Carrot Benefit For Skin : बेहतर स्किन की चाह में कैंसर को न दें न्यौता, पढ़ें गाजर खाने के फायदे और नुकसान

Carrot Benefit For Skin : बेहतर स्किन की चाह में कैंसर को न दें न्यौता, पढ़ें गाजर खाने के फायदे और नुकसान
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Carrot Benefit For Skin : गाजर सेहत के लिए तो अच्छी ही मानी जाती है। लेकिन, क्या ये स्किन के लिए भी उतनी ही फयदेमंद है या नहीं, अथवा इसके अधिक सेवन से गंभीर बीमारिया भी हो सकती हैं, आइये बताते है इस रिपोर्ट के माध्यम से

Carrot Benefit For Skin : इंटरनेट पर आजकल एक नया ट्रेंड लोकप्रियता हासिल कर रहा है। यह एक सौंदर्य ट्रेंड है, जिसे "गाजर टैन" कहा जा रहा है। इस ट्रेंड को लेकर दावा है कि दिन में तीन गाजर खाने से आपको प्राकृतिक टैन मिलेगा। लेकिन, क्या इसे वास्तव में किसी व्यक्ति को प्राकृतिक चमक मिलेगी अथवा नहीं तो आइये जानते हैं इस रिपोर्ट में...

क्या गाजर से स्किन की रंगत प्रभावित होती है

कैरोटीनॉयड एक नेचुरल रंगद्रव्य (pigment) है, जिसे फल और सब्जिया लाल, नारंगी और पीले रंग की होती है। इसमें लाइकोपीन, ल्यूटिन, अल्फा-कैरोटीन और बीटा-कैरोटीन के साथ कई और कैरोटीनॉयड शामिल होते हैं। बीटा-कैरोटीन गाजर के नारंगी रंग के लिए जिम्मेदार कैरोटीनॉयड है। बीटा-कैरोटीन युक्त भोजन पच जाने के बाद, आंत की विशेष कोशिकाएं इसे रेटिनॉल (रेटिनॉल विटामिन ए का ही एक हिस्सा है) के दो मोलेक्युल्स में तोड़ देती हैं।

बता दें की विटामिन ए दृष्टि (eyesight), प्रजनन, विकास और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए होता है। बॉडी अपनी आवश्यकता के हिसाब से बीटा-कैरोटीन को विटामिन ए में बदलने को नियंत्रित करता है। जब बॉडी के लिए पर्याप्त विटामिन ए होता है, तो बॉडी बीटा-कैरोटीन को विटामिन ए में बदलने का काम धीरे या बंद कार देती है।

एक्स्ट्रा बीटा-कैरोटीन को या तो लिवर और वसा टिश्यू में इकट्ठा किया जाता है, मल के जरिए उत्सर्जित किया जाता है या स्किन की बाहरी परत में पसीने की ग्रंथियों के माध्यम से हटा दिया जाता है। इसी दौरान स्किन "टैन" हो सकती है। मेडिकल में इसे कैरोटीनोडर्मा (carotenoderma) कहा जाता है। कैरोटीनोडर्मा स्किन को एक पीला/नारंगी रंग प्रदान करता है, यह हाथों की हथेलियों, पैरों के तलवों और नाक के पास मुस्कान रेखाओं को केंद्रित करता है।

बीटा-कैरोटीन और विटामिन ए युक्त अन्य पदार्थ

यह बीटा-कैरोटीन सिर्फ गाजर में ही नहीं, बल्कि पीली और नारंगी रंग की सब्जियाँ, गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियाँ और फलों में भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। बीटा-कैरोटीन अजमोद, तुलसी, चाइव्स, मिर्च पाउडर, धूप में सुखाए गए टमाटरों और कुछ आहार सप्लीमेंट्स में भी होता है।

कितने दिन गाजर के सेवन से स्किन की रंगत में बदलाव की संभावना

कुछ दिनों तक गाजर के अधिक सेवन से त्वचा के रंग में बदलाव की संभावना नहीं है। ऐसी कोई स्टडी या रिसर्च तो इस पर नहीं की गई है, जिससे पता चल सके कि दिन में कितनी गाजर खाने से स्किन की रंगत में बदलाव आएगा

एक प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार यह है कि एक हफ्ते में लगभग 3 किलोग्राम गाजर अथवा एक दिन में लगभग सात बड़ी गाजर खाने से स्किन की रंगत में बदलाव आ सकता है। दूसरे शोध का कहना है कि स्किन की रंगत में चेंज के लिए कुछ हफ्तों तक रोजाना कम से कम दस गाजर खानी होगी।

इसके अलावा गाजर की मात्रा, गाजर की विविधता, उसके आकार और पकने, गाजर को तैयार करने के तरीके (कच्ची या पकाई) और गाजर को वसा के स्रोत के साथ खाया जाता है या नहीं, इस बात पर तय होगा। किसी व्यक्ति का वजन और स्वास्थ्य भी अब्सोर्ब बीटा-कैरोटीन की मात्रा को प्रभावित करेगा।

क्या अधिक बीटा-कैरोटीन खाना खतरनाक

विटामिन ए के दो मुख्य रूप है, पूर्वनिर्मित विटामिन ए और प्रोविटामिन ए प्रीफोर्म्ड विटामिन ए, विटामिन ए का एक्टिव रूप है, जो पशु-आधारितभोजन से मिलता है। जिसमें लीवर, मछली के लीवर का तेल, अंडे की जर्दी और डेयरी उत्पाद शामिल हैं। जब कोई यह भोजन खाता है, तो पहले से तैयार विटामिन ए बॉडी के उपयोग के लिए तैयार हो जाता है।

अधिक मात्रा में सेवन करने से पूर्वनिर्मित विटामिन ए हानिकारक हो सकता है। लेकिन प्रोविटामिन ए मनुष्यों में विटामिन ए हानिकारक नहीं होते हैं, क्योंकि बॉडी प्रोविटामिन ए यौगिकों को विटामिन ए में बदलने को सख्ती से नियंत्रित करती है। इस वजह से व्यक्ति को कितना बीटा-कैरोटीन सुरक्षित रूप से खाना चाहिए इसका अनुमान अभी उपलब्ध नहीं हैं।

लेकिन कुछ सबूत हैं कि अधिक बीटा-कैरोटीन की खुराक (एक दिन में 20 मिलीग्राम या अधिक) लेने से कई लोगों में फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए कैंसर काउंसिल बीटा-कैरोटीन की खुराक (प्रति दिन 20 मिलीग्राम से अधिक) खाने से बचने की सलाह देते है, खासकर अगर आप धूम्रपान करते हैं।

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Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन तरीकों और सुझावों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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