Happy Women's Day: सेक्स तस्करों के चंगुल से जान की बाजी लगा रंगू सौरिया ने बचाई हजारों बच्चियों की जिंदगी, जानिए ऐसी चार महिलाओँ के बारे में...

Happy Womens Day: सेक्स तस्करों के चंगुल से जान की बाजी लगा रंगू सौरिया ने बचाई हजारों बच्चियों की जिंदगी, जानिए ऐसी चार महिलाओँ के बारे में...
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Happy Women's Day: हौसले बुलंद और इरादा पक्का हो तो कुछ भी असंभव नहीं, फिर चाहे चुनौतियां कितनी भी कठिन क्यों ना हों। इस बात को कई महिलाएं भी साबित करती रही हैं। नारीशक्ति की मिसाल कायम करने वाली चार ऐसी ही महिलाओं के बारे में जानिए।

Happy Women's Day 2022: आज 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) मनाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र (US) ने इस दिन का थीम 'स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता'(Gender Equality Today for a Sustainable Tomorrow) रखा है। इस खास दिन (Women Special Day) पर हम आपके लिए लाएं हैं ऐसी चार महिलाओं की जानकारी जिन्हों ने कठिन परिस्थितयों और कड़ी चुनौतियों का सामना करते हुए एक मिसाल कायम की है। इन महिलाओं ने इस बात को साबित कर दिया है कि अगर हौसला बुलंद हो को हर काम मुश्किल से मुश्किल काम मुमकिन हो जाता है...

रंगू सौरिया (Rangu Souriya)

कंचनजंगा उद्धार केंद्र नामक एनजीओ की संस्थापक रंगू सौरिया अब तक 8000 से ज्यादा किशोरियों और बच्चियों को सेक्स कारोबार के गंदे दलदल में जाने से बचा चुकी हैं। मासूम बेटियों को सेक्स तस्करों के जाल में फंसने से बचाने और मुक्त कराने के लिए उन्हें कई बार जान की बाजी भी लगानी पड़ी। उनके इस साहसी प्रयासों के लिए उन्हें 2011 में गोडफ्रे फिलिप्स नेशनल ब्रेवरी अवॉर्ड से नवाजा गया। रंगू सौरिया को इस काम के लिए कई सामाजिक संगठनों ने भी सम्मानित किया है। उन्हें राष्ट्रपति द्वारा वूमेन अचीवर्स ऑफ इंडिया अवॉर्ड भी मिला है। वे अपने मिशन में अब भी जुटी हुई हैं और महिलाओं को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए संघर्ष की प्रेरणा देती हैं।

प्रांजिल पाटिल (Pranjal Patil)

30 वर्षीय प्रांजिल पाटिल ने 6 वर्ष की उम्र में ही अपनी दृष्टि खो दी थी। लेकिन इससे उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। महाराष्ट्र की रहने वाले प्रांजिल ने 2017 में यूपीएससी परीक्षा में 124वीं रैंक हासिल की। 28 मई 2018 को उन्होंने केरल के एर्नाकुलम जिले में असिस्टेंट कलेक्टर का पद ग्रहण किया। इस तरह वे देश की पहली विजुअली इंपेयर्ड महिला आईएएस अफसर बन गईं। 2016 में भी उन्होंने यूपीएससी क्लियर कर लिया था, लेकिन अपने 773 रैंक से वे संतुष्ट नहीं थीं। उन्हें इंडियन रेलवे अकाउंट सर्विस में भी जॉब मिला था, जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया था फिर प्रयास कर अगले वर्ष मनचाहा मुकाम हासिल किया।

गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath)

भारतीय मूल की अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ को कुछ माह पहले ही इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड यानी आईएमएफ ने चीफ इकोनॉमिस्ट के पद पर नियुक्त किया। पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के बाद इस पद पर आसीन होने वाली वे दूसरी भारतीय और पहली भारतीय महिला हैं। गीता का जन्म और पालन-पोषण भारत में हुआ। 2001 में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी करने से पहले वे दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए और एमए कर चुकी हैं। उनके रिसर्च का विषय इंटरनेशनल फाइनेंस और मैक्रोइकोनॉमिक्स है। पीएचडी के बाद यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में वे असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति हुईं। उन्हें 45 से कम उम्र के टॉप 25 वैश्विक अर्थशास्त्रियों की सूची के लिए भी नामित किया जा चुका है।

मान कौर (Man Kaur)

चंडीगढ़ मिरैकल के नाम से प्रसिद्ध 104 वर्षीय मान कौर के जीवट की दास्तान सुनकर आप रोमांचित हो उठेंगी। 93 साल की उम्र में उन्होंने एथलीट बनने का निश्चय किया। 11 साल के एथलीट करियर में मान कौर ने कई पुरस्कार हासिल कर लिए हैं। स्पेन में वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप का गोल्ड मेडल और वर्ल्ड मास्टर्स गेम न्यूजीलैंड में 100 मीटर का गोल्ड मेडल सहित कई पुरस्कार इन के खाते में जमा हैं। इन्हें अपने 78 वर्षीय पुत्र गुरुदेव से प्रेरणा मिली, जिन्होंने 2011 में इन्हें एथलेटिक्स के बारे में बताकर प्रेरित किया। इन्हें दुनिया का सबसे तेज शतायु एथलीट माना गया है। मार्च 2020 में इन्हें राष्ट्रपति ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। मान कौर अपनी डाइट और फिटनेस को लेकर जागरूक रहती हैं और रोज ट्रेनिंग लेती हैं। ये महिलाओं ही नहीं बहुत से पुरुषों के लिए भी प्रेरणा बन गई हैं।

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