तब फल खाने का मिलेगा पूरा फायदा

बड़े-बुजुर्ग हों या फिर सेहत विज्ञानी, सभी स्वस्थ रहने के लिए फलों का नियमित सेवन करने की सलाह देते हैं। लेकिन कुछ बातों का खास ध्यान रखा जाए, तो फलों के सेवन का पूरा फायदा सही तरीके से हासिल किया जा सकता है।
हेल्थ के अनुसार चुनें
फलों का चयन करते समय हमेशा अपनी सेहत, शरीर और शारीरिक सीमाओं को ध्यान में अवश्य रखें। मसलन डायबिटीज के मरीजों को आम, अंगूर, केला, सीताफल, चीकू, तरबूज जैसे चीनी से भरपूर फल बेहद कम मात्रा में ही खाने चाहिए। जिन्हें गर्म तासीर के फल सूट न करें, उन्हें इनसे दूर रहना चाहिए। आईबीएस से पीड़ित लोगों को नाशपाती या अंगूर जैसे फल डॉक्टर से कंसल्ट कर खाने चाहिए। कई लोगों के लिए खट्टे फल नुकसानदायक होते हैं, उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
भोजन की मात्रा न करें कम
माना कि फल खाना अच्छी आदत है, लेकिन अपने सामान्य भोजन को छोड़कर या उसकी मात्रा कम करके पूरी तरह ही फलों पर आश्रित रहना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। डायटीशियंस की राय में फलों मे मौजूद कुदरती शर्करा शरीर को पर्याप्त ऊर्जा तो दे सकती है, लेकिन इनमें प्रोटीन नहीं होता। लंबे समय तक शरीर को प्रोटीन न मिलने से मांस-पेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं। प्रोटीन की कमी से शरीर में सुस्ती, बालों का झड़ना, नाखून भुरभुरे होना, स्किन ढीली पड़ना, कमजोरी आना जैसे कई नुकसान हो सकते हैं।
हमेशा ताजे फल खाएं
फलों को खाते समय ही तुरंत काटना चाहिए। काफी देर पहले कटे फलों में बैक्टीरिया पनपने का डर तो रहता ही है, साथ ही इनका पोषण भी नष्ट हो जाता है। फलों में पानी में घुलनशील विटामिन होते हैं, इसलिए ज्यादा देर से कटे हुए फलों से ये गायब हो जाते हैं। अच्छा तो यही रहेगा कि जिन फलों को साबुत खाना संभव हो, उन्हें बिना चाकू से काटे अपने दांतों की मदद में खाएं।
मात्रा कम-सर्विंग्स ज्यादा
हर रोज दिन में कम से कम 2-3 बार फल जरूर खाएं। एक बार में 100-125 ग्राम फल खाने चाहिए। अगर आप स्नैक्स के बदले भी फल लेना चाहें तो दिन में 4-5 बार भी फलों का सेवन कर सकते हैं।
फिलर के रूप में लें फल
अगर आप अपना वजन नियंत्रित करना चाहते हैं तो भी फल खा सकते हैं। फलों को नेगेटिव कैलोरी फूड माना जाता है। दोपहर और रात के भोजन के बीच फिलर के रूप में भी फलों का सेवन करना फायदेमंद है। चकोतरा, संतरा, स्ट्रॉबेरी, मौसंबी आदि फल काफी फायदेमंद माने जाते हैं।
सफाई का रखें ध्यान
अमेरिका स्थित लॉस एंजेलस विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने फल-सब्जी खाते वक्त व्यापक सावधानी बरतने की सलाह दी है। इनका कहना है कि सिर्फ धो लेने से यह सुरक्षित नहीं हो जाते क्योंकि बेनोफिल नामक जो कीटनाशक खेतों में डाला जाता है, वह कई बार साग सब्जी या फलों में आ जाता है। इससे पार्किसंस नामक रोग होने की संभावना बढ़ती है। इसीलिए अमेरिका में इस कीटनाशक का प्रयोग वर्जित कर दिया गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार कच्चे फल या सब्जी खाने से पहले इन्हें अच्छी तरह धो लें, फिर कुछ समय तक नमक के पानी में डुबो कर रखें, फिर फ्रेश पानी से धोकर खाएं।
जूस नहीं फल खाएं
'ब्रिटिश मेडिकल जर्नल' में प्रकाशित नए अध्ययन में बताया गया है कि सेव, ब्लू बेरीज और अंगूर खाने वाले लोगों में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 23 फीसदी कम हो जाता है। महीने में सिर्फ एक बार फल खाने वालों के साथ हफ्ते में कम से कम दो बार फल खाने वालों की तुलनात्मक अध्ययन में यह नतीजा सामने आया। जबकि रोज फलों का जूस पीने वालों में मेटाबॉलिक डिसऑर्डर की समस्या होने की आशंका साबुत फल खाने वालों की तुलना में 21 फीसदी ज्यादा पाई गई। जाहिर है, फ्रूट जूस की तुलना में फल खाना ज्यादा फायदेमंद है।
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