Bhai Dooj: भारत के इन हिस्सों में भाइयों को मरने का श्राप देती हैं बहनें, जानिए इस परंपरा के पीछे की वजह

Unique Rituals Of Bhai Dooj In India: दिवाली (Diwali) के 5 दिवसीय उत्सव की समाप्ति भाई दूज (Bhai Dooj) के पवित्र त्योहार के साथ होती है, यह त्योहार भाई-बहन के खट्टे-मीठे रिश्ते और बेशुमार का प्यार का प्रतीक होता है। आमतौर पर भाई दूज का त्योहार दिवाली के दूसरे दिन यानि गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) के बाद मनाया जाता है, लेकिन इस बार सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) के चलते यह त्योहार दिवाली के तीसरे दिन मनाया जाएगा। भाई दूज का त्यौहार सभी भाई-बहन बहुत ही उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं, हमारे भारत में हर त्योहार का अपना अलग महत्व होता है, विविधताओं का देश होने के कारण राज्य की सीमाओं के साथ इन त्योहारों का नाम और मनाने वाले रीती रिवाज (Hindu Culture) बदल जाते हैं। फिर वह दिवाली का महापर्व हो या भाई दूज का त्योहार, खैर हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज (Bhai Dooj 2022) का त्योहार मनाया जाता है।
भारत के कई हिस्सों में होता है इस अजीब परंपरा का पालन
यह त्योहार भी रक्षा बंधन की ही तरह होता है, इसमें बहने अपने भाइयों का तिलक करती हैं। उन्हें गोला (Coconut) और मिठाइयां देती हैं, साथ भाइयों की सुख-समृद्धि और लंबी उम्र की कामना करती हैं। यह तो हुई उस भाई दूज की बात जो हम और आप आमतौर पर मनाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सुना है कि भाई दूज के शुभ अवसर पर बहनों ने कभी अपने भाइयों को मरने का श्राप दिया हो? नहीं ना, हम भी यह जानकार बहुत चौंक गए थे। लेकिन यही सच है कि भारत में भाई दूज पर छत्तीसगढ़ समेत कुछ जगहों पर अजीबोगरीब परंपरा का पालन किया जाता है। यहां बहनें अपने भाइयों श्राप देती हैं और फिर इस गुनाह के लिए प्रायश्चित भी करती हैं। यह एक परंपरा है जिसका भारत के कुछ हिस्सों में सालों से पालन किया जा रहा है। चलिए अब हम आपको इस अजीब सी परम्परा के बारे में विस्तार से बताते हैं।
जानिए कहां-कहां बहनें अपने भाइयों को देती हैं श्राप
भारत के छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), बिहार (Bihar) और झारखंड (Jharkhand) के कई हिस्सों में एक विशेष समुदाय द्वारा इस परंपरा का पालन किया जाता है, भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों को मरने का श्राप देती हैं। इस दिन बहनें सुबह उठकर अपने भाइयों को श्राप देती हैं और फिर अपने इस कार्य का प्रायश्चित करने के लिए अपनी जीभ पर सुइयां चुभाती हैं। इस दौरान बहनें लड़कियां यम लोक के प्राणियों की प्रतिमूर्ति बनाती हैं और उसको कुटती हैं। ऐसा माना जाता है कि भाई दूज (Bhai Dooj 2022) के दिन इस अजीब सी परंपरा का पालन करने से यमराज (मृत्यु के देवता) का भय नहीं रहता है।
जानिए इस अजीब परंपरा के पीछे की कथा
अगर इस परंपरा के पीछे की कथा के बारे में बात करें तो ऐसी मान्यता है कि एक बार यमराज धरती पर किसी ऐसे व्यक्ति की जान लेने आए थे, जिसकी बहन ने उसे कोई भी श्राप ना दिया हो। यमराज के बहुत ढूंढने के बाद भी उन्हें कोई ऐसा व्यक्ति नहीं मिला, जिसे उसकी बहन ने किसी तरह का कोई श्राप ना दिया हो। लेकिन यमराज (Lord Yamraj) ने एक व्यक्ति को ढूंढ निकाला जिसकी बहन उससे बहुत प्यार करती थी और उसे कभी कोई श्राप नहीं दिया था। इस बात की भनक जब उस व्यक्ति की बहन को लगी तो उन्होंने अपने भाई को श्राप दिया और गलियां देना शुरू कर दिया था। जिससे यमराज उसके भाई की जान नहीं ले पाए और इस तरह बहन ने अपने प्यारे भाई की जान बचा ली।
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