सर्दियों में करें अलसी का सेवन, सर्दी-खांसी समेत 10 बीमारियों से मिलेगी राहत

सर्दियों में करें अलसी का सेवन, सर्दी-खांसी समेत 10 बीमारियों से मिलेगी राहत
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अलसी (Alsi) यानी फ्लैक्स सीड (Flax Seed) भी तिल, सरसों और मूंगफली की तरह तेल का स्रोत है। आप सभी जानते हैं कि अलसी के बीज हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। आयुर्वेद में इसको वात, कफ, पित्त विनाशिनी कहा गया है।

अलसी (Alsi) यानी फ्लैक्स सीड (Flax Seed) भी तिल, सरसों और मूंगफली की तरह तेल का स्रोत है। आप सभी जानते हैं कि अलसी के बीज हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। आयुर्वेद में इसको वात, कफ, पित्त विनाशिनी कहा गया है। इसमें ओमेगा 3 (Omega 3) भरपूर मात्रा में होता है, जो धमनियों में कोलेस्ट्रॉल (Colestrol) के जमाव को रोकने में मददगार है। इसका सेवन करने से हार्ट हेल्दी होता है और बढ़ते वजन को कंट्रोल कम में मदद करते है।

ऐसे करें उपयोग

1-खांसी और दमा के रोगी, अलसी का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पिएं। इसके एक चम्मच बीजों को बारह घंटे पानी में भिगोएं। सुबह के रखे इस पानी को शाम को और शाम के रखे पानी को सुबह सेवन करने से भी खांसी और दमा में लाभ होगा।

2- जल जाने पर अलसी का तेल और चूने का निथरा हुआ पानी बराबर मात्रा में मिलाकर इसको जले स्थान पर लगाने से जलन में आराम मिलेगा, घाव जल्दी भरेगा।

3-दो चम्मच अलसी बीज का चूर्ण, एक चम्मच मिश्री का चूर्ण मिलाकर दिन में तीन बार लिया जाए तो यूरीन संबंधी परेशानी होगी दूर।

4-रात में सोने से पहले एक से दो चम्मच इस चूर्ण को दूध के साथ लें, कब्ज से छुटकारा मिलेगा।

5-खांसी, जुकाम में दो कप पानी में एक चम्मच अलसी डालें। इसे धीमी आंच पर उबालें, जब आधा पानी बच जाए तो उतार कर छान लें, फिर गुड़ या शहद मिलाकर सुबह-शाम लेना हितकर है।

6-डायबिटीज (मधुमेह) रोगी रोटी बनाने के लिए आटा गूंथते समय चार चम्मच अलसी मिलाकर रोटी बनाकर सेवन करें, शुगर कंट्रोल में मदद मिलेगी। इसी तरह एक से दो चम्मच अलसी सुबह-शाम पानी या दूध से लेना, खराब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मददगार है।

7-एक चम्मच अलसी एक कप पानी में उबाल कर ठंडा कर दिन में तीन बार लिया जाए तो हैजा का प्रकोप कम होगा।

8 -नींद की कमी और मानसिक तनाव में आराम के लिए इसको अरंड के तेल में मिलाकर सिर और पैर के तलवों पर मालिश करना चाहिए।

ऐसे करें सेवन

अलसी सेवन करने का तरीका भी सही होना चाहिए। इसको एक बार में सौ, दौ सो ग्राम लें और कड़ाही में डाल कर आंच पर रखें। अब इसमें देशी घी का छींटा लगाएं और धीरे-धीरे चम्मच से हिलाते रहें। ध्यान रहे आग तेज ना हो। जब अलसी चट-चट की आवाज करने लगे तो आग से उतार कर ठंडा करें फिर मिक्सी में डाल कर दरदरा बना लें। अब इसे बंद बर्तन में रख दें। फिर रोग के अनुसार इसका सेवन कर सकते हैं।

नोट: यहां बताएं गए उक्त सभी उपाय उपचार सामान्य हैं, प्रयोग करने से पहले अपने वैद्य या आयुर्वेद विशेषज्ञ से सलाह अवश्य करें।

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