यह बिहेवियर उनके लिए फ्यूचर में भी प्रॉब्लम क्रिएट करता है, बच्चे लो कॉन्फिडेंस के शिकार हो जाते हैं। ऐसा न हो, इसके लिए जरूरी है कि बच्चों को कॉन्फिडेंट बनाने में पैरेंट्स मदद करें। उन्हें खुद के छोटे-छोटे कामों से जुड़े डिसीजन लेने को कहें। अगर वे कहीं गलती करते हैं तो उन्हें डांटें या टोके नहीं, इसके बजाय अगली बार ऐसा ना करने को कहें। ये बातें उसके कॉन्फिडेंस को बूस्ट करेंगी। इसी के साथ बच्चों को ओवर कॉन्फिडेंस का शिकार भी ना होने दें। उन्हें डाउन टू अर्थ रहने की सीख दें।
3- जिद्दी ना बने नेचर
कुछ बच्चे बहुत जिद्दी होते हैं, यहां तक कि उन पर अपने पैरेंट्स की डांट का भी असर नहीं होता। यह आदत उनके बिहेवियर, पर्सनालिटी का हिस्सा बन जाती है। आगे चलकर इस एटीट्यूड के कारण उन्हें मुश्किलों का सामना भी करना पड़ सकता है। क्योंकि हर कोई उनकी बात नहीं मानेगा। ऐसा होने पर वे तनाव का शिकार होंगे। इसलिए बच्चों को शुरुआत से ही जिद्दी बनने से रोकना चाहिए। बच्चों की सही बातों को ही मानना चाहिए। अगर बच्चा कोई गलत जिद्द करता है तो उसे पूरा करने से साफ इंकार कर देना चाहिए। एक-दो बार ऐसा होने पर बच्चे को भी अहसास हो जाएगा कि उसकी हर जिद्द को पूरा नहीं किया जाएगा। ऐसा करके बच्चों के व्यवहार को जिद्दी बनने से बचाया जा सकता है।
4- सोशल बनने के लिए प्रेरित करें
आजकल के छोटे बच्चों में गैजेट्स एडिक्शन की प्रॉब्लम ज्यादा देखी जा रही है। कोरोना काल के दौरान और अब भी गैजेट्स, कंप्यूटर, मोबाइल के साथ बच्चे ज्यादा समय बिताने लगे हैं। इन्हीं पर ऑनलाइन स्टडी और बाद में गेम्स भी खेलते हैं। इस वजह से वे अपने फ्रेंड्स, सोशल सर्कल से भी दूर हो रहे हैं। जबकि सोशल बनने से, फ्रेंड्स के साथ रहने से बच्चे बहुत कुछ नया सीखते हैं। उनकी पर्सनालिटी डेवलपमेंट में ये बातें इंपॉर्टेंट रोल निभाती हैं। इसलिए जरूरी है, बच्चों का स्क्रीन टाइम पैरेंट्स कम करें, सिर्फ पढ़ाई तक ही इसे सीमित करें। इसके बजाय उन्हें पार्क में गेम्स खेलने के लिए मोटिवेट करें, इससे वे सोशल बनेंगे।
इन बातों का रखें ध्यान
- बच्चों को पैरेंट्स अपने से बड़ों की रेस्पेक्ट देना, उन्हें ग्रीट करने की सीख दें। अगर वे ऐसा ना करें या भूल जाएं तो बार-बार याद दिलाएं। बच्चों को यह भी बताएं कि वे सभी के साथ रेस्पेक्ट से पेश आएं।
- डिनर बच्चों के साथ करें, इस दौरान उनसे दिन भर में जो कुछ पॉजिटिव हुआ, उस बारे में पूछें। इससे उनका फोकस नेगेटिविटी से ज्यादा पॉजिटिव बातों पर रहेगा। यह बात उनके नेचर को पॉजिटिव बनाने में मददगार होगी।
-इन सभी बातों को अगर पैरेंट्स शुरुआत से अमल में लाएंगे तो आसानी से अपने बच्चे की पर्सनालिटी, बिहेवियर को इंप्रूव कर सकते हैं, इंप्रेसिव बना सकते हैं।
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