जोड़ों के दर्द से लेकर डायबिटीज तक 10 बड़ी बीमारियों को जड़ से खत्म कर देता है विधारा, ऐसे करें सेवन

जोड़ों के दर्द से लेकर डायबिटीज तक 10 बड़ी बीमारियों को जड़ से खत्म कर देता है विधारा, ऐसे करें सेवन
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विधारा (Elephant creeper) के नाम से आम लोग परिचित नहीं हैं, जबकि आयुर्वेद विद्वानों ने इसके कई तरह के फायदों के बारे में बताया है, जिन्हें जानकर आप हैरान हो जाएंगे। यह पौधा मानसिक, शारीरिक, स्नायु रोगों (Neurology) में भी एक प्रभावी औषधि के रूप में काम करता है। इसको अश्वगंधा (Ashwagandha) के साथ मिलाकर चूर्ण बनाया जाता है, जो सभी तरह की कमजोरी में बहुत लाभकारी है। आइए जानते हैं विधारा (Elephant creeper) के फायदों के बारे में।

Elephant creeper Health Benefits : विधारा (Elephant creeper) के नाम से आम लोग परिचित नहीं हैं, जबकि आयुर्वेद विद्वानों ने इसके कई तरह के फायदों के बारे में बताया है, जिन्हें जानकर आप हैरान हो जाएंगे। यह पौधा मानसिक, शारीरिक, स्नायु रोगों (Neurology) में भी एक प्रभावी औषधि के रूप में काम करता है। इसको अश्वगंधा (Ashwagandha) के साथ मिलाकर चूर्ण बनाया जाता है, जो सभी तरह की कमजोरी में बहुत लाभकारी है। आइए जानते हैं विधारा (Elephant creeper) के फायदों के बारे में।

किन रोगों में लाभकारी

-जोड़ों के दर्द

-गठिया

-सूजन

-मधुमेह

-पेट के कीड़े

-बवासीर

-मिरगी के दौरे

-दस्त

-कफ

-गैस

खाने को जल्दी पचाने में सहायक

विधारा भोजन को शीघ्र पचाता है। इसकी मात्रा सामान्यतः रस दो से चार चम्मच, काढ़ा चार-चार चम्मच और चूर्ण एक-एक चम्मच सवेरे-शाम लेना चाहिए।

ऐसे करें उपयोग

-डायबिटीज (मधुमेह) के लिए दो से चार चुटकी चूर्ण को शहद में मिलाकर लेना लाभकारी है।

-गर्भधारण में सफलता के लिए महिलाओं को इसका काढ़ा प्रतिदिन सवेरे पीना लाभकारी है।

-जोड़ों के दर्द के लिए शतावरी की जड़ और विधारा की जड़ का काढ़ा बना कर चार-चार चम्मच दिन में दो बार लेना फायदेमंद होता है।

-हाथी पांव, जिसको फीलपांव या फाइलेरिया भी कहते हैं के रोगी को इसकी जड़ का चूर्ण कांजी के साथ लेने से काफी राहत मिलती है।

-एक्जिमा के रोगियों को इसके पत्तों का रस लगाने मात्र से आराम मिलता है।

-चेचक के फोड़ों में इसके पत्तों को पीस कर लगाना लाभकारी है।

-शरीर के दुबलेपन को दूर करने के लिए इसकी जड़ का चूर्ण शहद से लेना चाहिए।

-सिर दर्द में आराम के लिए इसकी जड़ को पानी के साथ घिस कर माथे पर लगाने से आराम मिलता है।


ऐसे लोगों को नहीं करना चाहिए विधारा का सेवन

जो लोग पित्त प्रकृति के हों, उनको इसका सेवन नहीं करना चाहिए। हाथ पांव की जलन हो, छाले हों तब भी इसका प्रयोग हानिकारक है। अधिक मात्रा में सेवन करने से चक्कर आना, धुंधला दिखाई देना, कब्ज होना, मितली आना आदि विकारों से सामना करना पड़ सकता है। यहां बताए गए उक्त उपाय उपचार सामान्य हैं, प्रयोग करने से पहले अपने वैद्यजी या आयुर्वेद विशेषज्ञ से सलाह अवश्य करें।

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