हिन्दू-मुस्लिम से बौद्ध और ईसाई तक जानिए कैसे बंटे ये धर्म? कितने अलग हैं इनके रीति-रिवाज

हिन्दू-मुस्लिम से बौद्ध और ईसाई तक जानिए कैसे बंटे ये धर्म? कितने अलग हैं इनके रीति-रिवाज
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How Religions Are Divided: देशभर में सभी धर्मों को किस आधार पर एक-दूसरे से अलग किया जाता है। जानिए धर्म से संबंधित कुछ जानकारियां...

How Religions Are Different From Each Other: हमारा भारत (India) विविधताओं का देश है क्योंकि यहां बहुत से धर्म के लोग एक साथ रहते हैं और अपने कल्चर को फॉलो करते हैं। धर्म की बात करें तो यह आध्यात्मिक मूल्यों और कई प्रथाओं को मिलाकर बनता है। यह हम सभी के जीवन का एक बहुत ही अहम हिस्सा होता है। इसके बावजूद मंदिर, मस्जिद, चर्च जैसी जगहों पर हम सभी को आध्यात्मिकता बड़े पैमाने पर महसूस की जाती है। यह एक ऐसी जगह होती है, जहां लोग अपने आराध्य की सेवा में अपना मन लगाते हैं और उनकी सेवा आदि करते हैं। इन जगहों पर बनने और माने जाने वाले रीति-रिवाजों के कारण एक अलग समुदाय का जन्म होता है। हमने सभी ने अपनी लाइफ में कई अलग-अलग धर्मों के बारे में सुना होता है। हम खुद किसी एक धर्म का हिस्सा हैं, जिसमें ईसाई, हिंदू, मुस्किम, बौद्ध, सिख, रोमन जैसे कई धर्म शामिल हैं। इन सभी धर्मों में अपने आराध्यों की पूजा, अर्चना, सेवा करना, उनके दिखाए रास्ते पर चलना जैसे कई नियम शामिल होते हैं। लेकिन, सभी धर्म में इन रिवाजों को मानने का तरीका अलग होता है। आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कैसे ये धर्म एक-दूसरे से अलग हैं और इन्हें किस आधार पर बांटा गया है।

हिन्दू धर्म का आधार (Hindu)

ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी की उत्पत्ति के साथ ही हिंदू धर्म की भी शुरुआत हुई थी। साक्ष्यों के मुताबिक इस धर्म को पांच हजार साल से भी ज्यादा पुराना माना जाता है। वेदों में इस धर्म की उत्पति सिंधु घाटी से बताई गई है, जिसके कारण हिंदुओं का मानना​​ है कि इस दुनिया में एक दैवीय शक्ति मौजूद है। यह दैवीय शक्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश के अलग-अलग अवतारों के रूप में प्रकट होती है। बता दें कि ये ईसाई धर्म के पवित्र त्रिमूर्ति विश्वास की ओर भी ईशारा करता है। हिंदुओं के वेदों और पुराणों को देवनागरी भाषा में लिखा गया है। हिंदू धर्म में कई मान्यता हैं, जिनमें एक इंसान के लिए सबसे अहम धर्म और कर्म को बताया गया है। हिंदू धर्म में मन की शान्ति के लिए योग को भी शामिल किया गया है।

इस्लाम धर्म का आधार (Muslim)

बता दें कि इस्लाम धर्म का उदय 7वीं शताब्दी में अरब में हुआ। लगभग 613 इस्वी के आसपास पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब ने लोगों को उपदेशा देना शुरू किया, जिसे इस्लाम धर्म की शुरुआत के रूप में देखा जाता है। इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग पैगंबर मुहम्मद द्वारा दी गई शिक्षाओं का पालन करते हैं। इस्लामा धर्म को मानने वाले लोगों को मुसलमान कहा जाता है, ये लोग मस्जिद में 5 वक्त की नमाज अदा करते हैं। इस्लाम धर्म का पालन करने वाले लोगों के लिए पवित्र किताब कुरान है।

बौद्ध धर्म का आधार (Bodh)

बौद्ध धर्म को सिद्धार्थ गौतम ने 500 ईसा पूर्व में स्थापित किया था। बता दें कि सिद्धार्थ गौतम एक राजकुमार थे, जिन्होंने अपना राज पाठ त्यागकर एक भिक्षु का जीवन बिताया था। ऐसा माना जाता है कि सिद्धार्थ गौतम ने अंजीर के पेड़ के नीचे बैठकर निर्वाण प्राप्त किया था। निर्वाण का मतलब आत्मा की मुक्ति होता है, उन्हें बुद्ध व्यक्ति के रूप में भी जाना जाता है। गौतम बुद्ध ने नैतिकता और चार आर्य सत्यों का उपदेश दिया, जिन्होंने लोगों को बताया कि जीवन दुख है, दुख इच्छाओं से बनता है, जब आशक्ति (attachment) खत्म हो जाती है, तो दुख भी खत्म हो जाता है। इसके साथ उन्होंने ये भी कहा था कि इस दुनिया में दुखों से मुक्ति असंभव कार्य नहीं है।

ईसाई धर्म का आधार (Christians)

दो हजार साल पहले फिलिस्तीन में ईसा मसीह के आने के साथ ही ईसाई धर्म की शुरुआत हुई थी। ईसा मसीह को ईश्वर का बच्चा माना जाता है, कई लोग उन्हें ईश्वर के दूत भी मानते हैं। ऐसा माना जाता है कि यीशु ने लोगों को हर इंसान के साथ समान व्यवहार करना सिखाया है क्योंकि कोई भी व्यक्ति छोटा या बड़ा नहीं होता, हर इंसान के साथ इज्जत से व्यवहार करना चाहिए। ईसाई धर्म का प्रसिद्ध ग्रांथ बाइबिल है। ईसाईयों के लिए सभी धार्मिक सेवाएं चर्चों में ही आयोजित की जाती हैं। ईसाई धर्म को कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और ऑर्थोडॉक्स भागों में बांटा गया है।

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