Colic in Newborn: अगर बार-बार रोता है न्यू बोर्न बेबी, तो हो सकती है ये समस्या, तुरंत करें पहचान

Colic in Newborn: नवजात शिशु (Newborn Baby) की किलकारियां (screams) काफी ज्यादा अनमोल होती हैं। वहीं बच्चे की छोटी-छोटी हरकतों को देखने के लिए मां और परिवार के बाकी सदस्यों की निगाह हमेशा उन पर होती है। बच्चा जन्म के बाद रोजाना अलग-अलग हरकतें करता है, जैसे की नींद में मुस्कराना, एक आंख खोलकर सोना, नींद में दूध पीना और रोना ये सभी हरकतें कई हफ्तों तक करता है। बच्चे की यहीं हरकतें सभी के दिल में बस जाती हैं और उसकी कुछ हरकतों को कैमरे में कैद करना चाहते हैं। लेकिन, जब बच्चा के ज्यादा रोता है, तो इससे सभी लोगों को परेशानी होती है।
आपने कई बार देखा होगा कि छोटा बच्चा कई बार मुट्ठियां बंद करके, चेहरा लाल और पैरों को फड़फड़ाते हुए रोने लगता है। ऐसे में सबसे ज्यादा हालत खराब बच्चे की मां की होती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अदर ऐसा होता है तो बच्चे को कोलिक की समस्या है। यह समस्या बच्चों में होना काफी आम बात है। इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है।
कोलिक क्या है (what is Colic)
कोलिक वह सिचुएशन है, जिसमें छोटा बच्चा लंबे समय तक बिना किसी कारण के रोने लगता है। यह बच्चे के जन्म के दो हफ्ते बाद शुरू होती है और तीन से चार महीने तक रहती है। इससे आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है। अब आप अपने बच्चे को कोलिक से राहत दिलाने के लिए ये उपाय अपना सकते हैं।
गुनगुने पानी से सिकाई करना या नहलाना (Douching or Bathing with lLukewarm Water)
गुनगुने पानी से सिकाई करें या नहाने से कोलिक से परेशान बच्चों को आराम मिलता है। ये भी हो सकता है कि बच्चे के पेट में गैस, दर्द की समस्या है, जो गुनगुने पानी से सिकाई या नहलाने से कम हो सकती है। इसके लिए गर्म पानी में तौलिया भिगोएं और निचोड़ें फिर धीरे-धीरे बच्चे की पेट की सिकाई करें।
पेट के बल बच्चे को लिटाएं (Lay Baby on Stomach)
बच्चे को पेट के बल लिटाने से उन्हें काफी राहत मिलती है। इसके लिए उन्हें हल्का तकिया या फिर गोद की मदद से भी लिटा सकती हैं। अगर उन्हें पेट में दर्द की परेशानी होगी, तो वह काफी अच्छा महसूस करेंगे। इसके अलावा, बच्चे की पीठ को हल्के हाथों से रगड़ें ताकि गैस को बाहर आने में मदद मिलें।
बच्चे की मालिश करें (Massage Baby)
नारियल या बादाम के तेल से बच्चों की मालिश करने से उन्हें कोलिक की समस्या से काफी आराम मिलता है। साथ ही, पाचन में सुधार होता है। इसके लिए हल्का गुनगुना तेल लें और हल्के हाथों से बच्चे की मसाज करें।
दूध पिलाने के बाद बच्चे को डकार दिलाएं (Burp baby After Feeding)
बच्चे को दूध पिलाने के बाद तुरंत डकार दिलाएं। ऐसा भी हो सकता है कि दूध पीने के बाद बच्चे के पेट में गैस बन गई है, जिससे उसे भारी-भारी महसूस हो रहा हो। इसलिए दूध पिलाने के बाद बच्चे को कंधे पर लिटाकर, गर्दन और कंधों का सहारा लेते हुए हल्के हाथे से उसकी पीठ को थपथपाएं। ऐसा तब तक करना है, ज तक बच्चे को डकार न आ जाएं।
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Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन तरीकों और सुझावों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
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