Diwali से पहले Delhi की Air Quality में आ रही गंभीर गिरावट, जानें हानिकारक प्रभाव

Air Quality Dips In Delhi Ahead Of Diwali: रौशनी के महापर्व (Festival Of Lights) दिवाली (Diwali) और सर्दियों में पराली जलाने (stubble burning) का समय करीब आते ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में हवा की गुणवत्ता (Air Quality) एक बार फिर से गिरनी शुरू हो गई है। जिससे प्रदूषण के परिणामों (Effect Of Pollution) पर चर्चा करना बहुत ही आवश्यक हो गया है। हम सभी को यह जानना चाहिए की राजधानी दिल्ली की लगातार जहरीली हो रही हवा हम सभी की सेहत को कितना नुकसान पहुंचा रही है, वायु प्रदूषण (Air Pollution) के उच्च स्तर के कई नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभाव (Negative Effects) हो सकते हैं। प्रदूषण का बढ़ता स्तर सांस संबंधी (respiratory diseases) बीमारियों, हृदय रोग (heart disease) और फेफड़ों के कैंसर (lung cancer) होने की संभावना को बढ़ा देता है। वहीं अस्थमा (asthma), क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (chronic obstructive pulmonary disease) और फेफड़ों की बीमारी (lung disease) जैसी सांस की समस्याओं से पहले से जूझ रहे लोगों को और भी गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया का दूसरा सबसे (India is the second most polluted country in world) प्रदूषित देश है। 510 मिलियन से अधिक लोग, या देश की आबादी का लगभग 40 प्रतिशत, उत्तरी भारत के भारत-गंगा के मैदानों में रहते हैं, जहां प्रदूषण का स्तर नियमित रूप से विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों से अधिक बढ़ता है। हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टिटयूट (Health Effects Institute) की ओर से जारी की गई लिस्ट के मुताबिक औसत वार्षिक पीएम 2.5 के लिहाज से भारत (India) में दिल्ली (Delhi) और कोलकाता (Kolkata) सबसे प्रदूषित शहर थे। लिस्ट में दिल्ली पहले नंबर पर रहा था तो वहीं कोलकाता 2 नंबर पर रहा था। मुंबई (Mumbai) इस लिस्ट में 14वें स्थान पर था।
बढ़ते प्रदूषण के कारण 5 स्वास्थ्य परिणाम:
1. अस्थमा का दौरा (Asthma attack)
वायु प्रदूषण लोगों की अस्थमा की स्थिति को गंभीर रूप से बढ़ा सकता है। और यहां तक कि एक नए अस्थमा अटैक को भी ट्रिगर कर सकता है। अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के मुताबिक 2018 में संयुक्त राज्य अमेरिका में वायु प्रदूषण ने 60 लाख बच्चों को प्रभावित किया था।
2. हृदय रोग (Heart disease)
खराब वायु गुणवत्ता (Poor Air Quality) के कारण लोगों को दिल के दौरे (Heart Attack) और स्ट्रोक (Stroke) होने का खतरा बढ़ जाता है।
3. शिशु का जन्म के समय कम वजन (Low birth weight baby)
वायु प्रदूषण (Air Pollution) से शिशु के जन्म के समय कम वजन के साथ-साथ शिशु मृत्यु दर (Infant Mortality) का खतरा बढ़ सकता है।
4. बच्चों के संपूर्ण विकास में रुकावट (Developmental Damage)
हवा में पार्टिकुलेट मैटर की अधिक संख्या भी बच्चों में फेफड़ों के विकास में रुकावट पैदा कर सकती है। यह उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है और जीवन में बाद में उनके फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का खतरा हो सकता है।
5. फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer)
वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग नियमित रूप से पीएम2.5 वायु प्रदूषण (PM2.5 Air Pollution) के उच्च स्तर के संपर्क में थे, उनमें फेफड़ों के कैंसर और अन्य कैंसर (Cancer) होने का खतरा बढ़ जाता है। वायु प्रदूषण से लड़ना सिर्फ सरकार की नहीं हम सबकी जिम्मेदारी है। सभी क्षेत्रों की सक्रिय भागीदारी और प्रयासों के साथ ही हम अपने बेहतर आज और बेहतरीन कल की कामना कर सकते हैं। इसलिए अपने स्तर पर जितना हो सके हमे नेचर को बचाने के प्रयास करने चाहिए।
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