Ganesh Utsav 2022: अपने बच्चों को जरूर सिखाएं बप्पा के ये 5 गुण, जीवन के हर पड़ाव में आएंगे बहुत काम

Ganesh Utsav 2022: भारत के कई हिस्सों में गणेश उत्सव (Ganesh Utsav Celebration) का त्योहार बहुत ही खुशी और धूमधाम से मनाया जा रहा है, उत्सव में लोग जमकर मस्ती कर रहे हैं और बहुत ज्यादा उत्साहित हैं, शरीर में एनर्जी भर देने वाले बप्पा के गानों पर लोग थिरक रहे हैं, वहीं कई लोग गणेश भवान की पसंदीदा चीजें मोदक जैसे कई व्यंजन तैयार करने में व्यस्त हैं। इस साल 31 अगस्त को गणेशोत्सव की शुरुआत हुई है और भव्य उत्सव का समापन 9 सितंबर को होगा। ज्ञान के देवता माने जाने वाले भगवान गणेश से वैसे तो हम सबकुछ ही सीख सकते हैं, लेकिन देश के युवाओं को और सबसे अहम बढ़ती उम्र के बच्चों के सीखने के लिए हम कुछ गुण बताएंगे जिन्हे वह बप्पा से जरूर सीखें। ऐसा करने से वह समझदार बन सकेंगे और अपने जीवन में बेहतर निर्णय ले सकें। आइए जानते हैं आप अपने बच्चों को भगवान गणेश की कौन सी 5 महत्वपूर्ण (Parenting Tips) शिक्षाएं सिखा सकते हैं।
- खामियों को स्वीकार करना
धरती पर कोई भी पूर्ण नहीं है, हर इंसान में कुछ ना कुछ खामियां होती ही हैं। भगवान गणेश का हाथी का सिर और उनकी सूंड होना आपके बच्चों को यह सिखाने के लिए बहुत ही आदर्श उदाहरण है कि हर इंसान को अपनी खामियों को और कमजोरियों को अपनाकर उन्हें अपनी सबसे बड़ी ताकत बनाना चाहिए। हमेशा याद रखें अपनी खामियों को पहले खुद पूरे दिल से स्वीकार करना आत्मविश्वास बनाने का पहला कदम है। इसके बाद बाकि की दुनिया भी आपको अपनाने पर मजबूर हो जाएगी।
- माता-पिता हैं आपकी दुनिया
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान शिव और देवी पार्वती ने अपने दोनों पुत्रों गणेश जी और कार्तिके जी को तीन बार पृथ्वी की परिक्रमा करने का निर्देश दिया था। इस पर भगवान कार्तिक ने तुरंत चुनौती को पूरा करने के लिए अपने वाहन मोर पर उड़ान भरी, लेकिन भगवान गणेश के चतुर और मजाकिया होने के कारण उन्होंने तीन बार अपने माता-पिता की परिक्रमा करते हुए दावा किया कि उनके माता-पिता ही उनकी पूरी दुनिया हैं। यह आपके बच्चों को एक महत्वपूर्ण जीवन का सबक देता है कि माता-पिता से बड़ा कोई नहीं है और इसलिए उनका हमेशा सम्मान करना चाहिए।
- दयालु और विनम्र होना
यह एक सर्वविदित तथ्य है कि भगवान गणेश अपने साथी के रूप में एक चूहे को रखते हैं। यह गुण आपके बच्चे को यह समझाने के लिए आवश्यक है कि उन्हें सबसे छोटे जीवों और सबसे गरीब व्यक्तियों का भी पूरा सम्मान करना चाहिए और उनके प्रति दया दिखानी चाहिए।
- हार नहीं मानना
आपने उस समय की कथा तो सुनी ही होगी जब ऋषि व्यास भगवान गणेश को महाभारत की कथा सुना रहे थे। जब कलम की स्याही सूख गई, तो गणेश ने शेष कहानी लिखने के लिए अपना स्वयं का दांत तोड़ दिया ताकि ऋषि को रुकना न पड़े। इस कहानी को आप अपने बच्चे को सबक देने के लिए उपयोग कर सकते हैं, वह सबक है हार न मानना और जो कुछ भी आपके पास है उसे लेकर अपनी आखिरी सांस तक कोशिश करना।
- थोड़ा सबर करें
भक्त आमतौर पर अपने गहरे दुखों और परेशानियों को भगवान गणेश के साथ साझा करते हैं, क्योंकि बप्पा विघ्नहर्ता हैं और वह सभी समस्या को हल कर देते हैं। साथ ही वह बहुत अच्छे श्रोता भी हैं, इसलिए उनके लंबे झुके हुए कानों से आप अपने बच्चों को एक अच्छा लिसनर बनने और लोगों के प्रति अधिक सहानुभूति रखने के महत्व को समझा सकते हैं।
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