Eye Twitching: शुभ-अशुभ नहीं बल्कि इन गंभीर बीमारियों की हो रही शुरुआत, जानिए आंखें फड़कने की असली वजह

Eye Twitching: शुभ-अशुभ नहीं बल्कि इन गंभीर बीमारियों की हो रही शुरुआत, जानिए आंखें फड़कने की असली वजह
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Eye Fluttering Problem: जानिए क्यों फड़कती हैं आपकी आंखें, किसी गंभीर बीमारी के तो नहीं हो रहे शिकार, पढ़िये रिपोर्ट...

Eye Flutter Problem: आपने अक्सर सुना होगा कि किसी व्यक्ति की दाईं आंख फड़कने लगे तो कहा जाता है कि आज कुछ अच्छा होने वाला है। इसके विपरीत अगर कभी बाईं आंख फड़कने लगे तो इसे अशुभ माना जाता है। वहीं, महिलाओं के मामले में इसी सिचुएशन को उल्टा कर दिया जाता है। सरल शब्दों में समझाएं तो बाईं आंख का फड़फड़ाना महिलाओं को लिए शुभ और दाईं आंख फडफड़ाना अशुभ माना जाता है। आपने नोटिस किया होगा कि आंखें बस कुछ देर के लिए ही फड़कती हैं और फिर नॉर्मल हो जाती हैं। हालांकि कई बार ऐसी स्थिति बन जाती हैं कि काफी समय बीत जाने के बाद भी आंख फड़कना बंद नहीं होती हैं। ऐसी सिचुएशन में आपको सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि इस स्थिति में बात महज शुभ-अशुभ तक सीमित नहीं रहती है बल्कि आंखों के बीमार होने का बहुत ही गंभीर संकेत है।

इन बीमारियों के कारण फड़कती हैं आंखें

आईलिड मायोकेमिया (Eyelid Myokemia)

यह बीमारी एंग्जाइटी, आंखों की थकावट, नशे का सेवन, कैफीन ज्यादा लेना, नींद पूरी न होना जैसे फैक्टर से होती है। इसमें बीमारी में 3-4 घंटे से लेकर दिनभर तक भी आंखें फड़कती रहती हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि खुद ही ठीक भी हो जाती हैं।

बिनाइन इसेन्शियल ब्लेफेरोस्पाज़्म (Benign Essential Blepharospasm)

बिनाइन इसेन्शियल ब्लेफेरोस्पाज़्म को आंखों की बहुत ही गंभीर बीमारी माना जाता है। इसमें आंखों की मसल्स सिकुड़ जाती हैं। इस बीमारी में आंखें फड़कती रहती हैं, साथ ही दर्द भी महसूस होता है। इस स्थिति में कई बार आंखों को खोलना भी बहुत मुश्किल हो जाता है।

हेमीफेशियल स्पाज्म (Hemifacial Spasm)

इस बीमारी में आंखों के साथ ही चेहरे का आधा हिस्सा सिकुड़ जाता है। इससे चेहरे, गाल, मुंह और आंखें फड़कना शुरू हो जाती हैं। यह आमतौर पर जलन और चेहरे की नसों के सिकुड़ने के कारण होती है। इससे ब्रेन और नर्वस सिस्टम पर भी असर होता है।

परेशानी से ऐसे करें बचाव

अगर आंखों के फड़कने से आपको कोई परेशानी हो रही है तो इसके लिए जरूरी है कि आंखों को आराम दें। साथ ही, पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें, स्ट्रेस से निपटने के लिए योग करें, अच्छी नींद लें, कैफीन का सेवन कम करें, डॉक्टर की सलाह पर ही किसी अच्छी आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें। इससे आंखों में नमी बनी रहेगी, अगर आपको ज्यादा परेशानी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

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