Covid 19: क्या XBB.1.16 के कारण शिशुओं में बढ़ा कंजक्टिवाइटिस का खतरा

Covid 19: क्या XBB.1.16 के कारण शिशुओं में बढ़ा कंजक्टिवाइटिस का खतरा
X
Covid 19: कोविड महामारी के कारण शिशुओं में बढ़ा कंजक्टिवाइटिस का खतरा, स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा।

Covid 19 Cause Conjunctivitis Risk In Infants: ओमिक्रॉन (Omicron) के सब वैरिएंट XBB.1.16 की वजह से भारत में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई। कोरोना वायरस में लगातार हो रहे म्यूटेशन ने सभी की चिंता बढ़ा रखी है। कोरोना वायरस को लेकर हुए नए शोध में पता चला है कि नया XBB.1.16 वैरिएंट एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों में कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) के जोखिम को बढ़ा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वैक्सीन सेफ्टी नेट के सदस्य विपिन एम. वशिष्ठ के नेतृत्व में एक अध्ययन किया गया था। बता दें कि यह अध्ययन उत्तर प्रदेश के एक बाल चिकित्सा अस्पताल की ओपीडी में दिखे 25 बच्चों पर आधारित था। एम. वशिष्ठ ने अपने अध्ययन में लिखा कि बड़े बच्चों की तुलना में शिशुओं में ज्यादा परेशानियां देखने को मिल रही है।

शिशुओं में बढ़ रहा कंजक्टिवाइटिस का खतरा

एम. वशिष्ठ ने आगे कहा, अध्ययन में पाया गया है कि 42.8 प्रतिशत शिशुओं की आंखों में गैर-प्यूरुलेंट कंजक्टिवाइटिस (non-purulent conjunctivitis) के कारण म्यूकोइड डिस्चार्ज (Mucoid Discharge) और पलकों की चिपचिपाहट के साथ खुजली आदि समस्याएं हो रही हैं। यहां राहत की बात ये है कि किसी भी बच्चे को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं थी। सभी बच्चे रोगसूचक उपचार (symptomatic treatment) के साथ ठीक हो गए। वशिष्ठ ने ट्विटर पर कोविड मामलों के बारे में बताते हुए कहा कि मौजूदा कोविड (Covid 19) प्रकोप केवल 1-3 दिनों तक चलने वाले हल्के बुखार का कारण बन रहा है। हालांकि, शिशुओं में सांस संबंधी परेशानियां ज्यादा थी और हॉस्पिटल में सबसे कम उम्र का मामला 13 दिन के नवजात शिशु का था।

यहां देखें कंजक्टिवाइटिस से बचाव के लिए टिप्स

शिशुओं को हर बीमारी के लिए दवाई देना उचित नहीं होता है। ऐसे में कंजक्टिवाइटिस के इलाज के लिए आप कुछ घरेलू नुस्खों की सहायता ले सकते हैं।

- ब्रेस्टफीडिंग: बता दें कि मां के दूध में हर बीमारी को दूर करने के गुण मौजूद होते है। मां के दूध में कोलोस्‍ट्रम होता है, जिसमें भरपूर मात्रा में माइक्रो न्‍यूट्रिएंट पाए जाते हैं। डॉक्‍टर भी इस बात को मानते हैं कि नवजात शिशु में होने वाली कई सामान्‍य समस्‍याओं को ब्रेस्‍ट मिल्‍क से ठीक किया जा सकता है।

- शहद डालें: बता दें कि शहद में एंटी-फंगल, एंटीबैक्‍टीरियल और एंटीबायोटिक गुण होते हैं। आंखों से संबंधित कई बीमारियों के इलाज के लिए शहद का इस्‍तेमाल किया जाता है। आंखों के लिए आप कच्चे शहद का इस्तेमाल कर सकती हैं।

- नमक वाला पानी: आंखों में इंफेक्‍शन के लिए सबसे आसान और कारगर उपाय नमक का पानी है। इससे बच्चे की आंखों को आराम मिलता है और संक्रमण के कारण पैदा हुई गंदगी भी साफ हो जाती है।

Also Read: Coronavirus: दुनिया भर में कहर बरपा कर भारत पहुंचा Arcturus वेरिएंट, WHO ने कही ये बात

Tags

Next Story