Happy Father's Day 2022: FATHER शब्द के हर अक्षर से छलके प्यार, जानिये क्या है सही मायने

Happy Fathers Day 2022: FATHER शब्द के हर अक्षर से छलके प्यार, जानिये क्या है सही मायने
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यह सही है कि हर संतान के लिए उसकी मां की ममता अनमोल होती है। लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि पिता का भी अपने बच्चे से जुड़ाव अव्यक्त ही सही लेकिन बहुत गहरा होता है। यह लगाव और स्नेह, 'फादर' शब्द के हर अक्षर में भी अलग-अलग अर्थों में प्रकट होता है।

आज के जमाने में हर डे का खास महत्व है और नई पीढ़ी डे को सेलिब्रेट करते हैं। इसी में से एक है फादर्स डे (Happy Father's Day 2022)। इस साल भी फादर्स डे 19 जून को है और आप इस दिन अपने पापा को स्पेशल बताने का एक मौक़ा न छोड़े क्योंकि उनकी अहमियत हमसे बेहतर कोई नही जानता है। यह सही है कि हर संतान के लिए उसकी मां की ममता अनमोल होती है। लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि पिता का भी अपने बच्चे से जुड़ाव अव्यक्त ही सही लेकिन बहुत गहरा होता है। यह लगाव और स्नेह, 'फादर' शब्द के हर अक्षर में भी अलग-अलग अर्थों में प्रकट होता है।

एफ (फॉरएवर): बचपन, किशोर ही नहीं युवावस्था के बाद भी पिता अपने बच्चे के साथ हमेशा एक मजबूत सहारे के रूप में खड़े रहते हैं। अपनी गाइडेंस और सपोर्ट के जरिए पिता अपने बच्चे के भीतर भरोसा जगाए रहते हैं कि वे फॉरएवर उसके साथ हैं, रहेंगे।

ए (अटैचमेंट): बिना कुछ कहे अपने बच्चे को सोते हुए देखना, घर से बाहर जाते हुए बच्चे को कुछ कहे, कुछ अनकहे शब्दों में हिदायतें देना या शादी के बाद विदा की घड़ी में बेटी के सामने अपने आंसुओं को रोकने की तमाम कोशिशों के बाद असफल होना, ऐसी तमाम बातें बयां करती हैं कि पिता अपने बच्चे से किस गहनता से अटैच रहते हैं।

टी (टफनेस): बच्चे के लिए पिता ही बाहरी छवि टफ यानी कठोर ही नजर आती है। लेकिन इस टफनेस में भी बच्चे को व्यावहारिक जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करने का भाव निहित होता है।

एच (हार्डवर्किंग): बच्चे की हर ख्वाहिश पूरा करने और बेहतर भविष्य के लिए पैसे की कभी कोई कमी ना हो, इसके लिए पिता कठिन परिश्रम करने से पीछे नहीं हटते हैं। समानांतर रूप में इसके बहाने वे बच्चे को जीवन में परिश्रम की महत्ता का संदेश भी सिखाते हैं।

इ (इमोशनल): मांएं तो बच्चे के लिए अपने इमोशंस प्रकट करती ही रहती हैं, लेकिन पिता के अपनी संतान से भावनात्मक जुड़ाव की थाह लगा पाना कठिन है। उनके इमोशंस बिना शब्दों के ही उनके व्यवहार और हाव-भाव से जाहिर होते रहते हैं।

आर (रिलायबल): बचपन में जब बच्चा चलना शुरू करता है तो वो पिता की अंगुली ही होती है, जिसे थामे वह पूरे भरोसे के साथ निर्भय और चिंतामुक्त होकर कदम आगे बढ़ाता जाता है। यह रिलायबिलिटी, बच्चे को आगामी जीवन में आगे बढ़ने के लिए उसके भीतर आत्मविश्वास जगाती है कि जीवन के हर मोड़ पर उसके पापा की सीख, उसे अपनी राह से भटकने नहीं देगी।

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