इन बीमारियों की वजह से आती है खांसी, जानें हर बात जो आप इसके बारे में जानता चाहते हैं

Health Tips : वास्तव में खांसी (Cough) कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं है, बल्कि गले का साफ करने के लिए शरीर का एक मैकेनिज्म (Mechanism) होता है। समस्या तब होती है, जब बार-बार खांसी आए या लंबे समय तक खांसी से छुटकारा ना मिले। सर्दी, जुकाम और बुखार (Fever) के कारण खांसी हो सकती है, जो थोड़े दिन में ठीक हो जाती है। कभी-कभार खांसी होना किसी गंभीर बीमारी का संकेत नहीं है, लेकिन अगर बच्चों में चार सप्ताह तक या वयस्कों में आठ सप्ताह तक लगातार खांसी की समस्या बनी रहे तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
इसलिए होती है खांसी
खांसी के बारे में गाजियाबाद स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय में वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक- डॉ. संजय तेवतिया बताते हैं, जब गले में म्यूकस या बाहरी तत्व जैसे धुएं या धूल के कण जमा हो जाते हैं तो गले को साफ करने के लिए एक रिफ्लक्स एक्शन के रूप में खांसी आती है, ताकि गला साफ हो जाए और सांस लेने में परेशानी ना हो। कभी-कभी खांसी आना जरूरी है ताकि आपका गला साफ रहे और म्यूकस या बाहरी तत्व बाहर निकल जाएं। जब खांसी की समस्या तीन सप्ताह से कम समय तक रहती है तो उसे एक्यूट कफ कहते हैं। लेकिन अगर खांसी तीन से आठ सप्ताह तक बनी रहे तो उसे उसे क्रॉनिक कफ कहते हैं, यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। खांसी दो तरह की हो सकती है-
गीली खांसी- जब खांसी के साथ बलगम निकले तो इसे गीली खांसी कहते हैं। सामान्यता सर्दी-जुकाम और फ्लू होने पर खांसी के साथ बलगम आता है। बलगम गले, छाती, नाक, श्वसन मार्ग और फेफड़ों में जमा होता है। जब बलगम का रंग नीला-पीला हो जाए या उसके साथ खून आए तो सतर्क हो जाएं, यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है।
सूखी खांसी- सूखी खांसी में बलगम नहीं निकलता है। अकसर सूखी खांसी को नियंत्रित करना कठिन होता है। सूखी खांसी की समस्या श्वसन मार्ग की सूजन या जलन के कारण हो सकती है।
खांसी आने की वजहें
-कईं स्थितियों के कारण खांसी की समस्या हो सकती है, ये कारण स्थायी और अस्थायी दोनों हो सकते हैं।
-गले में जमा हुए म्यूकस या बाहरी तत्वों जैसे धूल-धुएं के कणों को साफ करने के लिए
-श्वसन मार्ग का संक्रमण जैसे कोल्ड या फ्लू
-धूम्रपान करना
-अस्थमा
-दवाइयों के साइड-इफेक्ट्स
-वोकल कॉर्ड का डैमेज हो जाना
-जीईआरडी यानी गैस्ट्रोइसोफैगियल रिफ्लक्स डिजीज
-बैक्टीरिया का संक्रमण जैसे न्यूमोनिया, टीबी आदि
गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं जैसे पल्मोनरी एंबोलिज़्म, हार्ट फेलियर, फेफड़ों का कैंसर, सीओपीडी यानी क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज
कारगर उपाय
-अपने शरीर में जल का स्तर बनाए रखने के लिए प्रतिदिन 6-8 गिलास पानी पिएं।
-जब सोएं तो सिर के नीचे तकिया थोड़ा ऊंचा रखें।
-रात को सोने से पहले नमक वाले कुनकुने पानी से गरारे करें।
-धूल-धुएं से बचें।
-शहद और अदरक का सेवन करें ताकि खांसी में आराम मिले और आपका श्वांस मार्ग भी साफ हो जाए।
-धूम्रपान ना करें।
तब डॉक्टर से करें संपर्क
अधिकतर मामलों में खांसी की समस्या अपने आप या घरेलू उपायों से ठीक हो जाती है, लेकिन अगर खांसी की समस्या लगातार बनी रहे, और उसके साथ यहां बताए जा रहे लक्षण भी दिखाई दें तो डॉक्टर से उपचार कराने में देरी न करें।
-खांसी की समस्या चार सप्ताह से अधिक समय तक रहे।
-खांसी के साथ तेज बुखार आए।
-सांस लेने में परेशानी हो।
-बलगम का रंग नीला या पीला हो जाए।
-बलगम में खून आए।
-सांस लेते समय घर्र-घर्र की आवाज आए।
इन पर भी करें अमल
अत्यधिक तले-भुने और मसालेदार भोजन का सेवन ना करें, ताकि एसिड रिफ्लक्स की समस्या ना हो। अगर आपको अस्थमा है तो दवाइयां समय पर लें। फ्रिज में रखे हुए फूड्स को तब तक ना खाएं, जब तक कि उनका तापमान सामान्य ना हो जाए। दिन की शुरुआत कुनकुने पानी से करें। डॉक्टर की सलाह पर कफ सिरप लें।
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