Dhanteras के दिन आखिर क्यों खरीदा जाता है सोना और चांदी? यमराज से जुड़ी है पौराणिक कथा

Why We Celebrate Dhanteras: धनतेरस (Dhanteras 2022) का त्योहार दिवाली (Diwali) से दो दिन पहले मनाया जाता है, दिवाली के 5 दिन तक चलने वाले इस उत्सव में धनतेरस का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन लोग अपनी पसंद की नई चीजें जैसे सोना, चांदी, बर्तन आदि खरीदते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदने के पीछे एक दिलचस्प कहानी है।अगर नहीं तो आज जान लीजिए, धनतेरस का शाब्दिक अर्थ है धन और तेरस (13) जिसका मतलब है धन के लिए मनाया जाने वाला त्योहार जो कार्तिक के महीने के 13 वें दिन होता है। जिसे त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक परंपरा (Dhantreras Kyu manai jati hai) यह है कि इस दिन सोना-चांदी और अन्य बर्तन खरीदे जाते हैं। यदि आप व्यापार करना चाहते हैं या कोई नया शुभ कार्य करना चाहते हैं तो इस दिन से उस काम की शुरुआत करना सबसे शुभ और उत्तम माना जाता है। धनतेरस के दिन सोना खरीदने की परंपरा सदियों पुरानी है जो आज तक चली आ रही है। ऐसा कहा जाता है कि धनतेरस के दिन खरीदारी करना बहुत शुभ और जरुरी होता है, भले ही आप एक झाड़ू ही क्यों न (Dhanteras Par Kyu Kharedte Hai Sona-Chandi) खरीदें।
जानिए धनतेरस मनाने के पीछे की कहानी (Dhanteras Ki Katha)
कुछ लोगों का मानना है कि धनतेरस का असली महत्व सोने-चांदी की खरीदारी है। लेकिन इसका महत्व पैसे, सोना, चांदी और गहनों से कहीं ज्यादा है। इस दिन हर तरफ रोशनी दिखाई देती है, हर घर में स्वादिष्ट खाना बनाया जाता है। धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) के साथ-साथ भगवान कुबेर (Lord Kuber) की भी पूजा की (which deity is worshipped on dhanteras) जाती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान कुबेर धन के देवता हैं और उनकी पूजा करने से वह प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को धनवान बनाते हैं। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, राजा हिमा के 16 साल के बेटे की कुंडली में लिखा था कि उसकी शादी की चौथी रात को सांप के काटने से वह मर जाएगा। ऐसे में जब राजा हिमा के बेटे की शादी हुई और चौथा दिन आया तो उसकी पत्नी रात भर जागती रही और अपने पति को भी जगाए रखा। इस दौरान उन्होंने अपने सारे गहने उतार कर दीप जलाकर कमरे के दरवाजे के पास रख दिए। जब यम देवता राजा हिमा के बेटे को लेने सांप के रूप में आए तो वहां का प्रकाश देख उनकी आंखें चौंधिया गईं।
इतनी रोशनी के कारण यमराज (Lord Yamraj) घर के अंदर प्रवेश नहीं कर सके और बिना प्राण लिए चले गए। इसके बाद राजकुमार की जान बच गई, क्योंकि सोने और चांदी के गहनों से राजकुमार की जान बची थी इसलिए इस दिन सोना-चांदी खरीदना बहुत शुभ होता है। धनतेरस पर यमदीपदान के पीछे भी यही कहानी है, तभी से घर के दरवाजे पर दीपों की रोशनी बुराई को दूर भगाने के लिए की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से बुरी शक्तियों का नाश होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि सोना-चांदी आपको अशुभ और नकारात्मक चीजों से बचाते हैं, इसलिए धनतेरस के दिन इन कीमती धातुओं को खरीदना बेहद शुभ (Auspicious Things To Buy On Dhanteras) माना जाता है।
Dhanteras 2022: शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)
द्रिक पंचांग के अनुसार, धनतेरस पूजा शनिवार 22 अक्टूबर 2022 को की जाएगी। धनतेरस पूजा शुभ मुहूर्त (Dhanteras Puja Shubh Muhurat) शाम 7:01 बजे से रात 8:17 बजे तक 1 घंटे तक चलेगा।
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