आपके इर्दगिर्द है खुशी

आजकल कोरोना संक्रमण के कारण लोग बहुत दुखी, हताश और उदास हैं। तमाम तरह की चिंताओं से घिरे हैं। कोई अपनी सेहत को लेकर परेशान है, कोई अपनी सैलरी के कट से दुखी है तो किसी को अपने भविष्य की चिंता है। इस तरह इन दिनों ज्यादातर लोग विचलित हैं, खुद को खुश महसूस नहीं कर रहे हैं। जबकि खुश रहना मुश्किल समय में भी मुमकिन है। वाशिंगटन पोस्ट में फाइनेंस-वैलनेस के बारे में लिखने वाली हीलेन ओलेन का कहना है, 'खुशी का संबंध पैसे से नहीं है, यह एक संतुष्टि का भाव है। यह पैसे से नहीं, हमारी कोशिश से जिंदगी का हिस्सा बनती है।' कहने का यह मतलब है, खुशी आपके आसपास मौजूद होती है, बस आपको महसूस करने की जरूरत है।
परिवार में है खुशी
समाजशास्त्री प्रीति सुराणा कहती हैं, 'कई लोग खुशी हमेशा बाहर खोजते हैं, जबकि यह हमारे आस-पास अपनों के बीच, परिवार में ही छिपी है। जब हम अपने परिवार के सदस्यों की खुशी में सच्चे मन से शरीक होने लगते हैं या फिर उनकी खुशी के लिए कोशिश करते रहते हैं तो हम भी खुश होते हैं। जाहिर है जब आप इस मानसिकता से कोई काम करते हैं तो परिवार के दूसरे सदस्य भी आपके लिए ऐसा ही करते हैं। इस तरह आपकी जिंदगी के दुख-तकलीफ कम होने लगते हैं, आप खुश रहने लगते हैं। इसलिए जरूरी है, अपने परिवार, भाई-बहनों और निकट के संबंधियों से जुड़े रहें।
दोस्तों में है खुशी
मिशीगन स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि दोस्त हमें अपने रिश्तेदारों से भी ज्यादा खुश कर सकते हैं। इस रिसर्च को करने वाले विलियम चौपिक, जो साइकोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर हैं, कहते हैं, ' दोस्तों का सेलेक्शन आप अपनी मर्जी से कर सकते हैं। जबकि फैमिली रिलेशनशिप बनी-बनाई होती है, जो कई बार नेगेटिव भी हो सकती है। इस रिसर्च में दो अध्ययनों का विश्लेषण किया गया। एक अध्ययन 90 देशों के 15 से 99 वर्ष के 300000 लोगों पर किया गया। इसमें पाया गया कि दोस्ती को अहमियत देने वाले लोग ज्यादा हेल्थी और हैप्पी निकले। दूसरे अध्ययन में एक अमेरिकी सर्वे के आंकड़े थे, जिसमें 50 से ज्यादा उम्र के 7481 लोगों से बातचीत की गई। इसमें पाया गया कि लोगों का अच्छे दोस्तों की सोहबत में न सिर्फ मन खुश रहा बल्कि तन भी काफी हद तक स्वस्थ रहा।
नजदीकी रिश्तेदारों के बीच खुशी
दोस्तों के साथ नजदीकी रिश्तेदारों का साथ भी खुशी देता है। रिलेशनशिप काउंसलर, बिहेवियर एक्सपर्ट रेखा श्रीवास्तव के अनुसार, 'कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं, जिनको आप जरा जतन से रखें, उन्हें मान-सम्मान दें तो वह आपकी खुशी का सबब बन सकते हैं। मामा-मामी, चाचा-चाची, बुआ और कुछ दूर के रिश्ते दुख-सुख में साथ रहते हैं, एक बेहतरीन सपोर्ट सिस्टम भी बनते हैं। इनका साथ मन को सुकून-शांति देता है। इसलिए समय-समय पर किसी त्योहार के बहाने या जन्मदिन के बहाने इनसे मेल-जोल बनाए रखें।'
बच्चों के साथ खुशी
बच्चों के साथ खेलना-खिलखिलाना मन को सुकून देता है। उनके साथ बच्चे बनकर आप अपने बचपन में लौट आते हैं, इन पलों में आप बेहद खुश हो जाती हैं। कई वैज्ञानिक शोधों में पता चला है कि बच्चों के साथ खेलना स्ट्रेस रिलीवर का काम करता है। उनके साथ आप घंटों बेफिक्री में गुजार सकते हैं। एक खुशी और सुकून महसूस कर सकते हैं।
अगर आप भी खुश रहने की चाहत रखती हैं तो इन बातों को अमल में लाइए और खुशी की दौलत हासिल कीजिए।
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